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'3 महीने से पिपराही सीओ दौड़ा रहीं हैं', बुजुर्ग किसान ने लगाया आरोप तो मिला जवाब- 'सभी से मिलकर समाधान करती हूं' - Bihar land survey

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By ETV Bharat Bihar Team

Published : 2 hours ago

Updated : 1 hours ago

बिहार के शिवहर में पिपराही सीओ पर बुजुर्ग किसान ने आरोप लगाया है कि वो आवेदन के बाद भी सीनियर सिटीजन से मुलाकात नहीं करतीं. उन्होंने अपने केस का हवाला देते हुए कहा कि रोज-रोज वो सीओ दफ्तर के चक्कर काटते हैं लेकिन उनसे सीओ साहिबा मुलाकात नहीं करती हैं और न ही उनके केस का निपटारा कर रही है. उनके इस आरोप पर सीओ ने प्रतिक्रिया दी है. पढ़ें पूरी खबर-

शिवहर के पीड़ित किसान
शिवहर के पीड़ित किसान (ETV Bharat)

शिवहर : बिहार सरकार एक तरफ भूमि सर्वेक्षण को लेकर बड़े-बड़े दावे कर रही है. अपने इस कदम को ऐतिहासिक बताने का कोई भी मौक़ा बिहार सरकार नहीं गंवा रही है. वहीं दूसरी तरफ भूमि सर्वेक्षण को लेकर अफसरशाही बेहद हावी नज़र रही है. आए दिन भूमि सर्वेक्षण को लेकर चौंकाने वाले एक से बढ़कर एक मामले सामने आ रहे हैं.

मापी के लिए दौड़ रहे 75 साल के बुजुर्ग : ताज़ा मामला शिवहर जिले के पिपराही प्रखंड के ग्राम सिंगाही का है. जहां देवेंद्र कुमार सिंह नाम के एक बुजुर्ग किसान पिछले कई महीनों से अंचलाधिकारी यानी सीओ तरूलता कुमारी के दफ़्तर का चक्कर काटने को मज़बूर हैं. पीड़ित बुजुर्ग देवेंद्र कुमार सिंह करीब 75 साल के हैं. बुजुर्ग किसान के मुताबिक़ उनकी ज़मीन पर गाँव के कुछ लोग काफी वक़्त से क़ब्ज़ा जमाए हुए हैं, जिसकी नापी उन्होंने प्राइवेट अमीन से कराई. जिसमें जमीन का कुछ हिस्सा जो उनके जमीन का है, उसपर बगल से ज़मीन के मालिक ने गैरकानूनी तरीके से अपना क़ब्ज़ा जमा रखा है और वो उस मापी को मानने को तैयार नहीं हैं.

सीओ की मनमानी से बुजुर्ग किसान परेशान (ETV Bharat)

सीनियर सिटीजन के साथ ये कैसा सलूक ? : इसलिए पीड़ित किसान देवेंद्र कुमार सिंह ने ज़मीन की नपाई के लिए ऑन लाइन आवेदन किया और अमीन के लिए जमीन मापी के लिए 500 रुपए की राशि का भुगतान 09 अगस्त 2024 को किया. इतना ही नहीं, सीओ के दफ़्तर में उसकी प्रति जमा करा दी, कई दिन गुजर जाने के बाद भी कार्रवाई नहीं हुई तो सीओ तरूलता कुमारी से मिलने पहुंचे. लेकिन घंटों इंतजार के बाद भी सीओ साहिबा नहीं मिली, वो वापस लौट गए. दूसरे दिन फिर उनसे मिलने पहुंचे, फिर मैडम ने मिलने से इनकार कर दिया. इसके बाद उनसे फ़ोन के ज़रिए संपर्क साधने की कोशिश की. लेकिन न तो मुलाकात हुई और न ही बात.

