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कैसे उन्नत खेती करे किसान? एमपी के 265 ब्लॉक में मिट्टी परीक्षण प्रयोगशाला खंडहर में तब्दील

Soil testing labs ruined : सरकार ने प्रयोगशाला तो बना दी और उपकरण भी खरीद लिए लेकिन मिट्टी परीक्षण के लिए स्टाफ की भर्ती करना भूल गए. अब मिट्टी परीक्षण प्रयोगशाला खंडहर में तब्दील होने लगी हैं.

Soil testing labs ruined
एमपी के 265 ब्लॉक में मिट्टी परीक्षण प्रयोगशाला खंडहर में तब्दील
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Feb 18, 2024, 9:11 AM IST

सागर. सरकारें खेती को लाभ का धंधा बनाने के लिए किसानों को आधुनिक और उन्नत खेती अपनाने की सलाह देती हैं. अच्छी पैदावार के लिए मिट्टी का परीक्षण करवाकर फसल की बुवाई की सलाह भी देती हैं लेकिन सरकार खुद इन मामलों में संजीदा नहीं है. इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि करीब 7 साल पहले पूरे मध्य प्रदेश में 265 विकासखंड में मिट्टी परीक्षण प्रयोगशाला स्थापित की गई थी. बाकायदा प्रयोगशाला का भवन बनाया गया और उपकरण भी खरीदे गए लेकिन आज तक ये प्रयोगशालाएं शुरू नहीं हो सकीं और खंडहर में तब्दील होती जा रही हैं.

स्टाफ भर्ती करना ही भूल गई सरकार

दरअसल, सरकार ने मिट्टी परीक्षण के लिए प्रयोगशालाएं तो बना दी और उपकरण भी खरीद लिए लेकिन मिट्टी परीक्षण के लिए स्टाफ की भर्ती करना भूल गए. अब हालात ये हैं कि किसान मिट्टी परीक्षण के लिए जिला मुख्यालयों पर जाते हैं और उनके ब्लॉक मुख्यालय पर बनी मिट्टी परीक्षण प्रयोगशाला धीरे-धीरे खंडहर में तब्दील हो रही हैं.

soil testing labs ruined
एमपी के 265 ब्लॉक में मिट्टी परीक्षण प्रयोगशाला खंडहर में तब्दील

जैसीनगर में खंडहर में तब्दील प्रयोगशाला

जिले के जैसीनगर विकासखंड की बात करें तो यहां बनी मिट्टी परीक्षण प्रयोगशाला बंद पड़ी हुई है. ये प्रयोगशाला 36 लाख रुपए की लागत से बनी थी. प्रयोगशाला का उद्घाटन तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने 19 अप्रैल 2017 में किया था. प्रयोगशाला की निर्माण एजेंसी कृषि विपणन बोर्ड थी. अप्रैल 2017 में उद्घाटन के वक्त ऐलान किया गया था कि जल्द ही ये प्रयोगशाला काम करना शुरू कर देगी और किसानों को मिट्टी परीक्षण के लिए जिला मुख्यालय नहीं जाना होगा. लेकिन उद्घाटन के करीब 7 साल बाद भी प्रयोगशाला शुरू नहीं हो पा रही है.

soil testing labs ruined
एमपी के 265 ब्लॉक में मिट्टी परीक्षण प्रयोगशाला खंडहर में तब्दील

40 किलोमीटर दूर जाते हैं किसान

प्रयोगशाला शुरू नहीं होने से किसानों को मिट्टी परीक्षण करने के लिए 40 किलोमीटर दूर सागर आना पड़ता है. हालात ये हैं कि भवन बंद पड़ा होने के कारण धीरे-धीरे खंडहर में तब्दील हो रहा है और एक तरह से बर्बाद हो गया है. बताया जा रहा है कि प्रयोगशाला के लिए उपकरण की भी खरीदी हो चुकी थी, वे उपकरण भी बंद हालत में पड़े हुए हैं.

जैसीनगर की तरह एमपी की 265 प्रयोगशालाओं का यही हाल

जिस तरह से सागर जिले के जैसीनगर विकासखंड की मिट्टी परीक्षण प्रयोगशाला खंडहर में तब्दील हो रही है. इसी तरह जिले के दूसरे ब्लॉक में बनाई गई प्रयोगशालाएं भी खंडहर हो रही हैं. हालत ये है कि मध्यप्रदेश के 265 विकासखंड में 108 करोड़ की लागत से बनाई गई तमाम प्रयोगशालाएं बंद पड़ी हुई हैं. इन सभी प्रयोगशालाओं के भवन बनाए गए और उपकरण भी खरीदे गए लेकिन स्टाफ की भर्ती न होने के कारण यह शुरू नहीं हो सकी हैं.

