उज्जैन: सोमवती अमावस्या पर धर्म और आस्था की नगरी उज्जैन श्रद्धालुओं से गुलजार हो गई. सोमवार को कड़कड़ाती ठंड के बीच श्रद्धालु अल सुबह से ही मोक्षदायिनी शिप्रा नदी के तट पर स्नान करने पहुंच गए. श्रद्धालुओं ने यहां शिप्रा नदी में डुबकी लगाई और सोमतीर्थ कुंड में भी स्नान किया. घाटों पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी. बता दें कि प्रशासन द्वारा श्रद्धालुओं की सुविधाओं के लिए उज्जैन शिप्रा घाट और सोमकुंड पर विशेष इंतजाम किए गए हैं.
घाट पर पुलिस बल की तैनाती की गई है और बेरिकेट्स लगाए गए हैं. वहीं, सोमतीर्थ पर स्नान को और व्यवस्थित बनाने के लिए कुंड व्यवस्था भी है. महिलाओं और पुरुषों के लिए अलग-अलग स्नान स्थल बनाए गए. साथ ही वस्त्र बदलने के लिए शामियानों की व्यवस्था की गई है.
पिंडदान और तर्पण का आयोजन
घाट पर मौजूद पंडितों ने पितृ दोष निवारण के लिए पिंडदान और तर्पण कर्म संपन्न कराया. बड़ी संख्या में ग्रामीण और शहरी क्षेत्र से आए श्रद्धालुओं ने इस धार्मिक परंपरा में हिस्सा लेकर दान-पुण्य किया. वहीं विश्व प्रसिद्ध महाकाल मंदिर सहित अन्य मंदिरों में भी श्रद्धालुओं की खासी भीड़ दिखाई दी. सोमवती अमावस्या के अवसर पर सोमतीर्थ स्थित सोमकुंड में स्नान और सोमेश्वर महादेव के दर्शन का विशेष महत्व. मान्यता है कि इससे चंद्र दोष दूर होता है और अश्वमेध यज्ञ के समान पुण्य प्राप्त होता है.
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पूजन के साथ दान-पुण्य
स्नान और पूजा के बाद श्रद्धालुओं ने घाट पर मौजूद भिक्षुओं को अन्न और वस्त्र दान किया. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, यह दिन पितृ तर्पण और दान के लिए सर्वोत्तम माना जाता है. शिप्रा नदी के पुजारी राकेश जोशी ने कहा, "सोमवती अमावस्या का स्नान और पूजन बेहद शुभ माना जाता है. स्नान से चंद्र दोष समाप्त होते हैं और व्यक्ति को सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है."