वाराणसी : बदलते बनारस की बदलती तस्वीर शहर की स्ट्रीट लाइट में भी दिखने लगी हैं क्योंकि, स्ट्रीट लाइट मामले में बिजली के लिए आत्मनिर्भर हो रही है. काशी की सड़कों पर लगी सोलर स्ट्रीट लाइट वाराणसी के विकास के मॉडल की तस्वीर को दुनिया के सामने रोशन कर रही है. जिससे देशी-विदेशी पर्यटकों की वाराणसी को लेकर पुरानी छवि बदल रही है. इसके साथ ही सौर्य ऊर्जा से रोशन हो रही सड़क कार्बोन उत्सर्जन को रोकने में मदद कर रही है. जिसका सीधा प्रभाव पर्यवरण संरक्षण को मिल रहा है. सरकार की इस पहल से पैसो और मैन पावर दोनों की बचत हो रही है.
यूपी नेडा, सोलर स्मार्ट सिटी योजना के अंतर्गत वाराणसी में स्ट्रीट लाइट लगाई है. वाराणसी में 1,853 स्ट्रीट लाइट रास्तों को रोशन कर रही है. यूपी नेडा के वरिष्ठ परियोजना प्रबंधक एसके गुप्ता ने बताया कि सोलर स्मार्ट सिटी योजना के अंतर्गत शहर और ग्रामीण क्षेत्रों में विभिन्न मार्गों पर सोलर स्ट्रीट लाइट लगाई जा चुकी है. सड़को पर सौर ऊर्जा से 138.975 किलोवाॅट की रोशनी हो रही है. जिससे हर महीने 16 हजार 560 यूनिट बिजली की बचत हो रही है.
सोलर स्ट्रीट लाइट से 1 लाख 15 हजार 920 रुपये की बचत हर महीने हो रही है. सिगरा, पिंडरा, हरहुआ, बड़ागॉव, प्रयागराज हाईवे आदि कई सड़के सौर ऊर्जा से रोशन हो रही है. यूपी नेडा के वरिष्ठ परियोजना प्रबंधक ने बताया कि सोलर स्ट्रीट लाइट स्वचालित है. अंधेरा होते ही जल जाता है और सुबह सूर्य की किरणों के साथ ही स्वतः बंद हो जाता जिससे पावर व मैन पावर की बचत हो रही है. सोलर स्ट्रीट लाइट ऊर्जा की बचत, पर्यावरण संरक्षण, सुरक्षा की दृष्टि से अच्छी है. यह वाटर प्रूफ और लंबी सेवा देने वाली हैं. इसमें जहां वायरिंग का झंझट नहीं होता है. वहीं प्रबंधन की भी समस्या नहीं है. काशी को सोलर सिटी बनाने की दिशा में तेजी से प्रयास किया जा रहा है.
यह भी पढ़ें : यूपी के 17 महानगर बनेंगे सोलर सिटी, सबसे पहले इस शहर का नंबर