ETV Bharat / state

शारदा सिन्हा के निधन पर सीएम योगी ने जताया दुःख, बोले- संगीत जगत के लिए अपूरणीय क्षति

Sharda Sinha passes away:शारदा सिन्हा के निधन पर सीएम योगी से लेकर संगीत नाटक अकादमी के सदस्यों ने दु:ख जताया है.

ETV BHARAT
शारदा सिन्हा के निधन पर सीएम योगी ने जताया दुःख (ETV BHARAT)
author img

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Nov 6, 2024, 9:13 AM IST

Updated : Nov 6, 2024, 12:36 PM IST

वाराणसी/ गोरखपुर: अंतरराष्ट्रीय भोजपुरी गायक और उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी के पूर्व सदस्य डॉ. राकेश श्रीवास्तव ने, भोजपुरी की लता मंगेशकर कहीं जाने वाली शारदा सिन्हा के निधन पर गहरा दूर व्यक्त किया है. गोरखपुर निवासी भोजपुरी एसोसिएशन ऑफ इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष इस अंतरराष्ट्रीय गायक ने कहा है कि, शारदा सिन्हा जी की जो आवाज थी, भविष्य में भी उसकी पूर्ति असंभव ही प्रतीत होती है.



डॉ. राकेश श्रीवास्तव ने कहा, कि संगीत और लोक कला के मंच से अपनी जो अद्भुत प्रस्तुति समाज के बीच में दी है, वह अनुकरणीय है. उन्होंने कहा, कि उनके मंच पर सादगी, सभ्यता भी नजर आती थी. जब वह गीत की प्रस्तुति करती थीं. जबकि आज के दौर में गीत संगीत से ज्यादा मंचों पर कूद फांद होती है. उनका निधन भोजपुरी गीतों और गायको को स्तब्ध कर देने वाली सूचना है.शालीनता और मर्यादा की भी वह एक अनुपम उदाहरण थी. उनकी क्षति भोजपुरी गीत संगीत के साथ लोक कला और भारतीय संगीत जगत के लिए बड़ी छाती है. वह देश ही नहीं, दुनिया की एक जानी पहचानी हस्ती थी. भोजपुरी समाज उन्हें अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करता है.


इसे भी पढ़े-संभल पहुंचीं हिंदूवादी नेता साध्वी प्राची, कुंभ मेले में गैर सनातनियों के प्रवेश पर नो एंट्री के फैसले को बताया सही



इसके साथ ही सीएम योगी ने भी सोशल मीडिया पर इसको लेकर ट्वीट किया है. उन्होंने अपने X अकॉउन्ट पर लिखा है, कि प्रख्यात लोक गायिका, पद्म भूषण डॉ. शारदा सिन्हा जी का निधन अत्यंत दुःखद व संपूर्ण संगीत जगत के लिए अपूरणीय क्षति है. उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि! उन्होंने अपने उत्कृष्ट पारंपरिक गायन के माध्यम से मैथिली, भोजपुरी सहित अनेक लोक भाषाओं और लोक संस्कृति की सेवा की तथा राष्ट्रीय पटल पर उन्हें सम्मान दिलाया. प्रभु श्री राम से प्रार्थना है कि दिवंगत पुण्यात्मा को अपने श्री चरणों में स्थान तथा उनके शोकाकुल परिजनों एवं प्रशंसकों को यह अथाह दुःख सहन करने की शक्ति प्रदान करें.ॐ शांति!


बनारस में भी कलाकारों ने अर्पित की श्रद्धांजलि
पद्म भूषण बिहार कोकिला शारदा सिन्हा का लंबी बीमारी के बाद दिल्ली एम्स में निधन हो गया. जिसके बाद पूरे देश में लोग गायिका को श्रद्धांजलि देते हुए शास्त्री संगीत और लोग गायत्री के जुड़े लोग अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त कर रहे हैं. पदमश्री पंडित राजेश्वर आचार्य से लेकर पद्मश्री डॉक्टर सोमा घोष और लोक गायकी और शास्त्रीय संगीत से जुड़ी डॉक्टर सुचारिता गुप्ता ने कहा, कि भोजपुरी को असली पहचान दिलाने के साथ ही भोजपुरी संगीत को अश्लीलता से दूर रखकर अपने ही शर्तों पर काम करने का कार्य शारदा सिन्हा ने किया था. जिस तरह से आज हर कलाकार अपने आप को दिखाने और अपनी एडवर्टाइजमेंट करने में विश्वास रखता है. उन सब से दूर शारदा सिन्हा ने एक नया आयाम स्थापित करते हुए अपनी गायकी और अपनी शर्तों के साथ काम किया. पंडित राजेश्वर आचार्य का कहना है, कि आज विज्ञापन के युग में जब कलाकार अपने आप को प्रदर्शित करने और विज्ञापन करने पर विश्वास रखते हैं. इन सब से दूर शारदा सिन्हा ने अपनी एक अलग पहचान अपनी गाय की और अपनी शर्तों पर ही बनाई थी. जो बहुत बड़ी बात है.

