जयपुर. राजस्थान शिक्षा विभाग ने स्कूलों में पहली बार राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस मनाने की निर्देश दिए थे. हालांकि शिविरा कैलेंडर के तहत फिलहाल स्कूलों में फर्स्ट टर्म एग्जाम चल रहे हैं. ऐसे में परीक्षा और सरकारी आदेश के बीच टकराव की स्थिति देखने को मिली. जिसके चलते अधिकतर स्कूलों में अंतरिक्ष दिवस नहीं मनाया जा सका.
चंद्रयान-3 को मिली थी सफलता : भारत सरकार ने 23 अगस्त को हर साल चंद्रयान-3 मिशन की सफलता पर राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की थी. इस पर राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद ने शिक्षा विभाग के विभिन्न कार्यालय और विद्यालयों में राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस मनाने के निर्देश जारी किए. हालांकि ये निर्देश फर्स्ट टर्म एग्जाम के चलते पूरी तरह धरातल पर नहीं उतर पाए. हालांकि राजधानी के महाराजा स्कूल में कक्षा 12वीं के छात्रों के बीच अंतरिक्ष दिवस मनाया गया. उन्हें इस दिवस के प्रयोजन को समझाते हुए कल्पना चावला और सुनीता विलियम्स के बारे में भी बताया गया.
महाराजा स्कूल की प्रिंसिपल पुखराज आर्य ने बताया कि 23 अगस्त को भारत के वैज्ञानिकों ने चंद्रयान-3 को चंद्रमा पर उतारा था. चन्द्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर यान उतारने वाला भारत विश्व का पहला देश है. इसी वजह से बीते साल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस मनाने की घोषणा की थी. ऐसे में स्कूलों में आज अंतरिक्ष दिवस मनाया गया. उन्होंने बताया कि इससे जो युवा वैज्ञानिक बनना चाहते हैं या अंतरिक्ष अनुसंधान के क्षेत्र में आगे बढ़ना चाहते हैं, उन्हें प्रेरणा मिलेगी. उन्होंने बताया कि स्कूल में आज फर्स्ट टर्म एग्जाम चल रहे हैं. हालांकि बच्चों ने फिर भी बढ़-चढ़कर भाग लेते हुए साइंस प्रोजेक्ट और पेंटिंग्स भी बनाई.
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वहीं भौतिक विज्ञान की व्याख्याता पार्वती गोयल ने बताया कि 12वीं कक्षा की छात्राओं ने अंतरिक्ष दिवस को सेलिब्रेट किया. इससे आगे चलकर वो इस क्षेत्र में जाने के लिए भी तत्पर रहेंगी. हालांकि इस आयोजन से सभी छात्र नहीं जुड़ पाए. इसके पीछे सरकारी कैलेंडर के अनुसार स्कूलों में संचालित हो रहे फर्स्ट टर्म के एग्जाम है. इसलिए इस आयोजन को छोटे स्तर पर आयोजित किया गया.