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राजस्थान पुलिस की पहल, सोशल मीडिया पर इन खास संदेशों पर रहेगी, ताकि बचाई जा सके जान - Rajasthan Police initiative

राजस्थान पुलिस ने सोशल मीडिया पर सुसाइड की मंशा वाले संदेशों पर तत्काल विश्लेषण कर उसे रोकने के लिए विशेष अभियान की शुरुआत की है. पुलिस ऐसे किसी भी व्यक्ति जो अवसाद से पीड़ित है, उसे समझाकर अप्रिय घटना को रोकने का प्रयास करेगी.

राजस्थान पुलिस की विशेष पहल
राजस्थान पुलिस की विशेष पहल (Photo ETV Bharat Jaipur)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : May 22, 2024, 10:40 PM IST

जयपुर. अनमोल जीवन को बचाने के लिए राजस्थान पुलिस ने विशेष पहल की है. सोशल मीडिया पर सुसाइड की मंशा वाले संदेशों का त्वरित विश्लेषण किया जाएगा. फेसबुक, इंस्टाग्राम पर सेल्फ हार्म, अवसाद या आत्महत्या की मंशा वाले संदेशों का त्वरित विश्लेषण कर पीड़ित की समझाइश और अप्रिय घटनाओं को रोकने के लिए पुलिस प्रयास करेगी. डीजीपी यूआर साहू ने इस संबंध में प्रदेश के पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिए हैं.

राजस्थान पुलिस के मुखिया डीजीपी यूआर साहू ने बताया कि अब राजस्थान पुलिस सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर सेल्फ हार्म (स्वयं को नुकसान कारित करना), मानसिक अवसाद की स्थिति में प्रतिक्रिया, आत्महत्या की मंशा या भावना लिए हुए पोस्ट का त्वरित विश्लेषण करेगी. पुलिस मानव जीवन को बचाने के लिए प्रयास करेगी. फेसबुक और इंस्टाग्राम जैसे सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर इस प्रकार के संदेश मिलने पर तकनीकी विश्लेषण के जरिए पीड़ित तक पहुंचकर समझाइश करते हुए किसी भी अप्रिय घटना को रोकने की दिशा में प्रभावी कदम उठाए जाएंगे.

इसे भी पढ़ें-Teachers Day Special : एक शिक्षक ऐसा भी जो सुनता है छात्रों की पीड़ा, सुसाइड रोकने के लिए शुरू की हेल्पलाइन

जीवन बचाने का प्रयास : डीजीपी उत्कल रंजन साहू ने बताया कि इस पहल का उद्देश्य अवसाद या निराशा की स्थिति में आत्मघाती कदम उठाने की मंशा वाले व्यक्तियों तक पहुंचकर अनमोल मानवीय जीवन की रक्षा करना है. इस संबध में जयपुर और जोधपुर के पुलिस आयुक्त, महानिरीक्षक, स्टेट क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो, जयपुर और जोधपुर के पुलिस उपायुक्त, जीआरपी जोधपुर और अजमेर समेत सभी जिलों के पुलिस अधीक्षकों के लिए आदेश जारी करते हुए विशेष निर्देश दिए हैं.

पीड़ित व्यक्ति तक पहुंचकर मदद का प्रयास : डीजीपी ने बताया कि पुलिस अधिकारियों को फेसबुक, इंस्टाग्राम पर इस प्रकृति के संदेशों के विश्लेषण करते हुए उनमें से संदिग्ध स्थितियों वाले प्रकरणों को तत्काल पुलिस मुख्यालय पर ई-मेल से सूचित करने के निर्देश दिए गए हैं. पुलिस मुख्यालय पर स्टेट क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (एससीआरबी) की ओर से संचालित हेल्प डेस्क पर प्राप्त इस ई-मेल के आधार पर पीड़ित व्यक्ति के मोबाइल नम्बर, आईपी एड्रेस, नाम और पोस्ट में डाले गए संदेश का पता लगाया जाएगा. एससीआरबी की ओर से ऐसी जानकारी को तत्काल सम्बंधित थाने के ड्यूटी ऑफिसर के साथ शेयर किया जाएगा.इसके बाद सम्बंधित थाने के प्रभारी प्राप्त सूचना के आधार पर त्वरित कार्रवाई करते हुए पीड़ित व्यक्ति तक पहुंचकर मदद का प्रयास करेंगे. थाने के पुलिसकर्मियों की ओर से संवेदनशीलता के साथ पीड़ित और उसके परिजनों को समझाइश कर अनहोनी को रोकने के प्रयास होंगे. एडीजी एससीआरबी और साइबर क्राइम हेमंत प्रियदर्शी ने बताया कि उत्तर प्रदेश में भी पुलिस की ओर से सोशल मीडिया पोस्ट के विश्लेषण से इस प्रकार की अप्रिय घटनाओं को रोकने की कार्रवाई की जा रही है. इसके लिए यूपी पुलिस की ओर से फेसबुक, इंस्टाग्राम की संचालक कंपनी मेटा के साथ मिलकर कार्य किया जा रहा है.

