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गया में स्मोक बिस्किट का जबरदस्त क्रेज, बच्चे-बड़े सब उड़ा रहे धुआं, आपने चखा क्या? - गया में धुआं वाला बिस्किट

बिहार के गया में पहली बार लोगों के बीच आया धुएं वाला बिस्किट चर्चा में है. स्मोक बिस्किट का आनंद बड़े-बच्चे सब ले रहे हैं. बिस्किट खाकर धुआं छोड़ते हैं, तो देखने वालों की भी भीड़ लग जा रही है. गया में स्मोक बिस्किट पहली बार आया है, ऐसे में इसकी डिमांड काफी हो रही है. कैसे बनता है स्मोक बिस्किट, क्या कहते हैं डॉक्टर? सभी जानकारी के लिए पढ़ें पूरी खबर

Smoke Biscuit Craze In Gaya
Smoke Biscuit Craze In Gaya
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Feb 27, 2024, 6:22 AM IST

Updated : Feb 27, 2024, 6:47 AM IST

देखें रिपोर्ट.

गया : गया में धुएं वाले बिस्किट की काफी मांग हो रही है. स्मोक बिस्किट खाने के लिए हर उम्र के लोग पहुंच रहे हैं. बच्चे हों या बड़े या महिला, इसका आनंद लेने से कोई पीछे नहीं रह रहा. स्मोक बिस्किट खाते ही मुंह से धुआं निकलना शुरू हो जाता है. बिस्किट खाते ही जैसे ही धुआं निकलना शुरू होता है, तो लोग इसका आनंद उठाना शुरू करते हैं.

गया में धुआं वाला बिस्किट : धुएं वाला बिस्किट खाने वाले को देखकर हंसी नहीं रूक पाती है. ऐसे में लोग परिवार के साथ पहुंचकर इसका आनंद ले रहे हैं. अब इस धुएं वाले बिस्कुट की डिमांड शादी-विवाह-बर्थडे, मेला व अन्य फंक्शन तक तक फैला है. धुएं वाला बिस्किट एकदम से गया के लिए नया है और यह ऐसा है जो हर किसी को अपनी ओर आकर्षित कर लेता है.

यूट्यूब से मिला आइडिया तो बना आत्मनिर्भर : गया के अभिषेक कुमार ने स्मोक बिस्किट यानी धुएं वाला बिस्किट का स्टॉल शुरू किया है. गया में परिवार के साथ लोग इसका मजा ले रहे हैं. अभिषेक को यूट्यूब से इसका आईडिया मिला था. आइडिया मिलने पर उसे आजमाया और आज आत्मनिर्भर हो गया है. अब यह दूसरों को भी रोजगार दे रहा है. धुएं वाला बिस्किट गया में काफी चर्चा में आ गया है.

Smoke Biscuit
ये है स्मोक बिल्सिट स्टॉल.

नाइट्रोजन गैस की लिक्विड में डुबोकर देता है बिस्किट : अभिषेक बताता है कि बिस्किट सामान्य होता है. सिर्फ नाइट्रोजन गैस के लिक्विड में बिस्किट को डुबाते हैं. यह ठंडा होता है, लेकिन उसे कम ठंडा करते हैं और ग्राहक को देते हैं. नाइट्रोजन गैस के लिक्विड में डुबोकर दिए गए बिस्किट को जब लोग खाते हैं, तो उनके मुंह से धुआं निकलना शुरू हो जाता है. खाने पर थोड़ा ठंडा लगता है. इसका लुत्फ लोग इसलिए उठाते हैं, क्योंकि यह हर किसी को अपनी ओर आकर्षित करता है.

''बेसिकली लिक्विड नाइट्रोजन होता है जिसमें बिस्कुट डूबा दिया जाता है. इसे लोग खाकर मजे लेते हैं. यह क्रायोजेनिक होता है. -237 डिग्री टेंपरेचर तक यह चला जाता है. नाइट्रोजन रिएक्ट नहीं करता, शरीर पर असर नहीं करता, लेकिन ठंड से जो नुकसान होते हैं वह हो सकता है. इसके उपयोग से मुंह का टिशु, नाक का टिशु फ्रास्टबिट (बर्फ से जलना) हो सकता है. धुआं जब निकलता है, तो उस प्रक्रिया को नाइट्रोपफ कहते हैं. मुंह का टिशु फ्रॉस्टबिट होने से बचने के लिए इसका प्रयोग न करें तो अच्छा है.''- डॉक्टर अमित कुमार सिंह, प्रोफेसर, मगध विश्वविद्यालय डिपार्मेंट आफ बॉटनी

