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कंप्यूटर की पढ़ाई से नहीं लकड़ी से हो रही कमाई, केदार के घर दौलत शौहरत आई - Shahdol Wooden Artist

हर इंसान में अपने अंदर छिपी काबलियत की पहचान कई बार देर होती है, लेकिन दुरुस्त होती है. ऐसा ही कुछ शहडोल के केदारनाथ साहू के साथ हुआ. जिन्होंने पहले पढ़ाई-लिखाई कर प्राइवेट नौकरी की, लेकिन बाद में अपने दिल की सुनकर काष्ठ कलाकारी में जुट गए. आज केदारनाथ अपने काम से नाम और शौहरत दोनों कमा रहे हैं.

KEDAR SAHU HONOR IN PUNE
काष्ठ कलाकारी से कमा रहे नाम और शौहरत (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Oct 1, 2024, 7:18 PM IST

Updated : Oct 1, 2024, 9:09 PM IST

शहडोल: कहते हैं जहां चाह वहां राह कुछ ऐसी ही कहानी युवा केदारनाथ साहू की है. केदारनाथ साहू की कहानी कई लोगों के लिए एक मिसाल है. खासकर उन लोगों के लिए जो अपना कुछ अलग करना चाहते हैं. अपनी पहचान खुद के काम से बनाना चाहते हैं. केदारनाथ साहू ने पहले पढ़ाई में खुद को साबित किया, फिर प्राइवेट नौकरी भी हासिल की. कुछ साल तक नौकरी भी की, लेकिन जब मन नहीं लगा तो फिर काष्ठ की कलाकारी करने लगे और इसमें ऐसा काम किया कि अब उनके इस काम का हर जगह सम्मान हो रहा है.

पुणे में मिला सम्मान

अभी हाल ही में महाराष्ट्र में देश स्तर का एक सम्मान समारोह आयोजित किया गया. यहां 18वें अखिल भारतीय प्रतिभा महासम्मेलन का आयोजन था. जहां शहडोल के काष्ठ शिल्पकार केदार साहू को मध्य प्रदेश की ओर से बुलाया गया था. 29 सितंबर को आयोजित इस सम्मेलन में देश से विभिन्न क्षेत्रों के अलग-अलग प्रतिभाओं को बुलाया गया था, जिसमें शहडोल के केदार साहू भी शामिल थे. इस सम्मान समारोह में केदार साहू को नेशनल लेवल का अवार्ड दिया गया. जिसे वंडर-7 टैलेंट अवार्ड के नाम से भी जाना जाता है. ये अवार्ड उन्हें वुड क्राफ्ट एंड कल्चर में लगातार बेहतर काम के लिए दिया गया.

नौकरी छोड़कर केदार ने शुरू किया बिजनेस (ETV Bharat)

काष्ठ के कलाकार हैं केदार

केदार साहू शहडोल जिले के गोहपारू ब्लॉक के देवरी नंबर दो गांव के रहने वाले हैं और इन्हें काष्ठ में कलाकारी में महारत हासिल है. मतलब लकड़ियों में ये तरह-तरह की कलाकारी करते हैं. वुडन क्राफ्ट और कल्चर में ये अपना एक अलग नाम बना रहे हैं. इसी क्षेत्र में इनका करियर फोकस भी है. केदार साहू लगातार इस क्षेत्र में काम कर रहे हैं. अपने इस काम से जगह-जगह एक सम्मान भी हासिल कर रहे हैं. साथ ही इससे जो आय होती है, उसी से वो अपना घर चला रहे हैं.

Shahdol wood artist Kedarnath Sahu
केदार साहू की गजब कलाकारी (ETV Bharat)

छत्रपति शिवाजी की प्रतिमा को सबने सराहा

केदार साहू बताते हैं कि 29 सितंबर को जो सम्मेलन आयोजित किया गया था. उसमें उन्होंने छत्रपति शिवाजी की लकड़ी से बनी 3 फीट की प्रतिमा को लेकर गए थे. इस प्रतिमा को उस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि को भेंट किया. जिसके बाद सभी ने उसे बहुत सराहा, बहुत तारीफ की. केदार साहू बताते हैं कि इस कार्यक्रम में छत्रपति शिवाजी महाराज के वंशज, शहीद भगत सिंह के वंशज और कई बड़ी हस्तियां थीं. सभी ने उनके इस कला की जमकर तारीफ की.

कंप्यूटर की पढ़ाई, लेकिन विरासत काम आई

केदार साहू ने हार्डवेयर एंड नेटवर्क इंजीनियरिंग का कोर्स करके कंप्यूटर की पढ़ाई की. 1 साल जबलपुर में प्राइवेट नौकरी की. इसके बाद नोएडा में भी 1 साल तक प्राइवेट नौकरी की, लेकिन उनका मन इसमें बिल्कुल भी नहीं लग रहा था. जब उन्होंने देखा कि इतनी दूर जाकर काम करने के बाद भी इतने कम पैसे मिल रहे हैं और सटिस्फेक्शन नहीं है, तो उन्होंने एक झटके में ही अपनी नौकरी छोड़ दी. अपने गांव वापस आ गए और फिर अपने पिता के विरासत को आगे बढ़ाने का सोचा. आज उनका यही टैलेंट देश दुनिया में अलग पहचान बना रहा है.