इसे भी पढ़े-पिछड़ा वर्ग के युवा 10 नवंबर तक कर सकेंगे कम्प्यूटर प्रशिक्षण योजना में आवेदन

वाराणसी/ गोरखपुर: अंतरराष्ट्रीय भोजपुरी गायक और उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी के पूर्व सदस्य डॉ. राकेश श्रीवास्तव ने, भोजपुरी की लता मंगेशकर कहीं जाने वाली शारदा सिन्हा के निधन पर गहरा दूर व्यक्त किया है. गोरखपुर निवासी भोजपुरी एसोसिएशन ऑफ इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष इस अंतरराष्ट्रीय गायक ने कहा है कि, शारदा सिन्हा जी की जो आवाज थी, भविष्य में भी उसकी पूर्ति असंभव ही प्रतीत होती है.



डॉ. राकेश श्रीवास्तव ने कहा, कि संगीत और लोक कला के मंच से अपनी जो अद्भुत प्रस्तुति समाज के बीच में दी है, वह अनुकरणीय है. उन्होंने कहा, कि उनके मंच पर सादगी, सभ्यता भी नजर आती थी. जब वह गीत की प्रस्तुति करती थीं. जबकि आज के दौर में गीत संगीत से ज्यादा मंचों पर कूद फांद होती है. उनका निधन भोजपुरी गीतों और गायको को स्तब्ध कर देने वाली सूचना है.शालीनता और मर्यादा की भी वह एक अनुपम उदाहरण थी. उनकी क्षति भोजपुरी गीत संगीत के साथ लोक कला और भारतीय संगीत जगत के लिए बड़ी छाती है. वह देश ही नहीं, दुनिया की एक जानी पहचानी हस्ती थी. भोजपुरी समाज उन्हें अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करता है.


इसे भी पढ़े-संभल पहुंचीं हिंदूवादी नेता साध्वी प्राची, कुंभ मेले में गैर सनातनियों के प्रवेश पर नो एंट्री के फैसले को बताया सही



इसके साथ ही सीएम योगी ने भी सोशल मीडिया पर इसको लेकर ट्वीट किया है. उन्होंने अपने X अकॉउन्ट पर लिखा है, कि प्रख्यात लोक गायिका, पद्म भूषण डॉ. शारदा सिन्हा जी का निधन अत्यंत दुःखद व संपूर्ण संगीत जगत के लिए अपूरणीय क्षति है. उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि! उन्होंने अपने उत्कृष्ट पारंपरिक गायन के माध्यम से मैथिली, भोजपुरी सहित अनेक लोक भाषाओं और लोक संस्कृति की सेवा की तथा राष्ट्रीय पटल पर उन्हें सम्मान दिलाया. प्रभु श्री राम से प्रार्थना है कि दिवंगत पुण्यात्मा को अपने श्री चरणों में स्थान तथा उनके शोकाकुल परिजनों एवं प्रशंसकों को यह अथाह दुःख सहन करने की शक्ति प्रदान करें.ॐ शांति!


बनारस में भी कलाकारों ने अर्पित की श्रद्धांजलि
पद्म भूषण बिहार कोकिला शारदा सिन्हा का लंबी बीमारी के बाद दिल्ली एम्स में निधन हो गया. जिसके बाद पूरे देश में लोग गायिका को श्रद्धांजलि देते हुए शास्त्री संगीत और लोग गायत्री के जुड़े लोग अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त कर रहे हैं. पदमश्री पंडित राजेश्वर आचार्य से लेकर पद्मश्री डॉक्टर सोमा घोष और लोक गायकी और शास्त्रीय संगीत से जुड़ी डॉक्टर सुचारिता गुप्ता ने कहा, कि भोजपुरी को असली पहचान दिलाने के साथ ही भोजपुरी संगीत को अश्लीलता से दूर रखकर अपने ही शर्तों पर काम करने का कार्य शारदा सिन्हा ने किया था. जिस तरह से आज हर कलाकार अपने आप को दिखाने और अपनी एडवर्टाइजमेंट करने में विश्वास रखता है. उन सब से दूर शारदा सिन्हा ने एक नया आयाम स्थापित करते हुए अपनी गायकी और अपनी शर्तों के साथ काम किया. पंडित राजेश्वर आचार्य का कहना है, कि आज विज्ञापन के युग में जब कलाकार अपने आप को प्रदर्शित करने और विज्ञापन करने पर विश्वास रखते हैं. इन सब से दूर शारदा सिन्हा ने अपनी एक अलग पहचान अपनी गाय की और अपनी शर्तों पर ही बनाई थी. जो बहुत बड़ी बात है.

इसे भी पढ़े-पिछड़ा वर्ग के युवा 10 नवंबर तक कर सकेंगे कम्प्यूटर प्रशिक्षण योजना में आवेदन

Last Updated : Nov 6, 2024, 12:36 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.