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शिवराज की बुधनी सीट बनेगी नेतापुत्रों के 'ताले की चाबी', कार्तिकेय के साथ मैदान में कई दावेदार - Shivraj budhni seat by election

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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jun 11, 2024, 2:17 PM IST

Updated : Jun 11, 2024, 2:25 PM IST

पूर्व मुख्यमंत्री व अब केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान की परंपरागत बुधनी विधानसभा सीट खाली हो गई है. इस सीट पर शिवराज के पुत्र कार्तिकेय सबसे तगड़े दावेदार हैं. बीजेपी ने कार्तिकेय को टिकट दिया तो मध्यप्रदेश में दिग्गज बीजेपी नेताओं के पुत्रों के लिए रास्ता खुल जाएगा. कई नेतापुत्र सालों से राजनीति में सक्रिय हैं और वे टिकट मिलने की आस में हैं.

Shivraj budhni seat by election
बुधनी सीट से शिवराज के पुत्र कार्तिकेय बड़े दावेदार (ETV BHARAT)

भोपाल। लोकसभा चुनाव के बाद मध्यप्रदेश की बुधनी और अमरवाड़ा विधानसभा सीट पर एक बार फिर चुनावी घमासान होने जा रहा है. खाली हुई इन दोनों सीटों पर उपचुनाव होने जा रहे हैं. अमरवाड़ा सीट से बीजेपी का उम्मीदवार तय है, लेकिन बुधनी सीट से कई नेतापुत्रों की उम्मीदें जुड़ी हुई हैं. इस सीट से पूर्व सीएम और केन्द्रीय मंत्री शिवराज सिंह का उत्तराधिकारी कौन होगा, इसको लेकर चर्चा शुरू हो गई है. इस सीट से उनके बेटे कार्तिकेय को भी दावेदार माना जा रहा है. यदि पार्टी ने उन्हें टिकट दिया तो बीजेपी के कई नेता पुत्रों के लिए भी चुनावी रास्ता खुल सकता है.

Shivraj budhni seat by election
बुधनी से कार्तिकेय के साथ ही कई दावेदार (ETV BHARAT)

शिवराज के पुत्र कार्तिकेय 10 साल से सक्रिय

विदिशा सीट से सांसद और अब मोदी सरकार में केन्द्रीय मंत्री बनने के बाद बुधनी विधानसभा सीट खाली है. इस सीट पर उपचुनाव होने जा रहा है. इसके साथ ही शिवराज सिंह के उत्तराधिकारी को लेकर चर्चा शुरू हो गई है. इस सीट से कई स्थानीय नेता दावेदारी कर रहे हैं. इनमें सबसे ज्यादा चर्चा शिवराज को बेटे कार्तिकेय चौहान के नाम को लेकर है. कार्तिकेय सिंह चौहान पिछले 10 सालों से पिता शिवराज सिंह चौहान के प्रचार की कमान संभालते आए हैं. 2013 के चुनाव में जब शिवराज ने दो सीटों विदिशा और बुधनी से चुनाव लड़ा, तब बुधनी सीट पर कार्तिकेय और साधना सिंह ने भी दिन-रात मेहनत की. यह चुनाव शिवराज ने भारी मतों से जीता. इसी तरह 2018 और पिछला 2023 के चुनाव में भी शिवराज सिंह चौहान सिर्फ एक बार बुधनी सीट पर प्रचार के लिए गए थे, बाकी चुनाव प्रचार कार्तिकेय सिंह ने ही किया और यह दो चुनाव भी शिवराज बड़े अंतर से जीते.

बीजेपी से ये भी हैं मजबूत दावेदार

बुधनी सीट से बीजेपी पूर्व सांसद रमाकांत भार्गव को मैदान में उतार सकती है. उनका टिकट काटकर ही विदिशा सीट से शिवराज को मैदान में उतारा गया है. वे शिवराज के कट्टर समर्थक भी माने जाते रहे हैं. हालांकि 70 साल के रमाकांत के आड़े उनकी उम्र आ सकती है. रवि मालवीय भी इस सीट से दावेदार हो सकते हैं. वह सीहोर बीजेपी के जिला अध्यक्ष हैं और शिवराज के करीबी भी माने जाते रहे हैं. पूर्व विधायक राजेन्द्र सिंह राजपूत का नाम भी दावेदारों में शामिल है. उन्होंने शिवराज सिंह चौहान के लिए यह सीट खुद ही छोड़ दी थी. दावेदारों में एक नाम रघुनाथ सिंह भाटी का भी है. वह सीहोर के पूर्व जिलाध्यक्ष रहे हैं. वे भी शिवराज सिंह के करीबी माने जाते हैं.