''जब मैं दफ्तर आता हूं और कागज भेजता हूं तो सीओ साहिबा मुलाकात नहीं करती हैं. दो-तीन महीना से दौड़ रहा हूं और बीमार हो गया हूं. कागज नाजिर साहब को दिया था. उसमें भी दीमक लग गया है तो उन्होंने पर्ची लाने के लिए कहा. वह भी ला दी. मैं हार्ट का पेशेंट हूं और बीमार हूं. मुझे तकलीफ हो रही आने में और लगातार दौड़ाया जा रहा है. नापी के लिए पैसा भी जमा कर दिया है लेकिन वो आज तक नहीं हो पाई है.''- देवन्द्र कुमार सिंह, पीड़ित बुजुर्ग किसान

सीओ तरुलता बोली आवेदन दिया है तो मापी होगी : वहीं इस मामले में दूसरे पक्ष से जब बात करने की कोशिश की गई तो साफ-साफ इनकार कर दिया कि हमें मीडिया के सामने कोई बातचीत नहीं करनी है. इस जमीन मापी के मुद्दे और पीड़ित किसान के आरोपों को लेकर जब सीओ तरुलता से बात की तो उन्होंने इस पर अपनी प्रतिक्रिया दी और कहा कि वह कार्यालय प्रतिदिन आती हैं और लोगों से मुलाकात भी करती हैं. उनके पास जितने भी आवेदन आते हैं सभी से मिलकर समाधान करती हूं. उन्होंने बुजुर्ग किसान के आरोपों को नकारा.

''मैं रोज अपने कार्यालय आती हूं और रोज-रोज सभी रैयतों से मुलाकात करती हूं. जहां तक देवेन्द्र जी की बात है वो आज तक मुझसे एक बार भी नहीं मिले हैं. इनका मैटर मापी से संबंधित है. मापी एक ऑनलाइन प्रक्रिया हो चुकी है. इसके लिए उन्होंने स्वयं कहा है कि अगस्त में उन्होंने आवेदन दिया है. वह प्रक्रियाधीन है. हमारे पास एक अमीन मौजूद हैं और वो हर दिन एक जमीन की मापी करते हैं. इसके अलावा सरकारी मापी भी की जाती है. मापी में दूसरे पक्ष को भी नोटिस किया जाता है, जिसमें समय लगता है. एक बार मापी हो जाएगी तो दखल कब्जा के लिए यहां पर प्रतिवेदन दे सकते हैं.''- तरुलता, सीओ, पिपराही

सिस्टम में पिस रहे बुजुर्ग : उक्त जबकि बुजुर्ग ने ऑन लाइन ज़मीन नापी का पैसा जमा कर दिया था, फिर भी सीओ साहिबा ने जमीन नपाई तो दूर नापी के लिए कोई तारीख भी निर्धारित नहीं कर रही हैं, जिससे किसान का परिवार परेशान और बेबस है. ऐसे में बुजुर्ग किसान अपनी परेशान किसके कहें ये उनकी समझ में नहीं आ रहा है. सरकार को इस तरह के मामले में हस्तक्षेप करना चाहिए. ताकि सीनियर सिटीजन को परेशानी का सामना न करना पड़े.

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शिवहर : बिहार सरकार एक तरफ भूमि सर्वेक्षण को लेकर बड़े-बड़े दावे कर रही है. अपने इस कदम को ऐतिहासिक बताने का कोई भी मौक़ा बिहार सरकार नहीं गंवा रही है. वहीं दूसरी तरफ भूमि सर्वेक्षण को लेकर अफसरशाही बेहद हावी नज़र रही है. आए दिन भूमि सर्वेक्षण को लेकर चौंकाने वाले एक से बढ़कर एक मामले सामने आ रहे हैं.

मापी के लिए दौड़ रहे 75 साल के बुजुर्ग : ताज़ा मामला शिवहर जिले के पिपराही प्रखंड के ग्राम सिंगाही का है. जहां देवेंद्र कुमार सिंह नाम के एक बुजुर्ग किसान पिछले कई महीनों से अंचलाधिकारी यानी सीओ तरूलता कुमारी के दफ़्तर का चक्कर काटने को मज़बूर हैं. पीड़ित बुजुर्ग देवेंद्र कुमार सिंह करीब 75 साल के हैं. बुजुर्ग किसान के मुताबिक़ उनकी ज़मीन पर गाँव के कुछ लोग काफी वक़्त से क़ब्ज़ा जमाए हुए हैं, जिसकी नापी उन्होंने प्राइवेट अमीन से कराई. जिसमें जमीन का कुछ हिस्सा जो उनके जमीन का है, उसपर बगल से ज़मीन के मालिक ने गैरकानूनी तरीके से अपना क़ब्ज़ा जमा रखा है और वो उस मापी को मानने को तैयार नहीं हैं.

