लखनऊ: विधान परिषद सदन में समाजवादी पार्टी फिर से मजबूत हो रही है. 13 नवनिर्वाचित विधान परिषद सदस्यों के शपथ ग्रहण के बाद समाजवादी पार्टी के विधान परिषद में 10 सदस्य हो गए हैं. जुलाई में नेता प्रतिपक्ष की कुर्सी एक बार फिर समाजवादी पार्टी को मिल सकेगी. विधानमंडल के सत्र के समय नेता विरोधी दल के रूप में समाजवादी पार्टी की तरफ से किसी विधान परिषद सदस्य को यह जिम्मेदारी दी जाएगी. कुछ समय पहले सदन में सदस्यों की संख्या कम होने की वजह से नेता विरोधी दल का पद समाजवादी पार्टी से छिन गया था, जबकि विधान परिषद में कांग्रेस पार्टी व बहुजन समाज पार्टी का कोई प्रतिनिधित्व अब नहीं बचा है.
2 साल पहले सपा के हाथ से चला गया था पद
विधान परिषद में 2 साल पहले समाजवादी पार्टी का नेता विरोधी दल का पद चला गया था. अब जुलाई में राज्य विधानमंडल के मानसून सत्र के साथ ही समाजवादी पार्टी को नेता विरोधी दल का पद मिल जाएगा. विधान परिषद में सदस्य संख्या के आधार पर समाजवादी पार्टी के 10 सदस्य हो चुके हैं. इसके आधार पर नेता विरोधी दल का पद समाजवादी पार्टी को अब मिल जाएगा. नेता विरोधी दल के पद के साथ ही कैबिनेट मंत्री के रूप में मिलने वाली प्रोटोकॉल की सुविधा भी समाजवादी पार्टी के नेता को मिलेगी. पिछले दिनों विधान परिषद के 13 नवनिर्वाचित सदस्यों में से तीन सदस्य समाजवादी पार्टी के निर्वाचित हुए थे. इसमें बलराम यादव, गुड्डू जमाली व किरणपाल कश्यप शामिल थे.
सरकार से कर सकेगी जवाब तलब
विधान परिषद में नेता विरोधी दल की कुर्सी समाजवादी पार्टी को मिलने से सदन में जनहित से जुड़े विषयों पर समाजवादी पार्टी जवाब तलब कर सकेगी. विधान परिषद में जुलाई 2022 में समाजवादी पार्टी के नेता विरोधी दल रहे लाल बिहारी यादव का कार्यकाल समाप्त हुआ था. उसके बाद अब तीन नए सदस्य निर्वाचित होने से विधान परिषद में समाजवादी पार्टी के 10 सदस्य होने पर सपा को प्रतिपक्ष की कुर्सी वापस मिल सकेगी. विधान परिषद में कांग्रेस पार्टी के बाद अब बहुजन समाज पार्टी भी शून्य की स्थिति में पहुंच चुकी है. जबकि पहली बार सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी को उच्च सदन में प्रतिनिधित्व मिला है. 13 विधान परिषद के नवनिर्वाचित सदस्यों में से एक सदस्य सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी का निर्वाचित हुआ है. जिसके बाद अब उच्च सदन में ओमप्रकाश राजभर की पार्टी का प्रतिनिधित्व हो गया है.
विधान परिषद में किस दल के कितने सदस्य
विधान परिषद में दलीय स्थिति के अनुसार भारतीय जनता पार्टी के 78 सदस्य हो गए हैं, जबकि मुख्य विपक्षी पार्टी समाजवादी पार्टी के 10 सदस्य, इसके अलावा अपना दल से एक सदस्य, निषाद पार्टी से एक, जनसत्ता दल से एक, राष्ट्रीय लोकदल से एक सदस्य विधान परिषद में है. जबकि शिक्षक दल गैर राजनीतिक से एक सदस्य हैं. निर्दलीय समूह के चार विधान परिषद सदस्य हैं.
राजनीतिक विश्लेषक मनमोहन कहते हैं कि उच्च सदन विधान परिषद में संख्या बल के आधार पर नेता विरोधी दल का पद दिए जाने की परंपरा रही है. कुछ समय पहले समाजवादी पार्टी के सदस्यों की संख्या 10 से 7 हो गई थी. जिसकी वजह से नेता विरोधी दल का पद पार्टी से छिन गया था. अब पिछले दिनों तीन जो नए सदस्य समाजवादी पार्टी के निर्वाचित हुए हैं, उसे सपा के सदस्यों की संख्या 10 तक पहुंच गई है. ऐसे में नेता विरोधी दल की कुर्सी समाजवादी पार्टी को एक बार फिर मिल जाएगी.