बीजेपी भी परिवारवाद से नहीं बची

राजनीतिक विश्लेषक अजय बोकिल कहते हैं "विधानसभा चुनाव के दौरान बुधनी सीट पर शिवराज सिंह चौहान के लिए उनके बेटे कार्तिकेय चौहान ने इस बार भी खूब मेहनत की थी. इस सीट पर कार्तिकेय को भी दावेदार माना जा रहा है. वैसे बीजेपी परिवारवाद को आने बढ़ाने से बचती रही है, लेकिन ऐसा नहीं है कि पार्टी में यह परंपरा टूटती न रही हो. लोकसभा चुनाव में ही प्रदेश में मंत्री नागर सिंह की पत्नी अनीता को पार्टी ने चुनाव में उतारा. विधानसभा चुनाव में भी बीजेपी ने गौरीशंकर बिसेन की बेटी मौसमी सिंह को टिकट दिया था, हालांकि बाद में टिकट बदल दिया गया था. इसलिए कार्तिकेय को चुनाव मैदान में उतार दिया जाए तो कोई आश्चर्य नहीं होगा."

कार्तिकेय को टिकट मिला तो कई नेता पुत्रों के रास्ते खुलेंगे

वैसे नेता पुत्रों में कार्तिकेय को टिकट मिला तो कई नेता पुत्रों की उम्मीदें बढ़ जाएंगी. प्रदेश के कई नेतापुत्र चुनाव में टिकट को लेकर दावेदारी करते आ रहे हैं. पूर्व मंत्री गोपाल सिंह भार्गव के बेटे अभिषेक भार्गव भी लंबे समय से सक्रिय हैं. वे पिता की सीट गढ़ाकोटा पर पिछले चुनावों में खूब मेहनत करते आए हैं. हालांकि पिछले चुनाव में गोपाल भार्गव के स्थान पर उनके बेटे को लेकर पार्टी ने रुचि नहीं दिखाई. विधानसभा अध्यक्ष नरेन्द्र सिंह तोमर के बेटे देवेन्द्र सिंह तोमर भी स्थानीय राजनीति में सक्रिय हैं. तोमर भी बेटे देवेन्द्र के लिए चुनावी सीट तलाश रहे हैं. देवेन्द्र पिछले करीबन 10 साल से राजनीति में सक्रिय हैं. नरोत्तम मिश्रा के बेटे सुकर्ण मिश्रा भी राजनीति में सक्रिय हैं. उधर, पीसीसी चीफ जीतू पटवारी के मुताबिक कांग्रेस ने दोनों सीटों पर चुनावी तैयारियां शुरू कर दी हैं.

भोपाल। लोकसभा चुनाव के बाद मध्यप्रदेश की बुधनी और अमरवाड़ा विधानसभा सीट पर एक बार फिर चुनावी घमासान होने जा रहा है. खाली हुई इन दोनों सीटों पर उपचुनाव होने जा रहे हैं. अमरवाड़ा सीट से बीजेपी का उम्मीदवार तय है, लेकिन बुधनी सीट से कई नेतापुत्रों की उम्मीदें जुड़ी हुई हैं. इस सीट से पूर्व सीएम और केन्द्रीय मंत्री शिवराज सिंह का उत्तराधिकारी कौन होगा, इसको लेकर चर्चा शुरू हो गई है. इस सीट से उनके बेटे कार्तिकेय को भी दावेदार माना जा रहा है. यदि पार्टी ने उन्हें टिकट दिया तो बीजेपी के कई नेता पुत्रों के लिए भी चुनावी रास्ता खुल सकता है.

Shivraj budhni seat by election
बुधनी से कार्तिकेय के साथ ही कई दावेदार (ETV BHARAT)

