जोधपुर: पिछले दिनों हुए दुष्कर्म के मामलों को लेकर राज्य महिला आयेाग की अध्यक्ष रेहाना चिश्ती ने कहा है कि जोधपुर में जो मामले हुए हैं, उनसे मानवता शर्मसार हैं. सभ्य समाज इस तरह की बातों को बर्दाश्त नहीं कर सकता. उन्होंने कहा कि सामाजिक व्यवस्था में हमें सोचना होगा, क्योंकि हम लड़कों और लड़कियों को अलग अलग तरीके से पाल रहे हैं. लड़कियों को दबाकर रखना और लड़कों को छूट देना गलत है. लड़कों को यह सिखाना होगा कि यदि वे लड़कियों की रक्षा नहीं करेंगे तो वे कहां जाएंगी. लड़कियां भी इस समाज का हिस्सा हैं.
जोधपुर के सर्किट हाउस में शुक्रवार को महिला आयोग ने अपनी पूरी बैंच के साथ जनसुनवाई की. आयोग की अध्यक्ष ने कहा कि स्कूली शिक्षा के माध्यम से लड़कों को यह बताना होगा कि जितनी जरूरत उनकी है उतनी ही लड़कियों की हैं. किसी का मर्डर होता है तो व्यक्ति मर जाता है, लेकिन जिसके साथ दुष्कर्म या छेड़छाड़ होती है वह जिंदगी पर भर मरती रहती है. हमें इसे लेकर गंभीर होना पडे़गा. उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों में कार्रवाई जल्दी हो, फास्ट ट्रेक कोर्ट में ट्रायल चलाकर जल्द से जल्द सजा हो, ऐसा होना जरूरी है.
जनसुनवाई में बड़ी संख्या में आई महिलाएं: महिला आयोग की अध्यक्ष की जनसुनवाई में बड़ी संख्या में पीड़ित महिलाएं और युवतियां पहुंची. अध्यक्ष व पूरी बैंच ने उनकी पीड़ा सुनी और मौजूद अधिकारियों को समस्याओं के निस्तारण के आदेश दिए. पुलिस में दर्ज मामलों में कार्रवाई नहीं होने और गलत कार्रवाई को लेकर भी मौके पर मौजूद अधिकारियों को निर्देश दिए. एक बुजुर्ग महिला ने व्यथा बताई कि उसके परिजनों ने उसे मारपीट कर घर से निकाल दिया. इस पर डीसीपी आलोक श्रीवास्तव ने तुरंत थानाधिकारी को फोन कर महिला को राहत दिलाने के निर्देश दिए.
30 सितंबर तक मांगी रिपोर्ट: जनसुनवाई से पहले आयोग की अध्यक्ष ने जिला कलेक्टर सहित सभी अधिकारियों की बैठक ली. उन्होंने एमजीएच में हुई दुष्कर्म की घटना को लेकर मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल ओर एमजीएच अधीक्षक से बात की और अस्पताल में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर सवाल पूछे. आयोग की अध्यक्ष ने निर्देश दिए कि अस्पतालों के सीसीटीवी कैमरे पुलिस के अभय कमांड से जुड़ने चाहिए. पुलिस को निर्देश दिए कि अस्पताल की चौकी के पुलिस कर्मी अस्पताल में राउंड भी लें. अस्पतालों की सुरक्षा को लेकर तीस सितंबर तक रिपोर्ट के साथ एमजीएच अधीक्षक को जयपुर तलब किया.