श्रीनगर: उत्तराखंड के श्रीनगर नगर निगम को पहला निर्वाचित मेयर मिल चुका है. जहां आरती भंडारी मेयर बनी हैं. मेयर की कुर्सी मिलने के बाद आरती भंडारी ने अपनी प्राथमिकताएं गिनाई और जनता से किए वादों पर खरा उतरने की बात कही. उन्होंने कहना है कि नगर निगम के बजट का एक-एक पैसा जनता के हित में विकास कार्यों में खर्च किया जाएगा.
किसी राजनीतिक दल में शामिल नहीं होंगी आरती भंडारी: श्रीनगर नगर निगम की पहली निर्वाचित मेयर आरती भंडारी ने साफतौर पर कहा कि वे और उनके पति लखपत सिंह भंडारी किसी भी राजनीतिक दल में शामिल नहीं होंगे. उन्होंने कहा कि जनता ने उन्हें निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में आशीर्वाद दिया है. वे इस जनादेश का सम्मान करते हुए नगर के विकास को ही अपनी प्राथमिकता बनाए रखेंगी. उनका फोकस सिर्फ श्रीनगर के विकास पर रहेगा. इसके लिए जरूरत पड़ी तो मुख्यमंत्री से लेकर मंत्रियों तक से मुलाकात करेंगे.
अब चुनाव से बड़ी चुनौती शुरू: श्रीनगर मेयर आरती भंडारी ने कहा कि चुनाव जीतना उनके लिए सबसे बड़ी चुनौती नहीं थी. बल्कि, असली परीक्षा तो अब शुरू हुई है. उन्होंने कहा कि इस चुनाव में एक मजबूत शक्ति के खिलाफ चुनाव लड़ा, जिनके पास संसाधन थे, लेकिन जनता के समर्थन और विश्वास ने उन्हें जीत दिलाई. अब उन्हें यह साबित करना है कि वो जनता के भरोसे पर खरा उतरे.
हर नागरिक के लिए खुला रहेगा मेयर कार्यालय का दरवाजा: मेयर आरती भंडारी ने बताया कि नए क्षेत्रों को नगर निगम में शामिल किया गया है, जहां इंफ्रास्ट्रक्चर पूरी तरह से विकसित नहीं है. इन इलाकों में सुविधाएं पहुंचाना, उनकी प्राथमिकता होगी. उन्होंने भरोसा दिलाया कि मेयर कार्यालय का दरवाजा हर नागरिक के लिए खुला रहेगा. वहीं, मेयर भंडारी ने कहा कि इस चुनाव में वादे नहीं, बल्कि जनता का आशीर्वाद चला.
निर्वाचित पार्षदों की उम्मीद: वहीं, श्रीनगर नगर निगम की पहली मेयर आरती भंडारी से उन नए 27 वार्डों के पार्षदों को भी अपने वार्ड के विकास की खासी उम्मीदें हैं, जो क्षेत्र पूर्व में श्रीनगर नगर पालिका रहते कभी वार्ड नहीं बन पाए, लेकिन साल 2021 में निगम बनाने के लिए हुए क्षेत्र विस्तार के बाद कुल 40 वार्ड में 27 वार्ड नए बनाए गए है, अब जब नगर निकाय के चुनाव निपट चुके हैं तो निगम की पहली मेयर से नए वार्ड के पार्षदों को भी खासी उम्मीदें हैं.
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