शिवराज के पुत्र कार्तिकेय 10 साल से सक्रिय

विदिशा सीट से सांसद और अब मोदी सरकार में केन्द्रीय मंत्री बनने के बाद बुधनी विधानसभा सीट खाली है. इस सीट पर उपचुनाव होने जा रहा है. इसके साथ ही शिवराज सिंह के उत्तराधिकारी को लेकर चर्चा शुरू हो गई है. इस सीट से कई स्थानीय नेता दावेदारी कर रहे हैं. इनमें सबसे ज्यादा चर्चा शिवराज को बेटे कार्तिकेय चौहान के नाम को लेकर है. कार्तिकेय सिंह चौहान पिछले 10 सालों से पिता शिवराज सिंह चौहान के प्रचार की कमान संभालते आए हैं. 2013 के चुनाव में जब शिवराज ने दो सीटों विदिशा और बुधनी से चुनाव लड़ा, तब बुधनी सीट पर कार्तिकेय और साधना सिंह ने भी दिन-रात मेहनत की. यह चुनाव शिवराज ने भारी मतों से जीता. इसी तरह 2018 और पिछला 2023 के चुनाव में भी शिवराज सिंह चौहान सिर्फ एक बार बुधनी सीट पर प्रचार के लिए गए थे, बाकी चुनाव प्रचार कार्तिकेय सिंह ने ही किया और यह दो चुनाव भी शिवराज बड़े अंतर से जीते.

बीजेपी से ये भी हैं मजबूत दावेदार

बुधनी सीट से बीजेपी पूर्व सांसद रमाकांत भार्गव को मैदान में उतार सकती है. उनका टिकट काटकर ही विदिशा सीट से शिवराज को मैदान में उतारा गया है. वे शिवराज के कट्टर समर्थक भी माने जाते रहे हैं. हालांकि 70 साल के रमाकांत के आड़े उनकी उम्र आ सकती है. रवि मालवीय भी इस सीट से दावेदार हो सकते हैं. वह सीहोर बीजेपी के जिला अध्यक्ष हैं और शिवराज के करीबी भी माने जाते रहे हैं. पूर्व विधायक राजेन्द्र सिंह राजपूत का नाम भी दावेदारों में शामिल है. उन्होंने शिवराज सिंह चौहान के लिए यह सीट खुद ही छोड़ दी थी. दावेदारों में एक नाम रघुनाथ सिंह भाटी का भी है. वह सीहोर के पूर्व जिलाध्यक्ष रहे हैं. वे भी शिवराज सिंह के करीबी माने जाते हैं.

बीजेपी भी परिवारवाद से नहीं बची

राजनीतिक विश्लेषक अजय बोकिल कहते हैं "विधानसभा चुनाव के दौरान बुधनी सीट पर शिवराज सिंह चौहान के लिए उनके बेटे कार्तिकेय चौहान ने इस बार भी खूब मेहनत की थी. इस सीट पर कार्तिकेय को भी दावेदार माना जा रहा है. वैसे बीजेपी परिवारवाद को आने बढ़ाने से बचती रही है, लेकिन ऐसा नहीं है कि पार्टी में यह परंपरा टूटती न रही हो. लोकसभा चुनाव में ही प्रदेश में मंत्री नागर सिंह की पत्नी अनीता को पार्टी ने चुनाव में उतारा. विधानसभा चुनाव में भी बीजेपी ने गौरीशंकर बिसेन की बेटी मौसमी सिंह को टिकट दिया था, हालांकि बाद में टिकट बदल दिया गया था. इसलिए कार्तिकेय को चुनाव मैदान में उतार दिया जाए तो कोई आश्चर्य नहीं होगा."

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कार्तिकेय को टिकट मिला तो कई नेता पुत्रों के रास्ते खुलेंगे

वैसे नेता पुत्रों में कार्तिकेय को टिकट मिला तो कई नेता पुत्रों की उम्मीदें बढ़ जाएंगी. प्रदेश के कई नेतापुत्र चुनाव में टिकट को लेकर दावेदारी करते आ रहे हैं. पूर्व मंत्री गोपाल सिंह भार्गव के बेटे अभिषेक भार्गव भी लंबे समय से सक्रिय हैं. वे पिता की सीट गढ़ाकोटा पर पिछले चुनावों में खूब मेहनत करते आए हैं. हालांकि पिछले चुनाव में गोपाल भार्गव के स्थान पर उनके बेटे को लेकर पार्टी ने रुचि नहीं दिखाई. विधानसभा अध्यक्ष नरेन्द्र सिंह तोमर के बेटे देवेन्द्र सिंह तोमर भी स्थानीय राजनीति में सक्रिय हैं. तोमर भी बेटे देवेन्द्र के लिए चुनावी सीट तलाश रहे हैं. देवेन्द्र पिछले करीबन 10 साल से राजनीति में सक्रिय हैं. नरोत्तम मिश्रा के बेटे सुकर्ण मिश्रा भी राजनीति में सक्रिय हैं. उधर, पीसीसी चीफ जीतू पटवारी के मुताबिक कांग्रेस ने दोनों सीटों पर चुनावी तैयारियां शुरू कर दी हैं.

Last Updated : Jun 11, 2024, 2:25 PM IST
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