पटना: नीट पेपर लीक मामले की ईओयू की 9 सदस्यीय एसआईटी जांच कर रही है. जांच में प्रतिदिन चौंकाने वाले मामले सामने आ रहे हैं. अभी तक अभ्यर्थी आयुष ने ही कबूल किया था कि परीक्षा के एक दिन पहले उसे प्रश्न पत्र रटवाया गया. अब गिरफ्तार परीक्षा माफिया 56 वर्षीय दानापुर नगर परिषद का जूनियर इंजीनियर सिकंदर यादवेंदु ने भी पेपर लीक में अपनी भूमिका कबूल की है.
"अमित और नीतीश ने 4 मई को ही प्रश्न पत्र हासिल कर लिया था. इसे रामकृष्ण नगर इलाके में लर्न प्ले स्कूल ले जाया गया. वहां 25 से 30 की संख्या में नीट अभ्यर्थी पहले से थे. सभी को 5 मई सुबह 9:00 बजे तक परीक्षा का प्रश्न पत्र का उत्तर देकर रटवाया गया."-सिकंदर यादवेंदु, परीक्षा माफिया
सिकंदर ने किया बड़ा खुलासा: सिकंदर ने कबूल किया है कि सभी अभ्यर्थियों को 9:00 बजे के बाद सीधे गाड़ी से परीक्षा केंद्र ही छोड़ा गया. इधर आर्थिक अपराध इकाई का कहना है कि जांच में रोज नए तथ्य सामने आ रहे हैं. टीम को परीक्षा माफिया नगर नौसा के संजीव मुखिया, हिलसा के पिंटू, राकेश रंजन उर्फ रॉकी, करायपरसुराय के चिंटू उर्फ बलदेव, दीदारगंज के आशुतोष, नीतीश यादव, मनीष प्रकाश और नीतीश पटेल उर्फ अभिमन्यु की तलाश जारी है. एसआईटी की छापेमारी लगातार जारी है.
सॉल्वर गैंग से जुड़े 11 अभ्यर्थी: इधर जांच में यह भी सामने आया है कि चिंटू के मोबाइल पर 5 मई की सुबह नीट परीक्षा का प्रश्न पत्र उत्तर के साथ उपलब्ध हो गया था. वहीं अब एनटीए से 11 अभ्यर्थियों की जानकारी मिलने के बाद ईओयू ने सभी को नोटिस भेज दिया है. यह सभी बिहार के अलग-अलग इलाकों के रहने वाले हैं और आशंका है कि यह सॉल्वर गैंग से जुड़े हुए हैं. ईओयू ने सभी को सोमवार और मंगलवार का समय देते हुए पटना दफ्तर में उपस्थित होने को कहा है. वही एक बार फिर से ईओयू जेल भेजे गए सभी 13 लोगों, जिसमें से परीक्षा माफिया कर अभ्यर्थी और तीन अभिभावक शामिल हैं, उन्हें दोबारा डिमांड पर लेकर पूछताछ करने की तैयारी में है.
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