उत्तरकाशी: यमुना घाटी के गीठ पट्टी के 12 गांवों के आराध्य देव सोमेश्वर (समेश्वर) देवता के मंदिर के कपाट बैसाखी पर आज सुबह 6 बजे खोल दिए गए हैं. ऐसे में श्रद्धालु आगामी 6 महीने तक खरसाली में सोमेश्वर देवता के दर्शन कर सकेंगे. सोमेश्वर देवता का मंदिर मां यमुना के शीतकालीन प्रवास खरसाली गांव में है, जहां पर कपाट खोलने के लिए परंपराओं के अनुसार बैसाखी से एक दिन पहले विशेष पूजा शुरू हो गई थी.
यमुनोत्री धाम से सटे गीठ पट्टी के खरसाली समेत बनास, पिंडकी, मदेश, निसणी, दुर्बिल, कुठार, दागुणगांव, बाडिया, राना, कुपड़ा, त्रिखली-कुनसाला के 12 गांवों में सोमेश्वर देवता आराध्य देव के रूप में पूजे जाते हैं. सोमेश्वर देवता का मंदिर यमुना के शीतकालीन प्रवास खरसाली गांव में हैं. शनिवार यानी 13 अप्रैल को बैसाखी पर्व पर सोमेश्वर देवता के कपाट 6 महीने के लिए विधि विधान के साथ खोले गए.
यमुनोत्री धाम के पुरोहित महासभा के अध्यक्ष पुरुषोत्तम उनियाल ने बताया कि बैसाखी के अवसर पर सुबह 6 बजे सोमेश्वर देवता के मंदिर के कपाट खोलने और विशेष पूजा अर्चना के बारे में बताया. यमुनोत्री धाम के कपाट बंद होने के बाद सोमेश्वर देवता भी 6 महीने के विश्राम पर चले जाते हैं. इसलिए शीतकाल में उनके मंदिर के कपाट भी बंद रहते हैं.
शुक्रवार को कपाट खोलने की प्रक्रिया के तहत मंदिर में विशेष पूजा अर्चना शुरू हो गई थी. जिसके तहत उनका अभिषेक कर सिंहासन पर विराजमान कर दिया गया. शनिवार यानी आज सुबह श्रद्धालुओं ने सोमेश्वर देवता के दर्शन किए. अपने आराध्य देवता के दर्शन के लिए गीठ पट्टी के 12 गांव के लोग शुक्रवार सुबह से ही खरसाली में जुटने शुरू हो गए थे.
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