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जेल में बंद सपा विधायक रफीक अंसारी को बड़ी राहत, हाईकोर्ट से मिली जमानत, जानिए पूरा मामला - Allahabad High Court

मेरठ से सपा विधायक रफीक अंसारी को बड़ी राहत (SP MLA Rafiq Ansari) मिली है. जेल में बंद विधायक को हाईकोर्ट से जमानत मिल गई है. जल्द ही उन्हें जेल से रिहा किया जाएगा.

रफीक अंसारी (फाइल फोटो)
रफीक अंसारी (फाइल फोटो) (Photo credit: ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jul 20, 2024, 9:45 AM IST

मेरठ : शहर से सपा विधायक रफीक अंसारी को बड़ी राहत मिली है. इलाहाबाद हाईकोर्ट से उन्हें जमानत मिल गई है. बता दें कि विधायक के खिलाफ 101 वारंट जारी हुए थे. फिलहाल रफीक अंसारी मेरठ जिला कारागार में बंद हैं. सपा विधायक 26 साल से कोर्ट में पेश नहीं हो रहे थे.

मेरठ शहर से सपा से दूसरी बार विधायक रफीक अंसारी को इलाहाबाद हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिल गई है. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने रफीक अंसारी की दो जमानत याचिकाओं को मंजूर कर लिया है. माना जा रहा है कि हाईकोर्ट से जमानत मिलने से शहर विधायक रफीक अंसारी को राहत मिलेगी. बता दें कि मेरठ के नौचंदी थाने में 1995 में और 2007 में सिविल लाइंस थाने में दर्ज दो मामलों में रफीक अंसारी को जमानत मिली है. जानकारी के मुताबिक, इलाहाबाद हाईकोर्ट के जस्टिस राजीव मिश्रा की सिंगल बेंच ने दोनों जमानत याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए उन्हें जमानत प्रदान की है.

दरअसल, सन् 1995 में मेरठ शहर में एक बूचड़खाने को लेकर तब काफी हंगामा हुआ था. विधायक समेत कुल 40 लोगों को उस वक्त हंगामा करने आदि की धाराओं में आरोपी बनाया गया था. उस वक्त नौचंदी थाने और सिविल लाइंस थाने में दर्ज मामले में जमानत के लिए रफीक अंसारी ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका भी दाखिल की थी, विधायक रफीक के खिलाफ तब आईपीसी की धारा 147, 149, 336, 307, 506, 148, 504 और 353 में मुकदमा दर्ज हुआ था. अब दोनों जमानत याचिकाओं पर सुनवाई के बाद कोर्ट ने जमानत मंजूर कर ली है.

काबिलेगौर है कि 26 साल पुराने केस में कुछ माह पूर्व कागजी तौर पर फरार चले रहे मेरठ के सपा विधायक रफीक अंसारी को गिरफ्तार कर लिया था. उससे पहले विधायक रफीक अंसारी के खिलाफ 101 गैर जमानती वारंट जारी हो चुके हैं. हाईकोर्ट की फटकार के बाद पुलिस की नींद टूटी थी और विधायक को बाराबंकी के जैतपुर थाना क्षेत्र से मेरठ पुलिस गिरफ्तार करके लाई थी. तभी से विधायक सलाखों के पीछे हैं.

गौरतलब है कि बार-बार वारंट जारी होने के बावजूद सपा विधायक इसे लेकर गंभीर नहीं थे. हाईकोर्ट ने इस मामले में सपा विधायक के रवैये पर नाराजगी जाहिर की थी, जिसके बाद प्रदेश के उच्च अधिकारियों और विधानसभा अध्यक्ष को भी गंभीर मामला बताते हुए चिट्ठी लिखी गई थी. इसके बाद मई माह के आखिर में मेरठ पुलिस को एक्शन लेना पड़ा था. समाजवादी पार्टी के विधायक रफीक अंसारी को बाराबंकी से गिरफ्तार करने के बाद पुलिस मेरठ लेकर पहुंच गई थी. रात में ही MP, MLA कोर्ट में रफीक अंसारी को पेश किया गया था. इसके बाद एमपी एमएलए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश ने जमानत याचिका को खारिज कर दिया था. अंसारी के मेरठ पहुंचने पर विधायक के समर्थकों ने जमकर नारेबाजी भी की थी. एमएलए को कोर्ट में पेश करने से पहले जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां उनका हेल्थ चैकअप कराया गया. तब विधायक ने खुद को बेकसूर भी बताया था.

बता दें कि समाजवादी पार्टी के दूसरी बार विधायक रफीक अंसारी का अपना ही एक जलवा है, यही वजह है कि उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष रहे लक्ष्मीकांत वाजपेयी को उस वक्त चुनाव में पटखनी दी थी जब 2017 में देश में भाजपा की सरकार थी. उस वक्त प्रदेश में भी बड़ी ताकत के रूप में भाजपा ने विधानसभा चुनावों में जीत दर्ज की थी. रफीक अंसारी पूर्व में सपा शासनकाल में दर्जा प्राप्त मंत्री भी रहे हैं. 2022 में उनको दोबारा मेरठ शहर की जनता ने पसंद किया और वह इस वक्त दूसरी बार विधायक हैं. उनके प्रतिनिधि वसीम ने जमानत की पुष्टि की है.