मेहनत कर लगाई पूंजी, अब संवरा भविष्य : गया के विष्णुपद के निवासी अभिषेक कुमार फिलहाल में किराए के मकान में मंगला गौरी में रहता है. यह पहले रोजगार पाने के लिए काफी मेहनत करता था. किसी जान पहचान के साथ सहयोगी बनकर काम करता था. इसी में कुछ कमाई कर बचत कर रहा था लेकिन पूरी तरह से हमेशा काम नहीं मिलने से काफी परेशान रहता थे. इस बीच अभिषेक ने यूट्यूब पर सर्च किया तो उसे धुएं वाला बिस्किट का आईडिया मिला.

इसके बाद धीरे-धीरे और मेहनत कर पूंजी जमा करनी शुरू कर दी और फिर करीब 50 हजार में मिलने वाली नाइट्रोजन गैस की टंकी झारखंड से मंगवाया. इसके बाद काउंटर-स्टॉल का व्यवस्था किया और वह स्मोक बिस्किट की बिक्री कर रहा है. स्मोक बिस्किट की बिक्री कर अब अच्छी कमाई कर रहा है. पहले एक टंकी ही थी, लेकिन अब उसके पास नाइट्रोजन गैस की तीन टंकी है. शादी, विवाह, बर्थडे, मेले व अन्य फंक्शन में अपना काम बढ़ाया है. लगन अच्छी होती है, तो 20 से 25 हजार महीने की कमाई हो जाती है.

कम उम्र में पिता का हुआ देहांत : अभिषेक खुद धुएं वाला बिस्कुट बेचता है, लेकिन उसकी बहन बीएचयू की छात्रा है. अभिषेक बताता है कि उसके पिता की मृत्यु तभी हो गई थी, जब वह कम उम्र का था. कई सालों तक मां ने घर की गाड़ी खींची, फिर उसने साथ देना शुरू किया. वह काम करने वाले कुछ पहचान के लोगों के साथ रहकर बचत करने लगा और अब उसके पास काफी कुछ है. अब वह इतनी कमा लेता है, जिससे जिंदगी बेहतर तरीके से चल सके. अब वह पूरी तरह से आत्मनिर्भर बन चुका है. उसके पास नाइट्रोजन गैस की तीन टंकी है. अब वह दूसरों को भी रोजगार दे रहा है.

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देखें रिपोर्ट.

गया : गया में धुएं वाले बिस्किट की काफी मांग हो रही है. स्मोक बिस्किट खाने के लिए हर उम्र के लोग पहुंच रहे हैं. बच्चे हों या बड़े या महिला, इसका आनंद लेने से कोई पीछे नहीं रह रहा. स्मोक बिस्किट खाते ही मुंह से धुआं निकलना शुरू हो जाता है. बिस्किट खाते ही जैसे ही धुआं निकलना शुरू होता है, तो लोग इसका आनंद उठाना शुरू करते हैं.

गया में धुआं वाला बिस्किट : धुएं वाला बिस्किट खाने वाले को देखकर हंसी नहीं रूक पाती है. ऐसे में लोग परिवार के साथ पहुंचकर इसका आनंद ले रहे हैं. अब इस धुएं वाले बिस्कुट की डिमांड शादी-विवाह-बर्थडे, मेला व अन्य फंक्शन तक तक फैला है. धुएं वाला बिस्किट एकदम से गया के लिए नया है और यह ऐसा है जो हर किसी को अपनी ओर आकर्षित कर लेता है.

यूट्यूब से मिला आइडिया तो बना आत्मनिर्भर : गया के अभिषेक कुमार ने स्मोक बिस्किट यानी धुएं वाला बिस्किट का स्टॉल शुरू किया है. गया में परिवार के साथ लोग इसका मजा ले रहे हैं. अभिषेक को यूट्यूब से इसका आईडिया मिला था. आइडिया मिलने पर उसे आजमाया और आज आत्मनिर्भर हो गया है. अब यह दूसरों को भी रोजगार दे रहा है. धुएं वाला बिस्किट गया में काफी चर्चा में आ गया है.

