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साल की पहली लोक अदालत का आयोजन, लाखों मामले किए गए सूचीबद्ध - first Lok Adalat of the year

State Legal Services Authority साल की पहली लोक अदालत का आयोजन शनिवार को जयपुर में किया गया. इस दौरान लाखों मामले सूचीबद्ध किए गए.

first Lok Adalat of the year
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Mar 9, 2024, 3:50 PM IST

Updated : Mar 9, 2024, 9:25 PM IST

जयपुर. राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से साल की पहली लोक अदालत का आयोजन शनिवार को किया गया. राजस्थान हाईकोर्ट सहित प्रदेश की अधीनस्थ अदालतों में विशेष बेंच गठित कर आपसी सहमति से मुकदमों का निस्तारण किया गया. राजस्थान हाइकोर्ट और अधीनस्थ अदालतों में कुल 499 बेंच का गठन कर लाखों मामले सूचीबद्ध किए गए.

राजस्थान हाईकोर्ट, जयपुर में राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यकारी अध्यक्ष जस्टिस पंकज भंडारी ने लोक अदालत का शुभारंभ किया. जस्टिस भंडारी ने कहा कि लोक अदालत के माध्यम से मुकदमों का अंतिम निस्तारण हो जाता है. दोनों पक्षों की सहमति से मुकदमों का निस्तारण होने के चलते मामले में अपील भी नहीं होती है. वहीं, प्री लिटिगेशन के जरिए पीड़ित व्यक्ति मुकदमा दायर करने से पूर्व भी आपसी सहमति से विवाद का निस्तारण कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि लोक अदालत में निस्तारित हुए मुकदमों की बड़ी संख्या राजस्व प्रकरणों से जुड़ी हुई होती है, जिसके चलते आंकड़ों की संख्या बढ़ी हुई आती है.

पढ़ें. ई-कोर्ट के जरिए बीकानेर के वकील कर सकेंगे हाईकोर्ट में पैरवी, CJI ने की घोषणा

राजस्थान हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रहलाद शर्मा ने कहा कि लोक अदालत में संबंधित प्रकरण के वकील को किसी तरह का कोई मानदेय नहीं दिया जाता, जिसके चलते वकीलों की भूमिका लोक अदालत में नगण्य ही रहती है. विधिक सेवा प्राधिकरण के पास करोड़ों रुपए का बजट होता है. यदि लोक अदालत में वह वकीलों को तय मानदेय दें तो इससे लंबित मुकदमों का बड़ी संख्या में निस्तारण हो सकता है. बता दें कि प्राधिकरण की ओर से गत वर्ष चार बार आयोजित लोक अदालत में कुल एक करोड़ 65 लाख से अधिक मुकदमों का निस्तारण किया गया था. फिलहाल हाईकोर्ट सहित प्रदेश की अधीनस्थ अदालतों में करीब 30 लाख मामले लंबित चल रहे हैं.

बूंदी में 11 लाख से अधिक प्रकरणों का निस्तारण : जिले के न्यायालयों में लम्बित एवं प्री-लिटिगेशन मामलों को राष्ट्रीय लोक अदालत में रेफर कर कुल 12 बेंच गठित करते हुए आम जन को शीघ्र और सुलभ न्याय दिलवाने का प्रयास किया गया. कुल 139938 मामले रेफर किए गए, जिनमें से 119351 प्रकरणों का निस्तारण कर कुल अवार्ड 83461015 पारित कर जनता को राहत पहुचाई गई.

जयपुर. राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से साल की पहली लोक अदालत का आयोजन शनिवार को किया गया. राजस्थान हाईकोर्ट सहित प्रदेश की अधीनस्थ अदालतों में विशेष बेंच गठित कर आपसी सहमति से मुकदमों का निस्तारण किया गया. राजस्थान हाइकोर्ट और अधीनस्थ अदालतों में कुल 499 बेंच का गठन कर लाखों मामले सूचीबद्ध किए गए.

राजस्थान हाईकोर्ट, जयपुर में राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यकारी अध्यक्ष जस्टिस पंकज भंडारी ने लोक अदालत का शुभारंभ किया. जस्टिस भंडारी ने कहा कि लोक अदालत के माध्यम से मुकदमों का अंतिम निस्तारण हो जाता है. दोनों पक्षों की सहमति से मुकदमों का निस्तारण होने के चलते मामले में अपील भी नहीं होती है. वहीं, प्री लिटिगेशन के जरिए पीड़ित व्यक्ति मुकदमा दायर करने से पूर्व भी आपसी सहमति से विवाद का निस्तारण कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि लोक अदालत में निस्तारित हुए मुकदमों की बड़ी संख्या राजस्व प्रकरणों से जुड़ी हुई होती है, जिसके चलते आंकड़ों की संख्या बढ़ी हुई आती है.

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राजस्थान हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रहलाद शर्मा ने कहा कि लोक अदालत में संबंधित प्रकरण के वकील को किसी तरह का कोई मानदेय नहीं दिया जाता, जिसके चलते वकीलों की भूमिका लोक अदालत में नगण्य ही रहती है. विधिक सेवा प्राधिकरण के पास करोड़ों रुपए का बजट होता है. यदि लोक अदालत में वह वकीलों को तय मानदेय दें तो इससे लंबित मुकदमों का बड़ी संख्या में निस्तारण हो सकता है. बता दें कि प्राधिकरण की ओर से गत वर्ष चार बार आयोजित लोक अदालत में कुल एक करोड़ 65 लाख से अधिक मुकदमों का निस्तारण किया गया था. फिलहाल हाईकोर्ट सहित प्रदेश की अधीनस्थ अदालतों में करीब 30 लाख मामले लंबित चल रहे हैं.

बूंदी में 11 लाख से अधिक प्रकरणों का निस्तारण : जिले के न्यायालयों में लम्बित एवं प्री-लिटिगेशन मामलों को राष्ट्रीय लोक अदालत में रेफर कर कुल 12 बेंच गठित करते हुए आम जन को शीघ्र और सुलभ न्याय दिलवाने का प्रयास किया गया. कुल 139938 मामले रेफर किए गए, जिनमें से 119351 प्रकरणों का निस्तारण कर कुल अवार्ड 83461015 पारित कर जनता को राहत पहुचाई गई.

Last Updated : Mar 9, 2024, 9:25 PM IST
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