शिमला: अपनी मांगों को लेकर शिमला में धरने पर बैठे पोस्ट कोड 817 के अभ्यर्थियों ने सत्ता पक्ष के विधायक सुधीर शर्मा और राजेंद्र राणा को अपना दर्द सुनाया. अभ्यर्थियों ने व्यथा सुनाई कि नौकरी न होने से युवाओं की शादियां टूट गई हैं जिस पर दोनों विधायकों ने मामले को सदन में उठाने का भरोसा दिया. शिमला में नियुक्तियों को लेकर अनशन पर बैठे पोस्ट कोड 817 के अभ्यर्थियों को नियुक्ति दिए जाने का मामला अब विधानसभा में गूंजेगा. इस मामले को सत्ता पक्ष के विधायक सदन में सरकार के समक्ष रखेंगे.
बुधवार को विधायक राजेंद्र राणा व सुधीर शर्मा पोस्ट कोड 817 के अभ्यर्थियों से मिले. इस दौरान अभ्यर्थियों ने दोनों ही विधायकों को अपना दर्द बताया. अभ्यर्थियों का कहना है कि परीक्षाएं देने के बाद भी परिणाम घोषित नहीं किया जा रहा है. ऐसे में युवाओं को परीक्षाएं रद्द होने का डर सता रहा है. अभ्यर्थियों ने दुखड़ा सुनाया कि करीब 4 सालों से चली यह भर्ती पूरी नहीं हुई, जिससे कई अभ्यर्थियों की उम्र ढल रही है.
'नौकरी न होने से टूट रही शादी'
नौकरी न होने से युवाओं की शादी तक टूट रही है. ऐसे में नियुक्तियों के इंतजार में युवा बहुत परेशान हैं, लेकिन सरकार भी युवाओं के साथ न्याय नही कर रही है. वहीं, अभ्यर्थियों का ये भी कहना है कि कई अभ्यर्थियों की उम्र 45 साल से ज्यादा हो गई है, जो अब किसी दूसरी भर्ती देने के लायक भी नहीं हैं. युवाओं का कहना है जिस तरह से कर्मचारी चयन आयोग हमीरपुर में घटनाक्रम हुआ. उससे हजारों युवा परेशान हो गए हैं. युवाओं का कहना है कि उन्होंने वर्षों की मेहनत से ये भर्ती पास की है, ऐसे में इस भर्ती को रद्द नहीं किया जाना चाहिए. उनका कहना है कि जिन लोगों ने पेपर लीक से परीक्षा पास की है, उनको सजा मिलनी चाहिए. इस पर दोनों विधायकों ने मामले को सदन में उठाने का आश्वासन दिया है.
'बेरोजगारी बड़ा मुद्दा'
विधायक सुधीर शर्मा ने कहा अभ्यर्थियों के मामले को सदन के अंदर रखेंगे. उन्होंने कहा कि बेरोजगारी एक बहुत बड़ा मुद्दा है, जो पहले भी रहा है और अब भी है. देश और प्रदेश में बेरोजगारी विकराल रूप ले रही है. उन्होंने कहा कि पिछले चुनाव में अधिकांश बेरोजगारों ने कांग्रेस पार्टी का साथ देकर सत्ता में पहुंचाया था. उन्होंने कहा कि रिजल्ट और नियुक्तियों का प्रोसेस जल्द पूरा होना चाहिए. युवाओं के साथ इंसाफ होना चाहिए. उन्होंने कहा कि हम शुरू से ही अभ्यर्थियों का समर्थन कर रहे हैं. इसलिए आज हम व्यक्तिगत रूप से और परेशानी को अच्छे से समझने के लिए युवाओं से मिले, ताकि सही तरह से सदन में मामले को उठाया जा सके.
युवाओं ने सुनाई शादी टूटने की व्यथा
विधायक राजेंद्र राणा ने कहा कि युवा धरने पर बैठे हैं. लोकतंत्र की यही खूबसूरती है कि जब भी किसी से अन्याय होता है तो वे धरने प्रदर्शन कर न्याय की मांग करते हैं. उन्होंने कहा कि ये बच्चे हमारे हिमाचल के हैं कोई बाहरी राज्य के नहीं है. इन युवाओं ने सुप्रीम कोर्ट के जजमेंट की भी कॉपी दी है. जिसमें 9 नवंबर 2023 को इनके पक्ष में फैसला आया हैं ऐसे में सरकार को चाहिए की इन्हें नियुक्ति दी जाए. युवाओं ने विवरण दिया है कि करीब 2711 पोस्टें भरनी है. जिसके लिए परीक्षा हो चुकी है. अब बच्चे रिजल्ट का इंतजार कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि नौजवानों ने व्यथा सुनाई है कि नौकरी न होने से शादियां टूट गई हैं.
'सत्ता पक्ष के होने के बाद भी उठाई जाएगी आवाज'
विधायक राजेंद्र राणा ने कहा कि हम चुने हुए प्रतिनिधि हैं. इसका मतलब ये नहीं कि सत्ता पक्ष के हैं, सत्ता पक्ष में होने का मतलब ये भी नहीं कि इनकी आवाज न उठाई जाए. हम इनकी आवाज पहले भी उठाते आए हैं. उन्होंने कहा कि इन बच्चों को जल्द न्याय मिलना चाहिए.
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