श्रीनगर: चिकित्सा शिक्षा विभाग के निर्देश पर राजकीय मेडिकल कॉलेज श्रीनगर ने उन डॉक्टर्स पर कार्रवाई करना शुरू कर दिया हैं जिन्होंने मेडिकल कॉलेज श्रीनगर से डॉक्टर की डिग्री लेने के बाद सरकारी अस्पताल में नियुक्त होने के बाद भी अपनी ज्वाइनिंग नहीं दी है. साथ ही लंबे समय से गायब चल रहे बांडधारी डॉक्टरों की भी खोजबीन शुरू हो गई है. ऐसे 77 बांडधारी डॉक्टरों के मेडिकल कॉलेज श्रीनगर ने नॉटिस भेजकर स्थिति स्पष्ट करने के निर्देश दिये हैं.
इसके साथ ही राजकीय मेडिकल कॉलेज ने बॉन्ड की शर्त का पालन न करने पर अब तक 35 डॉक्टर्स से 7 करोड़ 20 लाख 90 हजार 91 रुपए की धनराशि भी वसूली है. 27 डॉक्टर्स को नोटिस थमाए गए हैं. इन सभी डॉक्टरों ने मेडिकल कॉलेज से जानकारी मांगी है की उन्हें बांड तोड़ने पर कितनी धनराशि जमा करवानी है. ये धनराशि उन्हें बॉन्ड की तय नियम शर्तों का पालन न करने पर जमा करनी होगी. 50 डॉक्टर्स ऐसे हैं जिन्हें नोटिस थमाकर ये जानकारी मेडिकल कॉलेज ने मांगी हैं की वे वर्तमान में अपनी सेवा कहां दे रहे हैं.
राजकीय मेडिकल कॉलेज श्रीनगर के प्राचार्य ने बताया मेडिकल की पढ़ाई करने वाले छात्रों को दाखिला देने से पूर्व सरकार के निर्देश पर बॉन्ड भरवाया जाता है. जिसमें तय किया गया है कि मेडिकल की पढ़ाई पूरी करने के बाद उत्तराखंड में 3 या 5 साल मेडिकल कॉलेज से डिग्री लेने वाले चिकित्सकों को अपनी सेवा प्रदेश में देने की शर्त है. इन शर्तों का पालन न होने पर कार्रवाई की जाती है.