शिमला: AAP नेता मनीष सिसोदिया को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के बाद भाजपा के वरिष्ठ नेता शांता कुमार ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने मनीष सिसोदिया के प्रति सहानुभूति जताई है.
शांता कुमार ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट के जरिये इस मामले में मन की बात कही है. सिसोदिया साल 2023 में 26 फरवरी को गिरफ्तार हुए थे. AAP नेता 530 दिन बाद सुप्रीम कोर्ट से जमानत लेकर 9 अगस्त को जेल से बाहर आए.
आम आदमी पार्टी के नेताओं ने तो इसे सच्चाई की जीत बताया, लेकिन अब पूर्व केंद्रीय मंत्री व हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार ने कहा दिल्ली में आम आदमी पार्टी ने अच्छे काम से जीत हासिल की थी.
शांता कुमार ने सोशल मीडिया पर लिखा है कि उनकी इस बात से पाठकों को हैरानी हो सकती है और कुछ मित्र नाराज भी होंगे, लेकिन वह अपनी बात खुलकर कहना चाहते हैं. शांता कुमार ने कहा "उन्हें इस बात का पूरा विश्वास है कि दिल्ली में आम आदमी पार्टी सरकार के नेता व्यक्तिगत रूप से नहीं हैं. यह पार्टी अन्ना हजारे के भ्रष्टाचार के खिलाफ ऐतिहासिक आंदोलन से निकली. आम आदमी पार्टी ने यहां चुनाव जीतकर ऐतिहासिक जीत हासिल की और ईमानदारी से काम किया. इसी का परिणाम है कि दिल्ली की जनता ने आम आदमी पार्टी की दूसरी बार भी सरकार बनाई."
पूर्व केंद्रीय मंत्री शांता कुमार ने कहा "भाजपा की केंद्र सरकार के नाक के नीचे दूसरी बार सरकार बनाना, इस बात का प्रमाण था कि आम आदमी पार्टी ने दिल्ली में अच्छा काम किया. उन्होंने दिल्ली के मतदाताओं का दिल जीत लिया." शांता कुमार ने कहा "आज भी देश में काले धन से चुनाव लड़ा जाता है. यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है. हर चुनाव के लिए पार्टी धन इकट्ठा करती है. पूरे देश की पार्टी बनने के लिए यही काम आम आदमी पार्टी ने भी शुरू किया, लेकिन उन्हें चुनाव में धन इकट्ठा करने का अनुभव नहीं था. अन्य पार्टियों इस तरह से धन इकट्ठा करती हैं कि कानून के शिकंजे में कभी कोई नहीं आता. आम आदमी पार्टी के पास इसका अनुभव नहीं था, इसलिए वह पकड़ी गई"
फेसबुक पर अपनी पोस्ट में पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार हालांकि एक बात को स्पष्ट करते हैं कि वह इसका समर्थन तो नहीं करते, लेकिन उनके कहने का अभिप्राय यह है कि सभी पार्टियों के सभी नेता गंभीरता से भारत के लोकतंत्र की इस सच्चाई पर विचार करें.
भारत का लोकतंत्र काले धन और झूठ से क्यों होता है. सभी पार्टियां काले धन से चुनाव लड़ती हैं और इसके बाद नेता चुनाव आयोग के सामने खर्च का झूठा हिसाब देते हैं जो लोकतंत्र काले धन और झूठ से होता है. वह लोकतंत्र आम आदमी का भला नहीं कर सकता.
यही वजह है कि आज दुनिया के पांच अमीर देशों में होने के बावजूद भारत में विश्व के सबसे अधिक भूखे और गरीब लोग रहते हैं. इस देश में एक तरफ अमीरी चमकती है और दूसरी तरफ गरीबी सिसकती है. ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल की रिपोर्ट के मुताबिक आज भी भारत में करीब 15 करोड़ लोग रात को भूखे सोते हैं. फिलहाल शांता कुमार के इस बयान के बाद सियासत में नई बहस छिड़ गई है. कमेंट में यूजर्स तरह-तरह की राय व्यक्त कर रहे हैं.
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