जोधपुर. राजस्थान के जोधपुर में केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और शेरगढ़ विधायक बाबू सिंह राठौड़ के बीच बवाल बढ़ता जा रहा है. अब मामला पुलिस तक पहुंच गया है. इसको लेकर बीजेपी के कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले भी लिया गया है. शुक्रवार को विधायक बाबू सिंह राठौड़ धरने पर बैठ गए, जहां उन्होंने शेखावत को संजीवनी घोटाले को लेकर प्रहार किए.
बता दें कि संजीवनी क्रेडिट कॉपरेटिव सोसाइटी फर्जीवाड़ा मामले में केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को हाईकोर्ट से राहत मिली हुई है. इस सोसाइटी में जैसलमेर बाड़मेर सहित मारवाड़ के राजपूतों ने बड़ी मात्रा मे निवेश किया था. करीब 900 करोड़ का घोटाला हुआ था. विधानसभा चुनाव के बाद से शांत मामले ने तूल पकडा तो शेखावत की चुनाव में परेशानियां बढ़ सकती है.
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संजीवनी का जिन्न फिर जागा: बहुचर्चित संजीवनी क्रेडिट कॉपरेटिव सोसाइटी घोटाला मामला विधानसभा चुनावों के बाद से ठंडा पडा था. इस बीच लोकसभा चुनाव से पहले ही भाजपा के विधायक बाबूसिंह राठौड़ ने इस मामले को फिर छेड़ कर केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को घेरने का प्रयास किया है. शुक्रवार को चामू गांव में पुलिस के खिलाफ धरने पर बैठे राठौड़ ने बातों बातों में कह दिया कि इस मामले में लोगों के जीवन भर की कमाई डूब गई, लेकिन आपने सहयोग नहीं किया. अब तो लोग कहने लगे हैं कि डबल इंजन की सरकार बन गई है इस मामले में जांच कर हमारा पैसा दिलवाओ. लेकिन आगे आकर उनकी मदद नहीं कि आज वो लोग खून के आंसू रो रहे हैं. राठौड ने कहा कि संजीवनी के अलावा भी अन्य सोसाइटियों में लोगों का पैसा डूबा हुआ है उनके लिए कुछ होना चाहिए. इतना ही नहीं बाबूसिंह ने अपनी राज्य सरकार तक संदेश देने की कोशिश कि अगर केंद्र और राज्य सरकार संज्ञान लेगी तो लोगों का पैसा मिल सकता है. उन्होंने आऱोप लगाया कि अभी तक किसी ने ध्यान नहीं दिया. बता दें कि संजीवनी क्रेडिट कॉपरेटिव सोसाइटी का बडा कार्यक्षेत्र जोधपुर, जैसलमेर व बाड़मेर था. इसके सीईओ विक्रमसिंह इंद्रोई के साथ गजेंद्र सिंह शेखावत के व्यापारिक संबंध थे जिसके चलते पिछली गहलोत सरकार ने शेखावत को भी इस मामले में आरोपी बनाने की कोशिश करते हुए उनके खिलाफ हाईकोर्ट में रिपोर्ट पेश की थी. लेकिन हाईकोर्ट की रोक चलते उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं हो सकी. यह रोक अभी भी जारी है. इस बीच शेखावत ने गहलोत के खिलाफ मानहानि का केस कर दिया जिस पर भी सुनवाई चल रही है
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संजीवनी बडा फैक्टर बन सकता है चुनाव में : संजीवनी में बड़ी संख्या में निवेशक राजपूत समाज के लोग थे जो जैसलमेर बाड़मेर व जोधपुर के रहने वाले हैं. राठौड़ ने तंज कसते हुए कहा कि उनको यह बात याद दिलाना चाहते हैं कि शेखावत इस मामले में कुछ नहीं कर रहे हैं. जोधपुर लोकसभा क्षेत्र पूरी तरह से राजपूत बहुल्य है. अब राठौड इस मामले को दुबारा कुरेद रहे हैं, अगर इसे कांग्रेस ने फिर उठा लिया तो लोकसभा चुनाव में यह बडा फैक्टर बन सकता हैं. जोधपुर जिले के अलावा जैसलमेर की पोकरण विधानसभा जोधपुर लोकसभा में आती है वहां के लोगों ने भी बड़ी संख्या में सोसाइटी में निवेश किया था.
शेखावत की कार्यशैली पर उठाए सवाल: बाबूसिंह लगातार शेखावत की कार्यशैली को लेकर हमलावर हैं. उन्होंने जनता के बीच कहा कि हमारे कई मामले केंद्र से जुड़े हैं, जिसके लिए केंद्रीय मंत्री को निवदेन किया लेकिन कुछ नहीं हुआ. ईडब्ल्यूएस में सरलीकरण के लिए इनसे कहा कुछ नहीं किया, हमारे यहां सेना में जवान ज्यादा जाते हैं अग्निवीर आई तो इनसे कहा कि चार साल बाद अग्निवीर क्या करेंगे. इसको लेकर सरकार से इनके लिए अन्य नौकरियों में आरक्षण दिलाने के लिए कहा लेकिन कुछ नहीं हुआ. वन रैंक वन पेंशन की खामियां सुधरवाने के लिए कहा लेकिन कोई बदलाव नहीं हुआ राठौड़ ने कहा कि जसवंत सिंह जसोल के समय शेरगढ़ में रेल के लिए स्वीकृति हुई इनको कहा लेकिन एक भी पत्र नहीं लिखा. बाबूसिंह यह बताने से भी नहीं चूके कि जोधपुर की ट्रेफिक की समस्या का समाधन करने के लिए एलिवेटेड रोड की बात हुई, रोज कहते हैं कि स्वीकृति हो गई है, लेकिन गडकरी कह रहे है कि अभी डीपीआर बन रही है.