कुल्लू: मां दुर्गा को समर्पित नवरात्रि का त्यौहार 3 अक्टूबर को मनाया जाएगा. वैसे तो साल भर में चार बार नवरात्रि मनाई जाती है. साल में दो गुप्त नवरात्रि होती है और दो प्रकट नवरात्रि के रूप में मनाया जाता है. वहीं, अश्विन मास में शारदीय नवरात्रि का विशेष महत्व है. इस दौरान नौ दिनों तक मां दुर्गा के विभिन्न रूपों की पूजा अर्चना की जाती है.
पंचांग के अनुसार आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि 3 अक्टूबर को शुरू होगी और स्थिति का समापन 4 अक्टूबर को रात 2:58 पर होगा. ऐसे में उदय तिथि के अनुसार शारदीय नवरात्रि की शुरुआत वीरवार 3 अक्टूबर से होगी. वही नवरात्रि के पहले दिन घट स्थापना का भी विधान है.
आचार्य विजय कुमार ने कहा, "3 अक्टूबर के दिन घट स्थापना का मुहूर्त सुबह 6:15 से लेकर 7:22 तक रहेगा. इसके अलावा अभिजीत घट स्थापना का मुहूर्त सुबह 11:46 से लेकर 12:33 तक रहेगा. ऐसे में श्रद्धालु मां दुर्गा की पूजा के लिए घट स्थापना कर सकते हैं".
आचार्य विजय कुमार ने कहा, "नवरात्रि के पहले दिन भक्त के द्वारा व्रत का संकल्प लिया जाता है और अपने-अपने समर्थ के अनुसार व्यक्ति व्रत करते हैं. मां दुर्गा की पूजा करने से पहले भगवान गणेश की पूजा का विधान है और उसके बाद मां दुर्गा की पूजा शुरू की जाती है".
आचार्य विजय कुमार ने कहा, "भक्त को चाहिए की नवरात्रि की अवसर पर वह दुर्गा सप्तशती का पाठ करें और अपने घर पर अखंड ज्योति अवश्य जलाएं. अंत में मां दुर्गा की आरती करने के साथ-साथ नवरात्रों में कन्या पूजन का भी विशेष रूप से विधान कहा गया है".
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