यह भी पढ़ें : 101 वारंट, 26 साल से फरार सपा विधायक भेजे गए जेल, MP- MLA कोर्ट ने रफीक अंसारी की खारिज की बेल - SP MLA RAFEEQ ANSARI arrested

यह भी पढ़ें : सपा विधायक की हनक; 101 वारंट पर पेशी नहीं, 26 साल से फरार, MLA बने, विधानसभा में भी बैठे - SP MLA Rafiq Ansari

मेरठ : शहर से सपा विधायक रफीक अंसारी को बड़ी राहत मिली है. इलाहाबाद हाईकोर्ट से उन्हें जमानत मिल गई है. बता दें कि विधायक के खिलाफ 101 वारंट जारी हुए थे. फिलहाल रफीक अंसारी मेरठ जिला कारागार में बंद हैं. सपा विधायक 26 साल से कोर्ट में पेश नहीं हो रहे थे.

मेरठ शहर से सपा से दूसरी बार विधायक रफीक अंसारी को इलाहाबाद हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिल गई है. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने रफीक अंसारी की दो जमानत याचिकाओं को मंजूर कर लिया है. माना जा रहा है कि हाईकोर्ट से जमानत मिलने से शहर विधायक रफीक अंसारी को राहत मिलेगी. बता दें कि मेरठ के नौचंदी थाने में 1995 में और 2007 में सिविल लाइंस थाने में दर्ज दो मामलों में रफीक अंसारी को जमानत मिली है. जानकारी के मुताबिक, इलाहाबाद हाईकोर्ट के जस्टिस राजीव मिश्रा की सिंगल बेंच ने दोनों जमानत याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए उन्हें जमानत प्रदान की है.

दरअसल, सन् 1995 में मेरठ शहर में एक बूचड़खाने को लेकर तब काफी हंगामा हुआ था. विधायक समेत कुल 40 लोगों को उस वक्त हंगामा करने आदि की धाराओं में आरोपी बनाया गया था. उस वक्त नौचंदी थाने और सिविल लाइंस थाने में दर्ज मामले में जमानत के लिए रफीक अंसारी ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका भी दाखिल की थी, विधायक रफीक के खिलाफ तब आईपीसी की धारा 147, 149, 336, 307, 506, 148, 504 और 353 में मुकदमा दर्ज हुआ था. अब दोनों जमानत याचिकाओं पर सुनवाई के बाद कोर्ट ने जमानत मंजूर कर ली है.

काबिलेगौर है कि 26 साल पुराने केस में कुछ माह पूर्व कागजी तौर पर फरार चले रहे मेरठ के सपा विधायक रफीक अंसारी को गिरफ्तार कर लिया था. उससे पहले विधायक रफीक अंसारी के खिलाफ 101 गैर जमानती वारंट जारी हो चुके हैं. हाईकोर्ट की फटकार के बाद पुलिस की नींद टूटी थी और विधायक को बाराबंकी के जैतपुर थाना क्षेत्र से मेरठ पुलिस गिरफ्तार करके लाई थी. तभी से विधायक सलाखों के पीछे हैं.

गौरतलब है कि बार-बार वारंट जारी होने के बावजूद सपा विधायक इसे लेकर गंभीर नहीं थे. हाईकोर्ट ने इस मामले में सपा विधायक के रवैये पर नाराजगी जाहिर की थी, जिसके बाद प्रदेश के उच्च अधिकारियों और विधानसभा अध्यक्ष को भी गंभीर मामला बताते हुए चिट्ठी लिखी गई थी. इसके बाद मई माह के आखिर में मेरठ पुलिस को एक्शन लेना पड़ा था. समाजवादी पार्टी के विधायक रफीक अंसारी को बाराबंकी से गिरफ्तार करने के बाद पुलिस मेरठ लेकर पहुंच गई थी. रात में ही MP, MLA कोर्ट में रफीक अंसारी को पेश किया गया था. इसके बाद एमपी एमएलए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश ने जमानत याचिका को खारिज कर दिया था. अंसारी के मेरठ पहुंचने पर विधायक के समर्थकों ने जमकर नारेबाजी भी की थी. एमएलए को कोर्ट में पेश करने से पहले जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां उनका हेल्थ चैकअप कराया गया. तब विधायक ने खुद को बेकसूर भी बताया था.

बता दें कि समाजवादी पार्टी के दूसरी बार विधायक रफीक अंसारी का अपना ही एक जलवा है, यही वजह है कि उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष रहे लक्ष्मीकांत वाजपेयी को उस वक्त चुनाव में पटखनी दी थी जब 2017 में देश में भाजपा की सरकार थी. उस वक्त प्रदेश में भी बड़ी ताकत के रूप में भाजपा ने विधानसभा चुनावों में जीत दर्ज की थी. रफीक अंसारी पूर्व में सपा शासनकाल में दर्जा प्राप्त मंत्री भी रहे हैं. 2022 में उनको दोबारा मेरठ शहर की जनता ने पसंद किया और वह इस वक्त दूसरी बार विधायक हैं. उनके प्रतिनिधि वसीम ने जमानत की पुष्टि की है.

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