Sahu Make Statue From Wood
लकड़ी से कमाल की कलाकारी (ETV Bharat)

खुद की सुनी, इसीलिए पहचान बनी

केदार साहू बताते हैं कि जब वो नौकरी छोड़कर गांव वापस लौटे तो लोग यही बोलते थे, कि इतना पढ़े लिखे, नौकरी भी करते थे, लेकिन वही लकड़ी का काम करने वापस आ गए, लेकिन उन्होंने किसी की नहीं सुनी, सिर्फ और सिर्फ खुद की सुनी, इसीलिए अब उनको एक अलग पहचान मिल रही है. अब वह अलग दिशा में ही आगे बढ़ चुके हैं. अपने पिता के ही विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं. जिसे लेकर केदार साहू भी कहते हैं कि वह बहुत खुश हैं कि पिता ने जिस काम की शुरुआत की थी. आज उसे वह अलग ही अंदाज में आगे लेकर जा रहे हैं.

Kedar Sahu Amazing wood artist
केदार साहू को मिला सम्मान (ETV Bharat)

ऐसे होती है कमाई

केदार साहू बताते हैं कि उन्होंने अपने कला को ही अपने आय का साधन भी बनाया, क्योंकि घर भी तो चलाना है. इसके लिए उन्होंने वुडन क्राफ्ट का काम करना शुरू किया. उन्होंने सोशल मीडिया का भी सहारा लिया और अब काम के नए-नए आर्डर मिलते रहते हैं. जिससे उनका घर भी चलता है.

कई जगह मिला सम्मान

उन्होंने बताया कि उनके पिता भी एक राष्ट्रीय स्तर के कलाकार हैं. वह उनसे ही सीखते हैं. वह उनके लिए एक बड़ी प्रेरणा हैं. कई बार एग्जीबिशन में वो उनके साथ जाते थे.

Shahdol wood artist Kedar Sahu
केदार ने लकड़ी की मूर्ति बनाई (ETV Bharat)

यहां पढ़ें...

मैहर की शेफाली का कमाल, चंद मिनटों में बना देती हैं हूबहू स्केच, कला देखकर हो जाएंगे हैरान

चलती फिरती सीडी है एमपी का ये गली सिंगर, 1 सेकंड का पॉज फिर एक नया गाना हाजिर, सुनिए जरा

ऑर्डर पर हर तरह की कलाकृति का निर्माण

केदारनाथ साहू कहते हैं कि उन्हें जब भी कोई ऑर्डर देता है, कुछ भी बनाने को बोलता है, तो वो लकड़ियों पर वही चीज बना कर देते हैं. जिसकी वजह से उनकी डिमांड बढ़ रही है. अगर किसी को पुरस्कार देना है किसी को अवार्ड देना है या कोई बड़ी हस्ती शहडोल आ रही हो, तो ऐसे में लोग उनके पास ही ऑर्डर लेकर आते हैं. उससे उनकी कमाई भी होती है.

शहडोल: कहते हैं जहां चाह वहां राह कुछ ऐसी ही कहानी युवा केदारनाथ साहू की है. केदारनाथ साहू की कहानी कई लोगों के लिए एक मिसाल है. खासकर उन लोगों के लिए जो अपना कुछ अलग करना चाहते हैं. अपनी पहचान खुद के काम से बनाना चाहते हैं. केदारनाथ साहू ने पहले पढ़ाई में खुद को साबित किया, फिर प्राइवेट नौकरी भी हासिल की. कुछ साल तक नौकरी भी की, लेकिन जब मन नहीं लगा तो फिर काष्ठ की कलाकारी करने लगे और इसमें ऐसा काम किया कि अब उनके इस काम का हर जगह सम्मान हो रहा है.

पुणे में मिला सम्मान

अभी हाल ही में महाराष्ट्र में देश स्तर का एक सम्मान समारोह आयोजित किया गया. यहां 18वें अखिल भारतीय प्रतिभा महासम्मेलन का आयोजन था. जहां शहडोल के काष्ठ शिल्पकार केदार साहू को मध्य प्रदेश की ओर से बुलाया गया था. 29 सितंबर को आयोजित इस सम्मेलन में देश से विभिन्न क्षेत्रों के अलग-अलग प्रतिभाओं को बुलाया गया था, जिसमें शहडोल के केदार साहू भी शामिल थे. इस सम्मान समारोह में केदार साहू को नेशनल लेवल का अवार्ड दिया गया. जिसे वंडर-7 टैलेंट अवार्ड के नाम से भी जाना जाता है. ये अवार्ड उन्हें वुड क्राफ्ट एंड कल्चर में लगातार बेहतर काम के लिए दिया गया.

