श्योपुर : अभिभावकों ने कलेक्टर लोकेश जांगिड़ को बताया कि श्योपुर नवोदय विद्यालय के 16 बच्चे माइग्रेशन कार्यक्रम के तहत उड़ीसा के मलकानगिरी नवोदय विद्यालय में भेजे गए हैं. लेकिन वहां कक्षा 11वीं के सीनियर छात्रों द्वारा बच्चों के साथ रैंगिंग की जा रही है और उन्हें परेशान किया जा रहा है. इस संबंध में अभिभावकों ने अपने बच्चों के चोट वाले फोटो भी कलेक्टर को दिखाए.
श्योपुर कलेक्टर ने उड़ीसा लगाया फोन
अभिभावकों का कहना है कि पिछले कई दिनों ये स्थिति बन रही है, जिसके चलते एक छात्र श्योपुर वापस लौट आया. इस मामले में नवोदय विद्यालय श्योपुर के प्राचार्य केके कटियार भी पूर्व में मलकानगिरी प्राचार्य को पत्र लिख चुके हैं. अभिभावकों की शिकायत पर कलेक्टर लोकेश जांगिड़ ने तत्काल मलकानगिरी (उड़ीसा) के कलेक्टर आशीष ईश्वर पाटिल से फोन पर बात की और इस संबंध में अवगत कराया जिसपर उन्होंने आश्वस्त किया है कि इस मामले को देखेंगे और स्वयं भी वे विद्यालय का विजिट कर बच्चों से बात करेंगे.
पेरेंट्स हो रहे परेशान
एक अभिभावक ने कहा, '' मेरा बेटा भी है वहां पर है उसका भी फोन आया है और सभी बच्चों के पेरेंट्स के पास फोन आ रहे हैं. सभी पेरेंट्स परेशान हैं, वहां पर बच्चों की हालत खराब है. बच्चों को डंडों, बेल्टों और हॉकी से पीटते हैं. बच्चों की बॉडी पर जगह-जगह चोट के निशान हैं और ब्लड भी आया है. इसे वहां का स्कूल छिपा रहा है.''
क्या है माइग्रेशन प्रोग्राम?
गौरतलब है कि राष्ट्रीय एकता नीति के तहत माइग्रेशन कार्यक्रम में नवोदय विद्यालय के कक्षा 9वीं के बच्चों को एक साल के लिए दूसरे विद्यालयों में भेजा जाता है. नवोदय विद्यालय श्योपुर के प्राचार्य केके कटियार ने कहा, '' श्योपुर के कक्षा 9वीं के 24 बच्चे (16 छात्र और 8 छात्राएं) मलकानगिरी नवोदय में गए हैं. कटियार के मुताबिक इनमें 16 बच्चों के साथ रैंगिंग की शिकायत आई है.''