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गौला नदी ने खनन से सरकार का भरा खजाना, 120 करोड़ से अधिक का राजस्व मिला - Gaula River Haldwani

Gaula River Haldwani हल्द्वानी क्षेत्र में गौला नदी खनन से राज्य सरकार का खजाना भर रही है. दरअसल वित्तीय वर्ष 2024-25 में राज्य सरकार को उप खनिज से 120 करोड़ से अधिक के राजस्व की प्राप्ति हुई है. साथ ही स्थानीयों लोगों को रोजगार मिला है. ये भी पढ़ें..

Gaula River Haldwani
गौला नदी ने खनन से सरकार का भरा खजाना (Photo- ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : May 22, 2024, 7:17 PM IST

गौला नदी ने खनन से सरकार का भरा खजाना (ईटीवी भारत,)

हल्द्वानी: कुमाऊं की लाइफ लाइन कहे जाने वाली गौला नदी स्थानीय लोगों के लिए रोजगार का साधन बनती है और राज्य सरकार को भी भारी भरकम राजस्व की प्राप्ति होती है. सरकार द्वारा निर्धारित उप खनिज निकासी का लक्ष्य पूरा होने के बाद राज्य सरकार ने फिर से गौला और नंधौर नदी से खनन निकासी का लक्ष्य बढ़ा दिया है. जिसके तहत इस वर्ष 42 लाख 43000 घन मीटर गौला नदी से खनन निकासी होनी है.

गौला और नंधौर सहित अन्य नदियों से 2031 तक उप खनिज निकासी होनी है. जिसके तहत अभी तक 39 लाख 4876 घन मीटर उप खनिज की निकासी हो चुकी है. जिससे सरकार को वित्तीय वर्ष 2024-25 में 120 करोड़ 17 लाख रुपए की राजस्व की प्राप्ति हुई है. वर्ष 2019-20 में 137 करोड़, 2020-21 में 16 करोड़ 88 लाख, 2021-22 में 146 करोड़ 27 लाख, 2022-23 में 80 करोड़, 2023-24 में 157 करोड़ 42 लाख रुपए के राजस्व की प्राप्ति हुई थी,

नंधौर नदी से इस वर्ष 72,8225 घन मीटर उप खनिज की निकासी होनी है. जिसके सापेक्ष अभी तक 65,4841 घन मीटर उप खनिज की निकासी हो चुकी है. जिसके तहत सरकार को 17 करोड़ 27 लाख रुपए की राजस्व की प्राप्ति हुई है. साल 2023-24 में नंधौर नदी से 22 करोड़ ₹40000 के राजस्व की प्राप्ति हुई थी.

क्षेत्रीय प्रबंधक वन विकास निगम महेश चंद्र आर्य ने बताया कि सरकार द्वारा इस वर्ष अतिरिक्त घन मीटर आवंटित किए गए हैं. जिसके चलते स्थानीय लोगों को अधिक समय तक रोजगार की प्राप्ति होगी. साथ ही सरकार को भी भारी भरकम राजस्व की प्राप्ति होगी. उन्होंने बताया कि 31 मई तक नदियों से उप खनिज की निकासी होनी है. ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है कि समय अवधि तक लक्ष्य को पूरा कर लिया जाएगा.

गौरतलब है कि गौला व नंधौर से भारी मात्रा में खनन का कारोबार होता है, जहां से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से एक से अधिक लोगों को रोजगार की प्राप्ति होती है. साथ ही सरकार को भी भारी भरकम राजस्व की प्राप्ति होती है. 1 जून से मानसून सीजन के मद्देनजर इन नदियों से उप खनिज की निकासी बंद कर दी जाती है.

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गौला नदी ने खनन से सरकार का भरा खजाना (ईटीवी भारत,)

हल्द्वानी: कुमाऊं की लाइफ लाइन कहे जाने वाली गौला नदी स्थानीय लोगों के लिए रोजगार का साधन बनती है और राज्य सरकार को भी भारी भरकम राजस्व की प्राप्ति होती है. सरकार द्वारा निर्धारित उप खनिज निकासी का लक्ष्य पूरा होने के बाद राज्य सरकार ने फिर से गौला और नंधौर नदी से खनन निकासी का लक्ष्य बढ़ा दिया है. जिसके तहत इस वर्ष 42 लाख 43000 घन मीटर गौला नदी से खनन निकासी होनी है.

गौला और नंधौर सहित अन्य नदियों से 2031 तक उप खनिज निकासी होनी है. जिसके तहत अभी तक 39 लाख 4876 घन मीटर उप खनिज की निकासी हो चुकी है. जिससे सरकार को वित्तीय वर्ष 2024-25 में 120 करोड़ 17 लाख रुपए की राजस्व की प्राप्ति हुई है. वर्ष 2019-20 में 137 करोड़, 2020-21 में 16 करोड़ 88 लाख, 2021-22 में 146 करोड़ 27 लाख, 2022-23 में 80 करोड़, 2023-24 में 157 करोड़ 42 लाख रुपए के राजस्व की प्राप्ति हुई थी,

नंधौर नदी से इस वर्ष 72,8225 घन मीटर उप खनिज की निकासी होनी है. जिसके सापेक्ष अभी तक 65,4841 घन मीटर उप खनिज की निकासी हो चुकी है. जिसके तहत सरकार को 17 करोड़ 27 लाख रुपए की राजस्व की प्राप्ति हुई है. साल 2023-24 में नंधौर नदी से 22 करोड़ ₹40000 के राजस्व की प्राप्ति हुई थी.

क्षेत्रीय प्रबंधक वन विकास निगम महेश चंद्र आर्य ने बताया कि सरकार द्वारा इस वर्ष अतिरिक्त घन मीटर आवंटित किए गए हैं. जिसके चलते स्थानीय लोगों को अधिक समय तक रोजगार की प्राप्ति होगी. साथ ही सरकार को भी भारी भरकम राजस्व की प्राप्ति होगी. उन्होंने बताया कि 31 मई तक नदियों से उप खनिज की निकासी होनी है. ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है कि समय अवधि तक लक्ष्य को पूरा कर लिया जाएगा.

गौरतलब है कि गौला व नंधौर से भारी मात्रा में खनन का कारोबार होता है, जहां से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से एक से अधिक लोगों को रोजगार की प्राप्ति होती है. साथ ही सरकार को भी भारी भरकम राजस्व की प्राप्ति होती है. 1 जून से मानसून सीजन के मद्देनजर इन नदियों से उप खनिज की निकासी बंद कर दी जाती है.

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