जयपुर. राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर में जल जीवन मिशन पर राज्य स्तरीय कार्यशाला आयोजित हुई. कार्यशाला में जलदाय मंत्री कन्हैया लाल चौधरी ने रिजर्वायर क्लीनिंग मॉनिटरिंग एप की लांचिंग की. कन्हैया लाल चौधरी ने कहा कि सभी अभियंता राजस्थान को जल जीवन मिशन में ऊपरी पायदान पर लाने को चुनौती के रूप में लें और मिशन के लक्ष्य पूरे करने में जुट जाएं. उन्होंने कहा कि गुणवत्तापूर्ण कार्य करने के साथ परियोजनाओं में प्रगति आए इस पर पूरा फोकस किया जाए.
कार्यशाला में प्रदेश भर से करीब एक हजार अभियंताओं ने भाग लिया. जलदाय मंत्री ने कहा कि लोगों को पानी पिलाना पुण्य का काम है. जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग में होने के कारण हमें अंतिम व्यक्ति तक पेयजल की आपूर्ति करने की जिम्मेदारी मिली है. इसका निर्वहन करने में जी-जान से जुटें. चौधरी ने परियोजनाओं से जुड़े अभियंताओं को साइट विजिट कर मेजरमेंट बुक चैक करने एवं ठेकेदार फर्म के कार्यों की पूरी निगरानी करने के निर्देश दिए. यह सुनिश्चित करना हम सभी का फर्ज बनता है कि जनता को पेयजल को लेकर किसी भी तरह की तकलीफ नहीं हो. पूर्व की गलतियों में सुधार लाते हुए परियोजनाएं बनाते समय इस बात की पूरा ध्यान रखा जाएगा कि जो योजना बन रही है उसमें पूरा पानी मिल रहा है या नहीं. उन्होंने कहा कि ऐसा कार्य करें कि प्रदेश की जनता की नजरों में आपकी छवि एक जिम्मेदार व्यक्ति की बने. उन्होंने विश्वास जताया कि राजस्थान जेजेएम के लक्ष्यों को हासिल करने में सफल होगा.
रिजर्वायर क्लीनिंग मॉनिटरिंग मोबाइल एप लांच : जलदाय मंत्री ने इस अवसर पर रिजर्वायर क्लीनिंग मॉनिटरिंग एप की लांचिंग की. इस एप के माध्यम से प्रदेश में उच्च एवं स्वच्छ जलाशयों की क्लीनिंग की मॉनिटरिंग मोबाइल एप के माध्यम से की जाएगी. कार्यशाला के अलग-अलग सत्रों में जेजेएम की पर्फोरमेंस इंडीकेटर्स, पेयजल की गुणवत्ता में सुधार, मॉनिटरिंग एवं सर्विलांस, जेजेएम में नवाचारों तथा सक्सेस स्टोरीज, जलदाय विभाग में आईटी एवं नवाचारों, अमृत 2.0 आदि के बारे में चर्चा की गई.
जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के शासन सचिव डॉ. समित शर्मा ने कहा कि विभाग के अभियंता यह सुनिश्चित करें कि जो परियोजनाएं अभी चल रही हैं, उनसे पर्याप्त, गुणवत्तापूर्ण पेयजल आपूर्ति हो सके. आगे आने वाली परियोजनाओं एवं अमृत योजना का प्रभावी क्रियान्वयन हो, ताकि राजस्थान के प्रत्येक गांव-ढाणी तक पानी पहुंचाया जा सके. उन्होंने अमृत 2.0 के तहत प्रदेश के 183 नगरीय निकायों में घर-घर तक जल पहुंचाने की जिम्मेदारी का निर्वहन भी बखूबी करने का संदेश दिया.
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डॉ. शर्मा ने कहा कि पेयजल आपूर्ति का एक निश्चित समय तय होना चाहिए. किस शहर में कितनी देर तक और किस समय पेयजल आपूर्ति की जा रही है, इसकी भी रूपरेखा तैयार की जाए. उन्होंने कहा कि जिस प्रकार ट्रेन समय पर आती है उसी प्रकार हमारी जलापूर्ति भी तय समय पर हो, ऐसी व्यवस्था बनाई जाए. इसके लिए हमें सूचना प्रौद्योगिकी का भरपूर इस्तेमाल करना होगा. अभी स्काडा सिस्टम उपयोग में लाया जा रहा है. 38 प्रोजेक्ट्स में स्काडा मैपिंग की जा चुकी है, जबकि 81 प्रोजेक्ट्स में इसकी मैपिंग बाकी है. उन्होंने विभागीय अभियंताओं को पेयजल उपभोक्ताओं के प्रति समर्पण की भावना के साथ कार्य कर विभाग को नई ऊंचाइयों पर ले जाने की सीख दी. उन्होंने सेवाभाव, हार्डवर्क, कमिटमेंट, समर्पण एवं विनम्रता को सफलता की कुंजी बताया.