नौकरी छोड़कर केदार ने शुरू किया बिजनेस (ETV Bharat)

काष्ठ के कलाकार हैं केदार

केदार साहू शहडोल जिले के गोहपारू ब्लॉक के देवरी नंबर दो गांव के रहने वाले हैं और इन्हें काष्ठ में कलाकारी में महारत हासिल है. मतलब लकड़ियों में ये तरह-तरह की कलाकारी करते हैं. वुडन क्राफ्ट और कल्चर में ये अपना एक अलग नाम बना रहे हैं. इसी क्षेत्र में इनका करियर फोकस भी है. केदार साहू लगातार इस क्षेत्र में काम कर रहे हैं. अपने इस काम से जगह-जगह एक सम्मान भी हासिल कर रहे हैं. साथ ही इससे जो आय होती है, उसी से वो अपना घर चला रहे हैं.

Shahdol wood artist Kedarnath Sahu
केदार साहू की गजब कलाकारी (ETV Bharat)

छत्रपति शिवाजी की प्रतिमा को सबने सराहा

केदार साहू बताते हैं कि 29 सितंबर को जो सम्मेलन आयोजित किया गया था. उसमें उन्होंने छत्रपति शिवाजी की लकड़ी से बनी 3 फीट की प्रतिमा को लेकर गए थे. इस प्रतिमा को उस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि को भेंट किया. जिसके बाद सभी ने उसे बहुत सराहा, बहुत तारीफ की. केदार साहू बताते हैं कि इस कार्यक्रम में छत्रपति शिवाजी महाराज के वंशज, शहीद भगत सिंह के वंशज और कई बड़ी हस्तियां थीं. सभी ने उनके इस कला की जमकर तारीफ की.

कंप्यूटर की पढ़ाई, लेकिन विरासत काम आई

केदार साहू ने हार्डवेयर एंड नेटवर्क इंजीनियरिंग का कोर्स करके कंप्यूटर की पढ़ाई की. 1 साल जबलपुर में प्राइवेट नौकरी की. इसके बाद नोएडा में भी 1 साल तक प्राइवेट नौकरी की, लेकिन उनका मन इसमें बिल्कुल भी नहीं लग रहा था. जब उन्होंने देखा कि इतनी दूर जाकर काम करने के बाद भी इतने कम पैसे मिल रहे हैं और सटिस्फेक्शन नहीं है, तो उन्होंने एक झटके में ही अपनी नौकरी छोड़ दी. अपने गांव वापस आ गए और फिर अपने पिता के विरासत को आगे बढ़ाने का सोचा. आज उनका यही टैलेंट देश दुनिया में अलग पहचान बना रहा है.

Sahu Make Statue From Wood
लकड़ी से कमाल की कलाकारी (ETV Bharat)

खुद की सुनी, इसीलिए पहचान बनी

केदार साहू बताते हैं कि जब वो नौकरी छोड़कर गांव वापस लौटे तो लोग यही बोलते थे, कि इतना पढ़े लिखे, नौकरी भी करते थे, लेकिन वही लकड़ी का काम करने वापस आ गए, लेकिन उन्होंने किसी की नहीं सुनी, सिर्फ और सिर्फ खुद की सुनी, इसीलिए अब उनको एक अलग पहचान मिल रही है. अब वह अलग दिशा में ही आगे बढ़ चुके हैं. अपने पिता के ही विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं. जिसे लेकर केदार साहू भी कहते हैं कि वह बहुत खुश हैं कि पिता ने जिस काम की शुरुआत की थी. आज उसे वह अलग ही अंदाज में आगे लेकर जा रहे हैं.

Kedar Sahu Amazing wood artist
केदार साहू को मिला सम्मान (ETV Bharat)

ऐसे होती है कमाई

केदार साहू बताते हैं कि उन्होंने अपने कला को ही अपने आय का साधन भी बनाया, क्योंकि घर भी तो चलाना है. इसके लिए उन्होंने वुडन क्राफ्ट का काम करना शुरू किया. उन्होंने सोशल मीडिया का भी सहारा लिया और अब काम के नए-नए आर्डर मिलते रहते हैं. जिससे उनका घर भी चलता है.

कई जगह मिला सम्मान

उन्होंने बताया कि उनके पिता भी एक राष्ट्रीय स्तर के कलाकार हैं. वह उनसे ही सीखते हैं. वह उनके लिए एक बड़ी प्रेरणा हैं. कई बार एग्जीबिशन में वो उनके साथ जाते थे.

Shahdol wood artist Kedar Sahu
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केदारनाथ साहू कहते हैं कि उन्हें जब भी कोई ऑर्डर देता है, कुछ भी बनाने को बोलता है, तो वो लकड़ियों पर वही चीज बना कर देते हैं. जिसकी वजह से उनकी डिमांड बढ़ रही है. अगर किसी को पुरस्कार देना है किसी को अवार्ड देना है या कोई बड़ी हस्ती शहडोल आ रही हो, तो ऐसे में लोग उनके पास ही ऑर्डर लेकर आते हैं. उससे उनकी कमाई भी होती है.

Last Updated : Oct 1, 2024, 9:09 PM IST
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