लखनऊ: केजीएमयू में अब लिवर की गंभीर बीमारियों के मरीजों का स्पेशलाइज्ड ट्रीटमेंट होगा. इसके लिए गैस्ट्रोएंट्रॉलजी विभाग की ओपीडी में लिवर क्लीनिक शुरू की गई है. जहां हर बुधवार और गुरुवार को मरीज देखे जाएंगे. अभी तक पीजीआई में ही हेपेटॉलजी विभाग है, जहां सुपस्पेशिएलिस्ट डॉक्टर लिवर के मरीजों का इलाज करते हैं. केजीएमयू के गैस्ट्रोएंट्रॉलजी विभाग के हेड डॉ. सुमित रुंगटा ने बताया कि लिवर सिरोसिस, फैटी लिवर और लिवर कैंसर के मरीज तेजी से बढ़े हैं. ऐसे मरीजों के लिए ही लिवर क्लीनिक शुरू की गई है. बाद में इसे अलग यूनिट के तौर पर चलाया जाएगा.
डॉ. सुमित रुंगटा ने बताया कि पहले गैस्ट्रो विभाग की ओपीडी सप्ताह में दो दिन चलती थी. अब नए डॉक्टर आने के बाद पूरे सप्ताह ओपीडी चलाई जा रही है. इसमें दो दिन अलग से लिवर क्लीनिक चलेगी. इन दो दिनों में लिवर की बीमारियों के मरीज देखे जाएंगे. उन्होंने बताया कि फैटी लीवर से पीड़ित मरीजों की संख्या काफी ज्यादा बढ़ी है. अब बच्चों में भी फैटी लिवर की शिकायत हो रही है. अब ऐसे मरीजों के लिए अलग से ओपीडी संचालित की जा रही है. जिसमें सिर्फ लिवर से संबंधित बीमारी के मरीज और हेपेटाइटिस से पीड़ित मरीज को देखा जाएगा.
ओपीडी में हो जाती थी अधिक भीड़
उन्होंने बताया कि गैस्ट्रोलॉजी विभाग में पेट से संबंधित किसी भी तरह की दिक्कत होने पर मरीज आते हैं. इसमें ज्यादातर स्टोन, गांठ, पेट में दर्द, सूजन या दस्त जैसे लगातार पाचन संबंधी लक्षण, आंत की आदतों में परिवर्तन जैसी अनेक दिक्कतों के साथ मरीज आते हैं. लेकिन इनमें सबसे अधिक मरीज लीवर से संबंधित आते हैं. ऐसे में लिवर से पीड़ित मरीजों को स्पेशल ट्रीटमेंट नहीं मिल पाता है. समय पर अगर लीवर की दिक्कत से पीड़ित मरीज को उपचार मिल जाए तो उसकी समस्या जल्द से जल्द दूर हो सकती है. इन्हीं सब बातों को ध्यान में रखते हुए अलग से ओपीडी संचालित की जा रही है.
हेपेटाइटिस के मरीज भी दिखा सकेंगे
केजीएमयू हेपेटाइटिस कंट्रोल प्रोग्राम का स्टेट नोडल सेंटर भी है. हेपेटाइटिस के मरीजों को दवा से जांच तक मुफ्त मुहैया करवाई जाती है. इस प्रोग्राम के मरीज भी लिवर क्लिनिक में देखे जाएंगे. आम तौर पर हेपेटाइटिस से पीड़ित मरीजों को जितनी जल्दी इलाज मिल सके उतरी जल्दी उनके ठीक होने की संभावना रहती है.
फैटी लिवर से पीड़ित सरोज सीतापुर की रहने वाली है. उन्होंने कहा कि पिछले दिनों से पेट में अचानक से दर्द हुआ तो पता चला कि लिवर सिरोसिस की दिक्कत है. प्राइवेट हॉस्पिटल में उसका अत्यधिक शुल्क लगता है. जिसकी वजह से लखनऊ के केजीएमयू में इलाज करने के लिए पहुंचे. सरोज के पति कमलाकांत ने बताया कि हमारे एक रिश्तेदार का इलाज यहीं से हुआ था. उन्होंने ही हमें यह सुझाव दिया कि पत्नी का इलाज यहां पर कराएं. केजीएमयू से इलाज शुरू हो चुका है और यहां आने के बाद पता चला कि लिवर की दिक्कत वाले मरीजों की अलग से ओपीडी चल रही है. इसमें बहुत ही आराम से विशेषज्ञ मरीज को देखते हैं और अच्छा इलाज यहां पर चल रहा हैं. वहीं बाराबंकी के रहने वाली पंकज कुमार ने बताया कि वह फैटी लिवर से पीड़ित है, जिसकी वजह से काफी ज्यादा दिक्कत हो रही है. अब समस्या और होने लगी है. फैटी लिवर का इलाज करने के लिए केजीएमयू आए हैं और यहां पर बहुत ही आसानी से विशेषज्ञ से मुलाकात हो गई. परामर्श भी लिया उन्होंने अगले हफ्ते की तारीख दी है. अगले हफ्ते से प्रॉपर ट्रीटमेंट शुरू हो जाएगा. यहां पर इलाज बहुत अच्छा होता है. यही कारण है कि प्रदेशभर से मरीज यहां पर आते हैं.
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