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कर्मचारियों की कमी से जूझ रहा लखनऊ का अवध डिपो, ट्रांसफर के बाद केंद्र प्रभारी की वापसी ही नहीं

कर्मचारियों की कमी की वजह से कार्यालय के काम लटके, 6 महीने बाद भी नहीं हो पाई नई तैनाती, डिपो प्रभारी का पद भी रिक्त

अवध डिपो
अवध डिपो (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Oct 7, 2024, 7:35 PM IST

लखनऊ: उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के ज्यादातर डिपो कर्मचारियों की कमी से जूझ रहे हैं. लखनऊ में ही अवध डिपो में क्लर्कों की कमी की वजह से काम प्रभावित हो रहे हैं. समय पर कार्यालय में काम न होने से बसों के संचालन पर भी असर पड़ रहा है. अवध डिपो के सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक की तरफ से कई बार उच्चाधिकारियों को पत्र लिखकर कर्मचारियों की कमी पूरा करने का अनुरोध किया गया, लेकिन महीनों बीत जाने के बाद भी स्थिति जस की तस बनी हुई है. पिछले 15 दिनों से अवध डिपो केंद्र प्रभारी के बिना ही चल रहा है, जिससे यहां पर स्थिति और भी खराब हो गई है.

अवध डिपो डिपो में 107 बसों का बस बेड़ा है, जिनमें 87 परिवहन निगम की और 20 अनुबंधित बसें शामिल हैं. निर्धारित मानक के अनुसार प्रशासनिक कार्यालय में 6 कार्यालय सहायक और 40 केंद्र प्रभारी/सीनियर फोरमैन, 43 लिवरिष्ठ लिपिक/बुकिंग लिपिक की तैनाती होनी चाहिए. लेकिन वर्तमान में अवध डिपो के प्रशासनिक कार्यालय में चार कार्यालय सहायक प्रथम और सात कार्यालय सहायक द्वितीय यानी कुल 11 कार्यालय सहायक तैनात हैं. इनमें से एक कार्यालय सहायक प्रथम और तीन कार्यालय सहायक द्वितीय मुख्यालय और एक कार्यालय सहायक द्वितीय क्षेत्रीय कार्यालय में तैनात कर दिए गए हैं. इस तरह डिपो के प्रशासनिक कार्यालय में सिर्फ छह कार्यालय सहायक ही उपलब्ध रह गए हैं. इनमें भी दो महिला कार्यालय सहायक मातृत्व अवकाश पर लंबे समय के लिए गई हैं. इस तरह डिपो में प्रशासनिक कार्यालय में चार कार्यालय सहायक ही बचे हैं. जिससे कार्यालय के काम ही लटक गए हैं.

इसी तरह सात वरिष्ठ लिपिक, 25 बुकिंग लिपिक तैनात हैं, जो निर्धारित मानक से पहले ही 11 कम हैं. कुल तैनात 32 लिपिकों में चार लिपिक निगम मुख्यालय और एक आलमबाग प्रबंधन में तैनात कर दिया गया है. इस तरह डिपो में लिपिक की उपलब्धता सिर्फ 27 ही रह गई है. इनमें दो लिपिक पहले से ही सस्पेंड चल रहे हैं. ऐसे में यह संख्या और भी कम हो गई है. लिपिकों की कमी से जूझ रहे अवध डिपो के सभी पटलों का कार्य प्रभावित है. पिछले छह माह से लगातार लिपिकों की कमी पूरी करने के लिए डिपो की तरफ से अधिकारियों को अवगत कराया गया, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है. स्थिति यह हो गई है कि अब डिपो चलाना भी यहां के अफसरों के लिए मुश्किल हो गया है. काम समय पर पूरा न होने के चलते प्रशासन की तरफ से कर्मचारियों का ही नहीं एआरएम तक का वेतन रोक दिया जा रहा है.

इसे भी पढ़ें-बस स्टेशनों पर नवरात्र के पहले दिन से पैसेंजर देख सकेंगे यूपी रोडवेज बसों की लाइव लोकेशन

डिपो की इंचार्ज का हुआ तबादला, फिर नहीं हुई वापसी
अवध डिपो की केंद्र प्रभारी रीता सक्सेना का चारबाग डिपो के लिए 19 सितंबर को तबादला कर दिया गया. 20 सितंबर को उन्होंने चारबाग डिपो में ज्वाइन भी कर लिया. लेकिन चारबाग डिपो में पहले से ही तैनात केंद्र प्रभारी ममता साहू वहां से हटने को ही तैयार नहीं हुईं. ऐसे में चारबाग डिपो के पास तो वर्तमान में कागजों पर दो केंद्र प्रभारी हैं. लेकिन अवध डिपो एक केंद्र प्रभारी तक को तरस रहा है.

