देहरादून: एसटीएफ की साइबर पुलिस ने करोड़ो की धोखाधड़ी मामले में एक साइबर ठग को राजस्थान से गिरफ्तार किया है, जनपद हरिद्वार निवासी एक पीड़िता के साथ एक करोड़ रुपए से अधिक की साइबर धोखाधडी की गई थी. जिसके बाद पीड़िता की शिकायत पर पुलिस ने कार्रवाई कर आरोपी को गिरफ्तार किया.
कैसे करते थे साइबर ठगी: गिरोह ने व्हाट्सएप पर यूके वर्चुअल नम्बर का प्रयोग कर व्हाट्सएप संदेश के माध्यम से लोगों से सम्पर्क कर खुद को भारतीय ब्रोकर के रुप में पेश किया और निवेश कराने के नाम पर कम समय में अधिक से अधिक मुनाफा कमाने का लालच दिया था और शेयर मार्केट सहित स्टॉक ट्रेडिंग की अलग-अलग कम्पनियों की फर्जी वेबसाइट बनाकर धोखाधड़ी को अंजाम दिया.
![CYBER CRIME IN UTTARAKHAND](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/14-02-2025/uk-deh-02-accused-arrested-vis-uk10026_14022025144537_1402f_1739524537_1069.jpg)
हरिद्वार की रहने वाली पीड़िता ने दर्ज कराई थी शिकायत: दिसंबर 2024 में साइबर पुलिस स्टेशन देहरादून में हरिद्वार निवासी पीड़िता ने शिकायत दर्ज कराई थी कि उसे यूके स्थि फर्म क्वांटम कैपिटल के नाम से एक व्हाट्सएप मैसेज मिला है. जिसके बाद व्हाट्सएप नंबर से एक व्यक्ति द्वारा खुद को भारतीय ब्रोकर के रूप में पेश किया गया और 12000 रुपये के निवेश पर 16000 रुपये का एक छोटा सा रिटर्न देकर विश्वास में लिया गया और फिर उसने अपने फर्म पोर्टल क्वांटम कैपिटल के माध्यम से इसे 50% तक बढ़ाने के लिए पीड़िता से 18 लाख रुपये मांगे.
Whats app Call के जरिए संपर्क करते थे साइबर ठग: साइबर ठगों की ओर से पीड़िता को रोजाना व्हाट्सएप कॉल की जाती थी और निवेश के लिए मांगे गए रुपयों को किसी ट्रेड पोर्टल के माध्यम से निवेश करना बताया जाता था. पीड़िता को फोन पर फर्जी वेबसाइट पर मुनाफा दिखाया जाता था और क्लिक करने पर 15 मिनट में पैसे प्राप्त होने की बात कही जाती थी. लेकिन पीड़िता को कभी पैसे नहीं मिले और बात करने पर टालमटोल की जाती रही.
इस प्रकार अज्ञात साइबर ठगों ने पीड़िता से इस पूरे मामले में क्वांटम कैपिटल के माध्यम से 64,27,668 रुपये और Q YOU मीडिया के माध्यम से 78,75,987 रुपये कुल 1, करोड़ 43 लाख 3 हजार 655 रुपए की साइबर धोखाधड़ी की गई.
IDBI बैंक के अलग-अलग खातों में भेजी गई रकम: पुलिस टीम को विवेचना के दौरान जांच में पता चला कि आरोपियों ने पीड़िता से धोखाधड़ी से ठगी गई धनराशि को अलग-अलग बैंक खातों में ट्रांसफर किया था. जिसमें से अलवर राजस्थान के अलग-अलग पांच आईडीबीआई बैंक खातों में 55 लाख 94 हजार 110 रुपये ट्रांसफर किए गए और इन खातों में कुल 2,33,17,920 रुपये का लेन देन हुआ है. साथ ही इन बैंक खातों के खिलाफ राष्ट्रीय साइबर क्राईम पोर्टल पर 15 शिकायतें दर्ज होना भी पाई गई.
दिल्ली, उत्तरप्रदेश और राजस्थान के कई इलाकों में दबिश: विवेचना के दौरान साइबर थाना पुलिस टीम ने डिजिटल साक्ष्य इक्टठे कर घटना के मास्टर मांइड और मुख्य आरोपियों को चिन्हित कर तलाश की और गिरफ्तारी के लिए दिल्ली, उप्र और राजस्थान में कई स्थानों पर दबिशें दी. जिसके बाद पुलिस टीम ने मास्टरमाइंड कैलाश सैनी निवासी जिला-अलवर, राजस्थान को जयपुर हाईवे पर रिंगस बाईपास, जिला सीकर,राजस्थान से गिरफ्तार किया है. इसके कब्जे से सम्बन्धित बैंक खाता जिसमें पीड़िता से धोखाधड़ी कर 8,39,610 रुपये डलवाए गए थे, उसका एसएमएस अलर्ट नंबर सहित घटना में प्रयोग एक मोबाइल हैंडसेट भी बरामद हुए हैं. अब तक की विवेचना से आरोपी के सम्बन्धित आईडीबीआई बैंक एकाउण्ट में कुल 30,50,242 रुपये की धनराशि फर्जी तरीके से आई है और उसके खाते के खिलाफ राष्ट्रीय साइबर क्राइम पोर्टल में 03 शिकायतें दर्ज हैं.
वर्चुअल नंबर का यूज कर की गई ठगी: एसएसपी एसटीएफ नवनीत भुल्लर ने बताया है कि गिरोह द्वारा व्हाट्सएप पर यूके वर्चुअल नम्बर का प्रयोग कर व्हाट्सएप संदेश के माध्यम से लोगों से सम्पर्क किया जाता है. अलग-अलग कम्पनियों के नाम से बनाये गये फर्जी व्हाट्सएप ग्रुप और टेलीग्राम चैनल्स में जोड़कर खुद को भारतीय ब्रोकर के रुप में पेश कर निवेश कराने के नाम पर कम समय में अधिक से अधिक मुनाफा कमाने का लालच दिया जाता है.
साथ ही शेयर मार्केट और स्टॉक ट्रेडिंग की अलग-अलग कम्पनियों की फर्जी वेबसाइट बनाकर ट्रेडिंग पोर्टल के माध्यम से निवेश का मुनाफा दिखाकर लोगों का विश्वास हासिल किया जाता है. इस तरीके से ये लोगों से अधिक से अधिक संपर्क करते थे और उनसे अधिक से अधिक पैसा जमा कराकर धोखाधड़ी करते थे.
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