पालमपुर: हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार राजनीति से रिटायरमेंट ले चुके हैं लेकिन देश से जुड़े मुद्दों पर वो सोशल मीडिया के माध्यम से अब भी अपनी राय बेबाकी से रखते हैं. शांता कुमार ने इस बार गौवंश की रक्षा को लेकर एक आइडिया अपने सोशल मीडिया पेज पर शेयर किया है. एक लंबी सी पोस्ट के जरिये शांता कुमार ने बताया कि गौवंश की रक्षा के लिए मंदिर कैसे अहम भूमिका निभा सकते हैं. उन्होंने मंदिरों के खजाने का जिक्र करते हुए आवारा पशुओं की समस्या का समाधान भी बताया है.
शांता कुमार ने लिखा कि गाय को माता कहते हैं और उसकी पूजा करते हैं लेकिन आज वो सड़कों पर आवारा पशु बनकर घूमती है. अब खेती में बैलों का इस्तेमाल नहीं होता और वो भी सड़कों पर हैं. इनके कारण सड़कों पर कई बार दुर्घटनाएं हो जाती हैं. कई बार ये आवारा जानवर हमला कर देते हैं और लोगों की जान तक चली जाती है. इन आवारा पशुओं के कारण कई लोगों ने खेती भी छोड़ दी है. ऐसे में इस समस्या का निदान मंदिर कर सकते हैं.
शांता कुमार ने सुझाव दिया है कि मंदिरों को गऊशाला चलानी चाहिए. इससे सरकार का खर्च नहीं होगा और मंदिरों में मौजूद धन का अच्छा इस्तेमाल हो सकेगा. उन्होंने कहा कि हिमाचल में 35 मंदिर सरकार के अधीन हैं और वो मुख्यमंत्री से अपील करते हैं कि हर बड़े मंदिर द्वारा गऊशाला चलाने का नियम बनाना चाहिए ताकि हिमाचल प्रदेश देश का पहला ऐसा राज्य बने जहां कोई आवारा पशु ना दिखे.
शांता कुमार ने हिमाचल समेत देश के तमाम मंदिरों के बारे में कहा कि देशभर के मंदिर बहुत अमीर हैं. उन्होंने तिरुपति मंदिर से लेकर हिमाचल के मंदिरों का जिक्र किया कि इन मंदिरों में कई टन सोना, कैश और एफडी है. जिसका इस्तेमाल गौवंश की रक्षा के लिए किया जा सकता है.
ये भी पढ़ें: सरकारी गाड़ी का न मेरे पास स्टीयरिंग, न ही गियर और न ही मैं गाड़ी में सवार, सुख की सरकार में छलका MLA सुधीर का दुख