पलामू: जनसेवकों को वापस कृषि विभाग में लाया जाएगा, इसके लिए पहल की जा रही है. इस बात की घोषणा झारखंड सरकार की कृषि मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने की है. पलामू के मेदिनीनगर के शिवाजी मैदान में आयोजित प्रमंडल स्तरीय कृषि मेला में यह घोषणा की गई है. जनसेवक शुरुआत में कृषि विभाग के ही अंग थे, बाद में इन्हें कृषि विभाग से अलग कर दिया गया था.
प्रमंडल स्तरीय कृषि मेला को संबोधित करते हुए मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने कहा कि राज्य में कई जगह कृषि विभाग का जोनल रिसर्च सेंटर मौजूद है, उन्होंने कहा कि दावे के साथ बोल सकती हूं कि जोनल रिसर्च सेंटर और बिरसा एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी में कोई कार्य नहीं किया है. जबकि कृषि विभाग में सबसे अधिक बजट दोनों के लिए है. कृषि मंत्री ने कहा कि पलामू में वन स्टेट वन प्रोडक्ट के माध्यम से तिलहन का उत्पादन किया जाएगा. तिलहन के उत्पादन के लिए पलामू में कोल्ड स्टोरेज खोले जाएंगे. मंत्री ने कहा कि वह किसी को मजदूरी की नजर से नहीं देख सकते हैं.
कृषि मेला को संबोधित करते हुए राज्य के वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने कहा कि पलामू में कृषि यूनिवर्सिटी की जरूरत है. यहां के किसानों का धान और गेंहू उत्पादन करने का माइंडसेट है. उन्होंने कहा कि कृषि यूनिवर्सिटी की स्थापना से इलाके में किसानों को अन्य फसलों का उत्पादन के लिए जानकारी मिलेगी. मंत्री ने कहा कि पलामू के किसानों को यह भी बताने की जरूरत है कि कौन से फसल अधिक उत्पादन हो सकते हैं.
पलामू का कृषि क्षेत्र में राजस्व का योगदान शून्य है. पलामू में भूगर्भ जल स्तर की बड़ी गिरावट हुई है. बारिश के पानी को बचाने की जरूरत है. इस दौरान मणिका के विधायक रामचंद्र सिंह, उपविकास आयुक्त शब्बीर अहमद, पूर्व मंत्री केएन त्रिपाठी समेत कई लोग मौजूद थे.
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