जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट को राज्य सरकार ने आश्वस्त किया है कि कोचिंग सेंटर के स्टूडेंड्स की आत्महत्या रोकने के लिए केन्द्र सरकार की ओर से बनाई गाइडलाइन की प्रभावी तौर पर क्रियान्विति की जाएगी. इसके लिए पूरी तरह से मशीनरी बनाकर इसे लागू किया जाएगा. ऐसे में राज्य सरकार को इसके लिए समय दिया जाए.
इस पर अदालत ने कहा कि राज्य सरकार के महाधिवक्ता इस मुद्दे पर संवेदनशील हैं और उन्होंने अदालत को आश्वस्त भी किया है. ऐसे में केंद्र सरकार की गाइडलाइन की पालना होनी चाहिए. वहीं अदालत ने मामले की सुनवाई 18 जुलाई को तय करते हुए एएसजी आरडी रस्तोगी व एजी राजेन्द्र प्रसाद को कहा कि वे आगामी सुनवाई पर भी उपस्थित रहें. सीजे एमएम श्रीवास्तव व जस्टिस भुवन गोयल की खंडपीठ ने यह आदेश कोचिंग सेंटर्स के स्टूडेंट्स के सुसाइड करने पर लिए गए स्वप्रेरित प्रसंज्ञान मामले में दिए.
सुनवाई के दौरान न्याय मित्र की ओर से कहा कि अदालत ने पूर्व में भी इस मामले में कई आदेश दिए हैं, लेकिन उसके परिणाम नहीं आए हैं. ऐसे में अदालत की ओर से गाइडलाइन की प्रभावी क्रियान्विति के लिए सख्ती बरती जाए. वहीं केन्द्र सरकार की ओर से एएसजी ने कहा कि इस संबंध में केन्द्र सरकार ने गाइडलाइन बनाकर 16 जनवरी, 2024 को राज्य सरकार को दे दी है. इस गाइडलाइन में कोचिंग इंस्टीट्यूट के लिए कई प्रावधान बनाए हैं और इनकी सख्ती से पालना करवाई जाए.
अदालत ने सभी पक्षों को सुनकर मामले की सुनवाई जुलाई में तय की है. गौरतलब है कि कोचिंग संस्थानों में पढ़ने वाले कई स्टूडेंट की ओर से सुसाइड करने को गंभीरता से लेते हुए हाईकोर्ट ने वर्ष 2016 में स्वप्रेरणा से प्रसंज्ञान लिया था. इसके बाद अदालत ने समय-समय पर राज्य सरकार सहित अन्य पक्षकारों को सुसाइड रोकने को लेकर दिशा-निर्देश जारी किए थे.