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क्या कहना है कृषि विभाग का

सागर स्थित जिला स्तरीय मिट्टी परीक्षण प्रयोगशाला के प्रभारी अधिकारी सहायक संचालक जितेंद्र सिंह राजपूत कहते हैं, 'सागर जिला मुख्यालय स्थित मिट्टी परीक्षण प्रयोगशाला हाईटेक है. यहां पर किसान मिट्टी के नमूने लेकर आते हैं और उनका परीक्षण करके जल्द रिपोर्ट उपलब्ध कराई जाती है. सागर स्थित प्रयोगशाला 1 साल में 10 हजार सैंपल का परीक्षण कर सकती है. जिसकी जानकारी पोर्टल पर सार्वजनिक की जाती है और किसान को भी उपलब्ध कराई जाती है या सुविधा किसानों के लिए पूरी तरह से निशुल्क है. जहां तक विकासखंड स्तर पर बनाई गई प्रयोगशाला की बात है, तो इसकी जानकारी कृषि विभाग के उप संचालक दे सकते हैं. मेरी जानकारी में स्टाफ की कमी के चलते ये प्रयोगशालाएं शुरू नहीं हो पाई है.'

सागर. सरकारें खेती को लाभ का धंधा बनाने के लिए किसानों को आधुनिक और उन्नत खेती अपनाने की सलाह देती हैं. अच्छी पैदावार के लिए मिट्टी का परीक्षण करवाकर फसल की बुवाई की सलाह भी देती हैं लेकिन सरकार खुद इन मामलों में संजीदा नहीं है. इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि करीब 7 साल पहले पूरे मध्य प्रदेश में 265 विकासखंड में मिट्टी परीक्षण प्रयोगशाला स्थापित की गई थी. बाकायदा प्रयोगशाला का भवन बनाया गया और उपकरण भी खरीदे गए लेकिन आज तक ये प्रयोगशालाएं शुरू नहीं हो सकीं और खंडहर में तब्दील होती जा रही हैं.

स्टाफ भर्ती करना ही भूल गई सरकार

दरअसल, सरकार ने मिट्टी परीक्षण के लिए प्रयोगशालाएं तो बना दी और उपकरण भी खरीद लिए लेकिन मिट्टी परीक्षण के लिए स्टाफ की भर्ती करना भूल गए. अब हालात ये हैं कि किसान मिट्टी परीक्षण के लिए जिला मुख्यालयों पर जाते हैं और उनके ब्लॉक मुख्यालय पर बनी मिट्टी परीक्षण प्रयोगशाला धीरे-धीरे खंडहर में तब्दील हो रही हैं.

soil testing labs ruined
एमपी के 265 ब्लॉक में मिट्टी परीक्षण प्रयोगशाला खंडहर में तब्दील

जैसीनगर में खंडहर में तब्दील प्रयोगशाला

जिले के जैसीनगर विकासखंड की बात करें तो यहां बनी मिट्टी परीक्षण प्रयोगशाला बंद पड़ी हुई है. ये प्रयोगशाला 36 लाख रुपए की लागत से बनी थी. प्रयोगशाला का उद्घाटन तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने 19 अप्रैल 2017 में किया था. प्रयोगशाला की निर्माण एजेंसी कृषि विपणन बोर्ड थी. अप्रैल 2017 में उद्घाटन के वक्त ऐलान किया गया था कि जल्द ही ये प्रयोगशाला काम करना शुरू कर देगी और किसानों को मिट्टी परीक्षण के लिए जिला मुख्यालय नहीं जाना होगा. लेकिन उद्घाटन के करीब 7 साल बाद भी प्रयोगशाला शुरू नहीं हो पा रही है.

soil testing labs ruined
एमपी के 265 ब्लॉक में मिट्टी परीक्षण प्रयोगशाला खंडहर में तब्दील

40 किलोमीटर दूर जाते हैं किसान

प्रयोगशाला शुरू नहीं होने से किसानों को मिट्टी परीक्षण करने के लिए 40 किलोमीटर दूर सागर आना पड़ता है. हालात ये हैं कि भवन बंद पड़ा होने के कारण धीरे-धीरे खंडहर में तब्दील हो रहा है और एक तरह से बर्बाद हो गया है. बताया जा रहा है कि प्रयोगशाला के लिए उपकरण की भी खरीदी हो चुकी थी, वे उपकरण भी बंद हालत में पड़े हुए हैं.

जैसीनगर की तरह एमपी की 265 प्रयोगशालाओं का यही हाल

जिस तरह से सागर जिले के जैसीनगर विकासखंड की मिट्टी परीक्षण प्रयोगशाला खंडहर में तब्दील हो रही है. इसी तरह जिले के दूसरे ब्लॉक में बनाई गई प्रयोगशालाएं भी खंडहर हो रही हैं. हालत ये है कि मध्यप्रदेश के 265 विकासखंड में 108 करोड़ की लागत से बनाई गई तमाम प्रयोगशालाएं बंद पड़ी हुई हैं. इन सभी प्रयोगशालाओं के भवन बनाए गए और उपकरण भी खरीदे गए लेकिन स्टाफ की भर्ती न होने के कारण यह शुरू नहीं हो सकी हैं.

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क्या कहना है कृषि विभाग का

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