जयपुर. अनमोल जीवन को बचाने के लिए राजस्थान पुलिस ने विशेष पहल की है. सोशल मीडिया पर सुसाइड की मंशा वाले संदेशों का त्वरित विश्लेषण किया जाएगा. फेसबुक, इंस्टाग्राम पर सेल्फ हार्म, अवसाद या आत्महत्या की मंशा वाले संदेशों का त्वरित विश्लेषण कर पीड़ित की समझाइश और अप्रिय घटनाओं को रोकने के लिए पुलिस प्रयास करेगी. डीजीपी यूआर साहू ने इस संबंध में प्रदेश के पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिए हैं.

राजस्थान पुलिस के मुखिया डीजीपी यूआर साहू ने बताया कि अब राजस्थान पुलिस सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर सेल्फ हार्म (स्वयं को नुकसान कारित करना), मानसिक अवसाद की स्थिति में प्रतिक्रिया, आत्महत्या की मंशा या भावना लिए हुए पोस्ट का त्वरित विश्लेषण करेगी. पुलिस मानव जीवन को बचाने के लिए प्रयास करेगी. फेसबुक और इंस्टाग्राम जैसे सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर इस प्रकार के संदेश मिलने पर तकनीकी विश्लेषण के जरिए पीड़ित तक पहुंचकर समझाइश करते हुए किसी भी अप्रिय घटना को रोकने की दिशा में प्रभावी कदम उठाए जाएंगे.

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जीवन बचाने का प्रयास : डीजीपी उत्कल रंजन साहू ने बताया कि इस पहल का उद्देश्य अवसाद या निराशा की स्थिति में आत्मघाती कदम उठाने की मंशा वाले व्यक्तियों तक पहुंचकर अनमोल मानवीय जीवन की रक्षा करना है. इस संबध में जयपुर और जोधपुर के पुलिस आयुक्त, महानिरीक्षक, स्टेट क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो, जयपुर और जोधपुर के पुलिस उपायुक्त, जीआरपी जोधपुर और अजमेर समेत सभी जिलों के पुलिस अधीक्षकों के लिए आदेश जारी करते हुए विशेष निर्देश दिए हैं.

पीड़ित व्यक्ति तक पहुंचकर मदद का प्रयास : डीजीपी ने बताया कि पुलिस अधिकारियों को फेसबुक, इंस्टाग्राम पर इस प्रकृति के संदेशों के विश्लेषण करते हुए उनमें से संदिग्ध स्थितियों वाले प्रकरणों को तत्काल पुलिस मुख्यालय पर ई-मेल से सूचित करने के निर्देश दिए गए हैं. पुलिस मुख्यालय पर स्टेट क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (एससीआरबी) की ओर से संचालित हेल्प डेस्क पर प्राप्त इस ई-मेल के आधार पर पीड़ित व्यक्ति के मोबाइल नम्बर, आईपी एड्रेस, नाम और पोस्ट में डाले गए संदेश का पता लगाया जाएगा. एससीआरबी की ओर से ऐसी जानकारी को तत्काल सम्बंधित थाने के ड्यूटी ऑफिसर के साथ शेयर किया जाएगा.इसके बाद सम्बंधित थाने के प्रभारी प्राप्त सूचना के आधार पर त्वरित कार्रवाई करते हुए पीड़ित व्यक्ति तक पहुंचकर मदद का प्रयास करेंगे. थाने के पुलिसकर्मियों की ओर से संवेदनशीलता के साथ पीड़ित और उसके परिजनों को समझाइश कर अनहोनी को रोकने के प्रयास होंगे. एडीजी एससीआरबी और साइबर क्राइम हेमंत प्रियदर्शी ने बताया कि उत्तर प्रदेश में भी पुलिस की ओर से सोशल मीडिया पोस्ट के विश्लेषण से इस प्रकार की अप्रिय घटनाओं को रोकने की कार्रवाई की जा रही है. इसके लिए यूपी पुलिस की ओर से फेसबुक, इंस्टाग्राम की संचालक कंपनी मेटा के साथ मिलकर कार्य किया जा रहा है.

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