श्रीनगर: आदमखोर गुलदार को ढेर करने से लेकर तराई इलाकों में सक्रिय हथियारबंद तस्करों से अब वन विभाग के प्रशिक्षित शूटर लोहा लेते हुए नजर आयेंगे. इसके लिए वन विभाग पौड़ी के वन आरक्षी व वन दरोगाओं को एसएसबी के जवान निशानेबाजी का प्रशिक्षण देंगे. जिसका फायदा वन विभाग के कर्मियों को रात्रि गश्त से लेकर जंगली जानवरों के साथ संघर्ष में मिलेगा.
बीते कुछ सालों से जिले में लगातार मानव व वन्यजीव संघर्ष की घटनाएं तेजी से बढ़ रही हैं. प्रशिक्षित शूटर न होने से वन विभाग के कर्मियों को गुलदार को ट्रेंकुलाइज करने या मार गिराने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ती है. यहां तक की शिकारियों का सहारा भी लेना पड़ता है. वन विभाग के पास हथियार तो हैं, लेकिन प्रशिक्षित शूटर न होने से कई बार दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. पौड़ी जिले में बीते छ: महीने में वन्यजीव संघर्ष में 10 लोग घायल हुए हैं, जबकि तीन की मौत हो चुकी है.
ऐसे में अब पौड़ी वन विभाग के जवान एसएसबी श्रीनगर के प्रशिक्षित जवानों से वेपन प्रशिक्षण लेंगे. जिससे वन विभाग के कर्मी राइफल से दूर से ही सटीक निशाना लगाएंगे. साथ ही गुलदार के आबादी वाले क्षेत्रों में सक्रिय होने पर तत्काल शूटरों को तैनात किया जा सकेगा. एसएसबी के डीआईजी सुभाष चन्द्र नेगी ने बताया कि प्रशिक्षण का आदान-प्रदान करने के तहत यह कार्यशाला की जायेगी. जिसमें एसएसबी के जवान व वन विभाग के कर्मी मौजूद रहेंगे.
वन कर्मियों को एसएसबी श्रीनगर में हथियारों के प्रशिक्षण को लेकर कार्यशाला का आयोजित होगी. वहीं पौड़ी डीएफओ अनिरुद्ध स्वप्निल ने बताया कि एसएसबी से वेपन ट्रेंनिग लेने के बाद वन कंर्मियो के हौसले बढेंगे और कर्मचारी आधुनिक हथियारों के बारे में भी जानेंगे, कोशिश होगी की फील्ड में भी उनको मदद मिलगी.
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