सीओ की मनमानी से बुजुर्ग किसान परेशान (ETV Bharat)

सीनियर सिटीजन के साथ ये कैसा सलूक ? : इसलिए पीड़ित किसान देवेंद्र कुमार सिंह ने ज़मीन की नपाई के लिए ऑन लाइन आवेदन किया और अमीन के लिए जमीन मापी के लिए 500 रुपए की राशि का भुगतान 09 अगस्त 2024 को किया. इतना ही नहीं, सीओ के दफ़्तर में उसकी प्रति जमा करा दी, कई दिन गुजर जाने के बाद भी कार्रवाई नहीं हुई तो सीओ तरूलता कुमारी से मिलने पहुंचे. लेकिन घंटों इंतजार के बाद भी सीओ साहिबा नहीं मिली, वो वापस लौट गए. दूसरे दिन फिर उनसे मिलने पहुंचे, फिर मैडम ने मिलने से इनकार कर दिया. इसके बाद उनसे फ़ोन के ज़रिए संपर्क साधने की कोशिश की. लेकिन न तो मुलाकात हुई और न ही बात.

''जब मैं दफ्तर आता हूं और कागज भेजता हूं तो सीओ साहिबा मुलाकात नहीं करती हैं. दो-तीन महीना से दौड़ रहा हूं और बीमार हो गया हूं. कागज नाजिर साहब को दिया था. उसमें भी दीमक लग गया है तो उन्होंने पर्ची लाने के लिए कहा. वह भी ला दी. मैं हार्ट का पेशेंट हूं और बीमार हूं. मुझे तकलीफ हो रही आने में और लगातार दौड़ाया जा रहा है. नापी के लिए पैसा भी जमा कर दिया है लेकिन वो आज तक नहीं हो पाई है.''- देवन्द्र कुमार सिंह, पीड़ित बुजुर्ग किसान

सीओ तरुलता बोली आवेदन दिया है तो मापी होगी : वहीं इस मामले में दूसरे पक्ष से जब बात करने की कोशिश की गई तो साफ-साफ इनकार कर दिया कि हमें मीडिया के सामने कोई बातचीत नहीं करनी है. इस जमीन मापी के मुद्दे और पीड़ित किसान के आरोपों को लेकर जब सीओ तरुलता से बात की तो उन्होंने इस पर अपनी प्रतिक्रिया दी और कहा कि वह कार्यालय प्रतिदिन आती हैं और लोगों से मुलाकात भी करती हैं. उनके पास जितने भी आवेदन आते हैं सभी से मिलकर समाधान करती हूं. उन्होंने बुजुर्ग किसान के आरोपों को नकारा.

''मैं रोज अपने कार्यालय आती हूं और रोज-रोज सभी रैयतों से मुलाकात करती हूं. जहां तक देवेन्द्र जी की बात है वो आज तक मुझसे एक बार भी नहीं मिले हैं. इनका मैटर मापी से संबंधित है. मापी एक ऑनलाइन प्रक्रिया हो चुकी है. इसके लिए उन्होंने स्वयं कहा है कि अगस्त में उन्होंने आवेदन दिया है. वह प्रक्रियाधीन है. हमारे पास एक अमीन मौजूद हैं और वो हर दिन एक जमीन की मापी करते हैं. इसके अलावा सरकारी मापी भी की जाती है. मापी में दूसरे पक्ष को भी नोटिस किया जाता है, जिसमें समय लगता है. एक बार मापी हो जाएगी तो दखल कब्जा के लिए यहां पर प्रतिवेदन दे सकते हैं.''- तरुलता, सीओ, पिपराही

सिस्टम में पिस रहे बुजुर्ग : उक्त जबकि बुजुर्ग ने ऑन लाइन ज़मीन नापी का पैसा जमा कर दिया था, फिर भी सीओ साहिबा ने जमीन नपाई तो दूर नापी के लिए कोई तारीख भी निर्धारित नहीं कर रही हैं, जिससे किसान का परिवार परेशान और बेबस है. ऐसे में बुजुर्ग किसान अपनी परेशान किसके कहें ये उनकी समझ में नहीं आ रहा है. सरकार को इस तरह के मामले में हस्तक्षेप करना चाहिए. ताकि सीनियर सिटीजन को परेशानी का सामना न करना पड़े.

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