वाराणसी: कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर ने वाराणसी में कथा के दौरान मीडिया से बातचीत करते हुए आगरा में उनके खिलाफ दाखिल परिवाद और आरोपों को लेकर प्रतिक्रिया दी. देवकीनंदन ठाकुर ने कहा कि उन्होंने कुछ गलत नहीं कहा है, लेकिन फिर भी वह चिंतन करेंगे. गौरतलब है कि आगरा के अधिवक्ता अजय प्रताप सिंह ने कश्मीरी पंडितों के नरसंहार के लिए जयचंदों को दोषी बताए जाने वाले बयान को आधार बनाते हुए देवकीनंदन ठाकुर के खिलाफ परिवाद दाखिल किया है. अधिवक्ता का कहना है कि अभी तक के रिसर्च में ऐसा कोई प्रमाण नहीं मिला है, जो यह साबित करेगी कन्नौज के महाराज जयचंद गद्दार थे. इसलिए सार्वजनिक मंच से दिया गया यह बयान क्षत्रिय समाज की छवि को खराब करने वाला है.
मीडिया की ओर से जब परिवाद को लेकर सवाल को टालते हुए देवकीनंदन ठाकुर ने संभल में हुई हिंसा को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तरफ से बांग्लादेश और संभल के उपाधियों के डीएनए एक होने के बयान पर उनका समर्थन किया है. उन्होंने कहा कि 'बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार हो रहा और वहां भगवान का अपमान कर रहे हैं. आप उनकी मानसिकता को कैसे बदल सकते हैं, जो हमारी कंडीशन अफगानिस्तान में हुई जो पाकिस्तान में हुई जो कश्मीर में हुई वही कंडीशन तो हमारी बांग्लादेश में हो रही है. ऐसी सेम कंडीशन हर जगह कैसे हो सकती है, जो बुद्धिजीवी या पढ़े-लिखे लोग हैं वह लोग इसका जवाब दें. क्यों वह लोग हमें मिटाना चाहते हैं.'
कथा वाचक ने आगे कहा कि 'हमारे ठाकुर जी और हमारे पूजा पद्धति से उन्हें एतराज क्यों है, यहां मंदिरों को तोड़कर मस्जिद बनाई गई है, यह इतिहास है. वहां मंदिर तोड़े जा रहे हैं. पहले कैमरे नहीं थे लेकिन आज कैमरे में तो सब कुछ कैद हो रहा है. सब हकीकत सामने आ रही है. हमको ऐसा लगता है कि हमें भी जीने का अधिकार है. हम किसी के दया पर नहीं पल रहे हैं. हमारा कोई वध नहीं कर सकता हमें कोई मिटा नहीं सकता है. अगर हमें मिटाने का कोई प्रयास करेगा तो हम उसे रोकने का प्रयास अवश्य करेंगे. देवकीनंदन ठाकुर ने कहा कि 'मेरा स्पष्ट कहना है हिंदुओं के खिलाफ विचारधारा पर चिंतन मनन करना चाहिए'.
वहीं राहुल गांधी के संभल जाने और विपक्ष की राजनीति को लेकर देवकीनंदन ठाकुर ने कहा कि 'वह राजनीतिक विषय है. मैं उसे पर कुछ नहीं बोल सकता हूं. लेकिन मैं सिर्फ इतना जानता हूं जिन लोगों को यह लग रहा है कि संभल में मिलने जाना चाहिए. उन सभी से हाथ जोड़कर में प्रार्थना करना चाहता हूं. हिंदू होते हुए मैं बस यही कहना चाहूंगा कि उन लोगों को बांग्लादेश के खिलाफ भी बोलना चाहिए. बांग्लादेश में हिंदुओं के प्रति हो रहे व्यवहार के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करनी चाहिए और उन्हें बचाने का प्रयास किया जाना चाहिए'.
इसे भी पढ़ें-कथावाचक देवकीनंदन के खिलाफ आगरा कोर्ट में परिवाद दर्ज, जयचंद को गद्दार कहने का आरोप