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सोमवती अमावस्या पर 18 साल बाद बना ऐसा योग, कुंवारी कन्याएं करें ये काम, पूर्ण होंगी सारी मनोकामनाएं - Somvati Amavasya 2024

सोमवती अमावस्या के दिन इस साल विशेष योग बन रहे हैं. 2 सितंबर दिन सोमवार को सोमवती अमावस्या है. ज्योतिष आचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री ने बताया कि 18 साल बाद ऐसा दुर्लभ संयोग बन रहा है. इसकी क्या विशेषता है, जानिए सब कुछ...

SOMVATI AMAVASYA 2024
सोमवती अमावस्या का शुभ मुहूर्त (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Aug 31, 2024, 10:44 PM IST

Somvati Amavasya 2024: इस साल 2 सितंबर को सोमवती अमावस्या पड़ रही है. लोग इसकी तैयारी में जुटे हुए हैं. इस बीच लोगों के मन में आता है कि सोमवती अमावस्या के दिन किन 108 चीजों का वे भोग लगाएं. यहां ज्योतिष आचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री से सोमवती अमावस्या को लेकर विशेष जानकारी के साथ इसकी विशेषता को भी जानिए...

'18 साल बाद बन रहा ऐसा योग'

ज्योतिष आचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री कहते हैं कि "इस बार सोमवती अमावस्या 2 सितंबर सोमवार के दिन पड़ रही है. भाद्रपद माह की आने वाली अमावस्या के दिन को सोमवती अमावस्या कहा कहा जाता है. इसे भाद्रपद अमावस्या भी कहते हैं. सोमवार को पड़ने वाली इस अमावस्या को सोमवती अमावस्या कहते हैं. इस बार के सोमवती अमावस्या के दिन 18 साल बाद ऐसा शुभ संयोग बन रहा है. जो इस दिन को और भी बहुत विशेष बना रहा है."

सोमवती अमावस्या को बन रहे कई योग

ज्योतिष आचार्य ने बताया कि सोमवती अमावस्या 2 सितंबर को सुबह 5 बजकर 20 मिनट पर शुरू होगी और 3 सितंबर को सुबह 7 बजकर 54 मिनट तक रहेगी. इसके अलावा इस दिन शिव योग और सिद्ध योग भी बन रहा है. इसके अलावा शिव महेश्वर पूजन योग का भी दिन है.

ऐसे करें पूजा, मिलेगा पूरा लाभ

आचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री कहते हैं कि "इस बार सोमवती अमावस्या के लिए पूजा का शुभ मुहूर्त 7 बजे से लेकर 10 बजे तक है. इस दिन सभी विवाहित महिलाएं 6 बजे के बाद स्नान करके नारियल, सुपारी, बिस्किट या कोई फल प्रसाद स्वरूप कुल 108 की संख्या जमा कर उसे एक टोकनी में सजा लें. इसके बाद किसी वट वृक्ष के पेड़ के पास जाकर के 108 परिक्रमा करें. हर परिक्रमा में एक-एक फल या नारियल या सुपाड़ी जो भी वस्तु प्रसाद स्वरूप लिए हैं, वहां डालते जाएं. 108 परिक्रमा करने के बाद वहां पर हवन और आरती करें."

ये भी पढ़ें:

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कुमारी कन्याएं करें ये काम

ज्योतिष आचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री आगे कहते हैं कि "सोमवती अमावस्या के दिन इस बार काफी शुभ संयोग बन रहा है. ऐसे में कुंवारी कन्या भी परिक्रमा कर सकती हैं. वें पीला चावल लेकर के 108 बार परिक्रमा करें और अंत में वट वृक्ष के पास खड़े होकर हाथ जोड़कर प्रार्थना करें. इससे उनके विवाह का योग बनेगा और अच्छे वर की प्राप्ति होगी. सभी काम उनके समय से होंगे और बड़ा पुण्य मिलेगा."

Somvati Amavasya 2024: इस साल 2 सितंबर को सोमवती अमावस्या पड़ रही है. लोग इसकी तैयारी में जुटे हुए हैं. इस बीच लोगों के मन में आता है कि सोमवती अमावस्या के दिन किन 108 चीजों का वे भोग लगाएं. यहां ज्योतिष आचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री से सोमवती अमावस्या को लेकर विशेष जानकारी के साथ इसकी विशेषता को भी जानिए...

'18 साल बाद बन रहा ऐसा योग'

ज्योतिष आचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री कहते हैं कि "इस बार सोमवती अमावस्या 2 सितंबर सोमवार के दिन पड़ रही है. भाद्रपद माह की आने वाली अमावस्या के दिन को सोमवती अमावस्या कहा कहा जाता है. इसे भाद्रपद अमावस्या भी कहते हैं. सोमवार को पड़ने वाली इस अमावस्या को सोमवती अमावस्या कहते हैं. इस बार के सोमवती अमावस्या के दिन 18 साल बाद ऐसा शुभ संयोग बन रहा है. जो इस दिन को और भी बहुत विशेष बना रहा है."

सोमवती अमावस्या को बन रहे कई योग

ज्योतिष आचार्य ने बताया कि सोमवती अमावस्या 2 सितंबर को सुबह 5 बजकर 20 मिनट पर शुरू होगी और 3 सितंबर को सुबह 7 बजकर 54 मिनट तक रहेगी. इसके अलावा इस दिन शिव योग और सिद्ध योग भी बन रहा है. इसके अलावा शिव महेश्वर पूजन योग का भी दिन है.

ऐसे करें पूजा, मिलेगा पूरा लाभ

आचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री कहते हैं कि "इस बार सोमवती अमावस्या के लिए पूजा का शुभ मुहूर्त 7 बजे से लेकर 10 बजे तक है. इस दिन सभी विवाहित महिलाएं 6 बजे के बाद स्नान करके नारियल, सुपारी, बिस्किट या कोई फल प्रसाद स्वरूप कुल 108 की संख्या जमा कर उसे एक टोकनी में सजा लें. इसके बाद किसी वट वृक्ष के पेड़ के पास जाकर के 108 परिक्रमा करें. हर परिक्रमा में एक-एक फल या नारियल या सुपाड़ी जो भी वस्तु प्रसाद स्वरूप लिए हैं, वहां डालते जाएं. 108 परिक्रमा करने के बाद वहां पर हवन और आरती करें."

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कुमारी कन्याएं करें ये काम

ज्योतिष आचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री आगे कहते हैं कि "सोमवती अमावस्या के दिन इस बार काफी शुभ संयोग बन रहा है. ऐसे में कुंवारी कन्या भी परिक्रमा कर सकती हैं. वें पीला चावल लेकर के 108 बार परिक्रमा करें और अंत में वट वृक्ष के पास खड़े होकर हाथ जोड़कर प्रार्थना करें. इससे उनके विवाह का योग बनेगा और अच्छे वर की प्राप्ति होगी. सभी काम उनके समय से होंगे और बड़ा पुण्य मिलेगा."

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