शिवपुरी। जंगल में मवेशी चराने वाले चरवाहे से फिरौती वसूलने के आरोप में न्यायालय ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. आरोपी ने जंगल में चरवाहे से फिरौती वसूली थी. डकैत ने दो चरवाहों को पकड़ा और अपने साथ ले गए. डकैत ने एक चरवाहे को अपहरण कर अपने पास रख लिया और दूसरे को धमकी देकर पैसे लेने के लिए भेज दिया. फिरौती वसूलने के बाद डकैत ने चरवाहे को छोड़ दिया. जिसके बाद मामले को लेकर थाने में शिकायत दर्ज कराई गई थी.
चरवाहे का अपहरण कर मांगा फिरौती
गनपतराम ने 1 दिसंबर 2020 को कोलारस थाने में शिकायत दर्ज कराई थी. उन्होंने बताया कि वह जंगलों में भेड़ चराने का काम करता है. उसके मवेशियों का डेरा बीसभुजी के जंगल में गोमुख के पास है. जब डकैत उसे पकड़ा तो उसके साथ उसका साथी मुंशीराम रेवाड़ी भी था. दोनों जंगल में भेड़ चरा रहे थे, तभी दोपहर के समय में कुछ बंदूकधारी उनको जंगल में मिले. बंदूकधारी उन दोनों को अपने साथ ले गए.
10 लाख रु की मांग की
डकैतों ने गनपतराम और मुंशीराम को अपने साथ दो घंटों तक रखा और पैसों की मांग की. उसके बाद उन्होंने गनपतराम को छोड़ दिया और मुंशीराम को अपने पास रख लिया. गनपतराम ने बताया कि उसने धमकी दी गई थी कि वह 10 लाख रुपए लेकर आए, नहीं तो उसके साथी की लाश मिलेगी. इस घटना के कुछ दिन बाद पैसे देकर मुंशीराम को छुड़ाया गया. गनपतराय ने पुलिस को बताया कि एक डकैत ने अपना नाम बैजनाथ और राजस्थान का रहने वाला बताया.
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डकैत को आजीवन कारावास
कोलारस पुलिस ने इस मामले में बैजू उर्फ बैजनाथ सहित अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया था. बैजनाथ, धौलपुर राजस्थान के कोतवाली थाना क्षेत्र निवासी मेहताब सिंह गुर्जर का पुत्र है. पुलिस ने बैजू को पकड़ कर कोर्ट में चालान पेश किया. इस मामले में पैरवी ए़़डीपीओ शिवकांत कुलश्रेष्ठ ने की. कोर्ट ने सुनवाई के बाद बैजू को दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है.