सोलन: सोलन शहर में उस वक्त हड़कंप मच गया जब शहर के शामती में लैंडस्लाइड जैसे हालात बने और वहां पर काम कर रहे करीब 10 लोग फंस गए, जिनमें से 7 घायल हुए और 3 की मौत हो गई. दरअसल आज सोलन शहर में प्रशासन द्वारा बाढ़, लैंडस्लाइड और अन्य प्राकृतिक आपदाओं की स्थिति में राहत एवं बचाव संबंधी उपायों पर एक मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया.
ये मॉक ड्रिल सुबह 9 बजे से शुरू हुई. प्रशासन को सूचना मिली कि 9:47 पर शामती में लैंडस्लाइड हुआ है, जहां पर अचानक से पानी का भारी बहाव आ गया है. जिसमें 7 लोग घायल हुए और 3 लोगों की मौत हुई है. यहां पर स्वास्थ्य विभाग, पुलिस विभाग, होमगार्ड, फायर विभाग और विद्युत विभाग के कर्मचारियों ने मिलकर काम किया और घायलों को बाहर निकाला. सभी कर्मचारियों ने मिलकर मॉक ड्रिल को सफल बनाया.
इस दौरान कर्मचारियों द्वारा सर्च रेस्क्यू ऑपरेशन भी चलाया गया और जो कमियां मॉक ड्रिल के दौरान सामने आई हैं उसे सुधारने का भी प्रयास किया गया. एसडीएम सोलन डॉक्टर पूनम बंसल ने बताया कि आपदाओं की स्थिति में राहत एवं बचाव करने को लेकर आज एक मॉक ड्रिल की गई, जिसमें शहर के शामती में लैंडस्लाइड होने के दृश्य को दर्शाया गया.
एसडीएम सोलन ने बताया कि लोकेशन के हिसाब से और रिसोर्स के हिसाब से हर बार प्रशासन आपदा की घड़ी में काम करता है और जो भी कमियां इस बार मॉक ड्रिल में देखने को मिली हैं, उसे आने वाले समय में सुधारा जाएगा. उन्होंने कहा कि पिछले साल भी यहां पर बरसात के दिनों में लैंडस्लाइड जैसे हालात बने थे, जिसको लेकर यहां पर प्रशासन ने मॉक ड्रिक के जरिए काम किया है और लोगों को राहत प्रदान की. अभी भी यहां पर मॉक ड्रिल के तहत काम किया जा रहा है.
बता दें कि यहां पर प्रशासन द्वारा मॉक ड्रिल तो आयोजित की गई थी, लेकिन लोगों को इसकी जानकारी नहीं दी गई थी. जिस कारण लोग एंबुलेंस की आवाज सुनकर परेशान दिखाई दिए और अपने घरों से बाहर निकले. यहां तक की ग्राम पंचायत प्रधानों को भी इसकी सूचना नहीं मिली थी. एसडीएम सोलन डॉ. पूनम बंसल ने कहा है कि इस बारे में बीडियो के जरिए से सभी को सूचना प्रदान करने के लिए कहा गया था.
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