Smoke Biscuit
ये है स्मोक बिल्सिट स्टॉल.

नाइट्रोजन गैस की लिक्विड में डुबोकर देता है बिस्किट : अभिषेक बताता है कि बिस्किट सामान्य होता है. सिर्फ नाइट्रोजन गैस के लिक्विड में बिस्किट को डुबाते हैं. यह ठंडा होता है, लेकिन उसे कम ठंडा करते हैं और ग्राहक को देते हैं. नाइट्रोजन गैस के लिक्विड में डुबोकर दिए गए बिस्किट को जब लोग खाते हैं, तो उनके मुंह से धुआं निकलना शुरू हो जाता है. खाने पर थोड़ा ठंडा लगता है. इसका लुत्फ लोग इसलिए उठाते हैं, क्योंकि यह हर किसी को अपनी ओर आकर्षित करता है.

''बेसिकली लिक्विड नाइट्रोजन होता है जिसमें बिस्कुट डूबा दिया जाता है. इसे लोग खाकर मजे लेते हैं. यह क्रायोजेनिक होता है. -237 डिग्री टेंपरेचर तक यह चला जाता है. नाइट्रोजन रिएक्ट नहीं करता, शरीर पर असर नहीं करता, लेकिन ठंड से जो नुकसान होते हैं वह हो सकता है. इसके उपयोग से मुंह का टिशु, नाक का टिशु फ्रास्टबिट (बर्फ से जलना) हो सकता है. धुआं जब निकलता है, तो उस प्रक्रिया को नाइट्रोपफ कहते हैं. मुंह का टिशु फ्रॉस्टबिट होने से बचने के लिए इसका प्रयोग न करें तो अच्छा है.''- डॉक्टर अमित कुमार सिंह, प्रोफेसर, मगध विश्वविद्यालय डिपार्मेंट आफ बॉटनी

मेहनत कर लगाई पूंजी, अब संवरा भविष्य : गया के विष्णुपद के निवासी अभिषेक कुमार फिलहाल में किराए के मकान में मंगला गौरी में रहता है. यह पहले रोजगार पाने के लिए काफी मेहनत करता था. किसी जान पहचान के साथ सहयोगी बनकर काम करता था. इसी में कुछ कमाई कर बचत कर रहा था लेकिन पूरी तरह से हमेशा काम नहीं मिलने से काफी परेशान रहता थे. इस बीच अभिषेक ने यूट्यूब पर सर्च किया तो उसे धुएं वाला बिस्किट का आईडिया मिला.

इसके बाद धीरे-धीरे और मेहनत कर पूंजी जमा करनी शुरू कर दी और फिर करीब 50 हजार में मिलने वाली नाइट्रोजन गैस की टंकी झारखंड से मंगवाया. इसके बाद काउंटर-स्टॉल का व्यवस्था किया और वह स्मोक बिस्किट की बिक्री कर रहा है. स्मोक बिस्किट की बिक्री कर अब अच्छी कमाई कर रहा है. पहले एक टंकी ही थी, लेकिन अब उसके पास नाइट्रोजन गैस की तीन टंकी है. शादी, विवाह, बर्थडे, मेले व अन्य फंक्शन में अपना काम बढ़ाया है. लगन अच्छी होती है, तो 20 से 25 हजार महीने की कमाई हो जाती है.

कम उम्र में पिता का हुआ देहांत : अभिषेक खुद धुएं वाला बिस्कुट बेचता है, लेकिन उसकी बहन बीएचयू की छात्रा है. अभिषेक बताता है कि उसके पिता की मृत्यु तभी हो गई थी, जब वह कम उम्र का था. कई सालों तक मां ने घर की गाड़ी खींची, फिर उसने साथ देना शुरू किया. वह काम करने वाले कुछ पहचान के लोगों के साथ रहकर बचत करने लगा और अब उसके पास काफी कुछ है. अब वह इतनी कमा लेता है, जिससे जिंदगी बेहतर तरीके से चल सके. अब वह पूरी तरह से आत्मनिर्भर बन चुका है. उसके पास नाइट्रोजन गैस की तीन टंकी है. अब वह दूसरों को भी रोजगार दे रहा है.

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Last Updated : Feb 27, 2024, 6:47 AM IST
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