भरतपुर. गंभीर बीमारी स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी (एसएमए) से जूझ रहे हृदयांश के उपचार के लिए लगातार मदद के हाथ बढ़ रहे हैं. अब तक उपचार के लिए करीब एक करोड़ रुपये से अधिक की राशि जुटाई जा चुकी है. पुलिस महकमें के आलाअधिकारियों समेत तमाम लोग सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर हृदयांश की मदद के लिए अभियान चलाए हुए हैं. बच्चे की बीमारी के उपचार के लिए जिस इंजेक्शन को लगाना जरूरी है, उसकी कीमत 17.5 करोड़ रुपये है. ऐसे में एकबार फिर भरतपुर आईजी राहुल प्रकाश ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' के माध्यम से लोगों से मदद की अपील की है.
भरतपुर आईजी राहुल प्रकाश ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स के माध्यम से सूचित किया है कि हृदयांश के उपचार के लिए अब तक करीब एक करोड़ रुपये से अधिक की मदद जुटाई जा चुकी है. अभी करीब 17 करोड़ की मदद की और जरूरत है. साथ ही आईजी ने लिखा है कि ये पूरी मदद व उपचार के लिए सिर्फ दो महीने का वक्त है. भरतपुर आईजी राहुल प्रकाश के अलावा भरतपुर एसपी, धौलपुर एसपी और संभाग के अन्य पुलिस अधिकारी भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अभियान चलाकर हृदयांश के लिए मदद जुटा रहे हैं. इस अभियान के तहत लोग बढ़-चढ़कर अपनी क्षमतानुसार मदद कर रहे हैं.
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ये है मामला : असल में धौलपुर जिले के मनिया पुलिस थाने में तैनात सब इंस्पेक्टर नरेश शर्मा का 22 महीने का पुत्र हृदयांश जिंदगी और मौत से जूझ रहा है. हृदयांश के शरीर में कमर से नीचे का हिस्सा निष्क्रिय है. हृदयांश घटक बीमारी एसएमए से जूझ रहा है. इस बीमारी का उपचार 24 महीने की उम्र तक ही किया जा सकता है. इस बीमारी के उपचार के लिए जरूरी इंजेक्शन की कीमत 17.5 करोड़ है. इस संबंध में पहले तो नरेश और उनकी पत्नी ने सोशल मीडिया पर मदद की गुहार लगाई थी, जिसके बाद धौलपुर पुलिस अधीक्षक बृजेश ज्योति उपाध्याय ने पुलिस के अधिकारी और कर्मचारियों को मदद के लिए पत्र लिखा. अब हृदयांश की मदद का सोशल मीडिया पर अभियान चल रहा है, जिसमें पुलिस अधिकारियों समेत आमजन भी मदद के लिए आगे आ रहा है.