प्रयागराज : उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के आरओ-एआरओ पेपर लीक मामले में प्रयागराज के सिविल लाइंस थाने में दर्ज केस में एसटीएफ की तरफ से चार्जशीट दाखिल कर दी गई है. सूत्रों के मुताबिक, एसटीएफ की तरफ से मामले के सभी 16 आरोपियों के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी गई है. 11 फरवरी को हुई आरओ एआरओ परीक्षा का पेपर लीक होने के बाद माह के अंत में इस मामले में परीक्षा निरस्त की गई थी. जिसके बाद आयोग के सचिव की तरफ से दी गई तहरीर के आधार पर सिविल लाइंस थाने में केस दर्ज किया गया था, लेकिन केस दर्ज होने के साथ ही पूरे मामले की जांच यूपी एसटीएफ को सौंप दी गई थी.
सूत्रों के मुताबिक, उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की निरस्त की गई आरओ-एआरओ भर्ती परीक्षा का पेपर लीक करवाने के सभी 16 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर दी गई है. यूपी एसटीएफ इस पूरे मामले की जांच कर रही है और इसी क्रम में प्रयागराज के सिविल लाइंस थाने में दर्ज केस में कार्रवाई करते हुए एसटीएफ की तरफ से सभी आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट तैयार कर उसे कोर्ट में दाखिल कर दिया गया है. 16 आरोपियों के खिलाफ 25 पन्ने की चार्जशीट दाखिल की गई है, जबकि इस केस की केस डायरी 2 हजार पन्नों की बताई जा रही है.
क्या था पूरा मामला : बता दें कि यूपी लोक सेवा आयोग की तरफ से 11 फरवरी को आरओ-एआरओ की भर्ती परीक्षा आयोजित करवाई गई थी. जिस परीक्षा का पेपर सोशल मीडिया में लीक हो गया था, उसके बाद यूपी लोक सेवा आयोग ने 2 फरवरी को भर्ती परीक्षा निरस्त कर पुनर्परीक्षा करवाने का आदेश जारी कर दिया था. उसके बाद 3 मार्च को आयोग के परीक्षा नियंत्रक अजय कुमार तिवारी को पद से हटा दिया गया है. उन्हें आयोग से हटाकर राजस्व परिषद में पोस्टिंग कर दी गई है. इसके साथ यूपी लोक सेवा आयोग के सचिव अशोक कुमार की तरफ प्रयागराज के सिविल लाइंस थाने में पेपर लीक से जुड़े मामले की जांच कर आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई किये जाने की मांग को लेकर मुकदमा दर्ज करवाया गया था. पुलिस ने आयोग के सचिव की तहरीर पर केस दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी थी, लेकिन उसके बाद ही इस मामले की जांच यूपी एसटीएफ के हवाले कर दी गयी थी. जिसके बाद एसटीएफ ने जांच कर आरोपियों का पता लगाकर उन सभी की गिरफ्तारी कर उन्हें जेल भेज दिया है.