अवध डिपो में लिपिकों की कमी को जल्द पूरा किया जाएगा. जहां तक डिपो इंचार्ज की तैनाती की बात है तो जब सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक की तरफ से डिमांड की जाएगी तो किसी न किसी को तैनात किया जाएगा. -आरके त्रिपाठी, रीजनल मैनेजर

लखनऊ: उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के ज्यादातर डिपो कर्मचारियों की कमी से जूझ रहे हैं. लखनऊ में ही अवध डिपो में क्लर्कों की कमी की वजह से काम प्रभावित हो रहे हैं. समय पर कार्यालय में काम न होने से बसों के संचालन पर भी असर पड़ रहा है. अवध डिपो के सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक की तरफ से कई बार उच्चाधिकारियों को पत्र लिखकर कर्मचारियों की कमी पूरा करने का अनुरोध किया गया, लेकिन महीनों बीत जाने के बाद भी स्थिति जस की तस बनी हुई है. पिछले 15 दिनों से अवध डिपो केंद्र प्रभारी के बिना ही चल रहा है, जिससे यहां पर स्थिति और भी खराब हो गई है.

अवध डिपो डिपो में 107 बसों का बस बेड़ा है, जिनमें 87 परिवहन निगम की और 20 अनुबंधित बसें शामिल हैं. निर्धारित मानक के अनुसार प्रशासनिक कार्यालय में 6 कार्यालय सहायक और 40 केंद्र प्रभारी/सीनियर फोरमैन, 43 लिवरिष्ठ लिपिक/बुकिंग लिपिक की तैनाती होनी चाहिए. लेकिन वर्तमान में अवध डिपो के प्रशासनिक कार्यालय में चार कार्यालय सहायक प्रथम और सात कार्यालय सहायक द्वितीय यानी कुल 11 कार्यालय सहायक तैनात हैं. इनमें से एक कार्यालय सहायक प्रथम और तीन कार्यालय सहायक द्वितीय मुख्यालय और एक कार्यालय सहायक द्वितीय क्षेत्रीय कार्यालय में तैनात कर दिए गए हैं. इस तरह डिपो के प्रशासनिक कार्यालय में सिर्फ छह कार्यालय सहायक ही उपलब्ध रह गए हैं. इनमें भी दो महिला कार्यालय सहायक मातृत्व अवकाश पर लंबे समय के लिए गई हैं. इस तरह डिपो में प्रशासनिक कार्यालय में चार कार्यालय सहायक ही बचे हैं. जिससे कार्यालय के काम ही लटक गए हैं.

इसी तरह सात वरिष्ठ लिपिक, 25 बुकिंग लिपिक तैनात हैं, जो निर्धारित मानक से पहले ही 11 कम हैं. कुल तैनात 32 लिपिकों में चार लिपिक निगम मुख्यालय और एक आलमबाग प्रबंधन में तैनात कर दिया गया है. इस तरह डिपो में लिपिक की उपलब्धता सिर्फ 27 ही रह गई है. इनमें दो लिपिक पहले से ही सस्पेंड चल रहे हैं. ऐसे में यह संख्या और भी कम हो गई है. लिपिकों की कमी से जूझ रहे अवध डिपो के सभी पटलों का कार्य प्रभावित है. पिछले छह माह से लगातार लिपिकों की कमी पूरी करने के लिए डिपो की तरफ से अधिकारियों को अवगत कराया गया, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है. स्थिति यह हो गई है कि अब डिपो चलाना भी यहां के अफसरों के लिए मुश्किल हो गया है. काम समय पर पूरा न होने के चलते प्रशासन की तरफ से कर्मचारियों का ही नहीं एआरएम तक का वेतन रोक दिया जा रहा है.

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डिपो की इंचार्ज का हुआ तबादला, फिर नहीं हुई वापसी
अवध डिपो की केंद्र प्रभारी रीता सक्सेना का चारबाग डिपो के लिए 19 सितंबर को तबादला कर दिया गया. 20 सितंबर को उन्होंने चारबाग डिपो में ज्वाइन भी कर लिया. लेकिन चारबाग डिपो में पहले से ही तैनात केंद्र प्रभारी ममता साहू वहां से हटने को ही तैयार नहीं हुईं. ऐसे में चारबाग डिपो के पास तो वर्तमान में कागजों पर दो केंद्र प्रभारी हैं. लेकिन अवध डिपो एक केंद्र प्रभारी तक को तरस रहा है.

अवध डिपो में लिपिकों की कमी को जल्द पूरा किया जाएगा. जहां तक डिपो इंचार्ज की तैनाती की बात है तो जब सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक की तरफ से डिमांड की जाएगी तो किसी न किसी को तैनात किया जाएगा. -आरके त्रिपाठी, रीजनल मैनेजर

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