शहडोल: शहडोल जिले में मौजूदा सीजन में तेज बारिश नहीं हुई थी. रिमझिम बरसात ही हो रही थी, गर्मी से लोगों का हाल बेहाल था. लेकिन बीती शुक्रवार रात अचानक से मौसम ने ऐसी करवट बदली की मानो बदल ही टूट पड़े हों. पूरी रात एक फ्लोर में पानी गिरता रहा और आलम यह रहा की बारिश से चारों ओर पानी ही अपनी नजर आया. अभी भी आसमान में घने बादल छाए हुए हैं और बारिश के पूरे आसार नजर आ रहे हैं.
कई मार्ग बंद, नदी-नाले उफान पर
शुक्रवार रात हुई आफत वाली बारिश से नदी नाले उफान पर आ चुके हैं, जिसकी वजह से कई रास्ते भी ब्लॉक हो गए. कुछ गांव पानी से चारों ओर से घिर चुके हैं. शहडोल जिला मुख्यालय से सिंहपुर होते हुए डिंडोरी, मंडला, नागपुर, जबलपुर जाने वाला मार्ग ब्लॉक हो चुका है. क्योंकि जिला मुख्यालय से लगा हुआ एक नाला पूरी तरह से उफान पर चल रहा है. इसके अलावा कई नदियां उफान पर चल रही हैं.
बारिश से जिला मुख्यालय में ही कई घरों में पानी घुस गया. जिला मुख्यालय से लगभग 10 किलोमीटर दूर जोधपुर ग्राम पंचायत में भी कई घरों में पानी घुस गया. सिंहपुर में भी यह हालत देखने को मिले हैं. इतना ही नहीं मिठौरी गांव तो चारों ओर से पानी से घिर चुका है. वहां के लोग गांव से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं, आवागमन पूरी तरह से बंद हो चुका है.
31 साल बाद ऐसी बारिश
किसान सुजीत श्रीवास्तव संतोष द्विवेदी बताते हैं कि, ''कई सालों के बाद उन्होंने ऐसी बारिश देखी है.'' सुजीत श्रीवास्तव कहते हैं कि, "बड़े बुजुर्ग बता रहे हैं कि लगभग 31 साल बाद ऐसी बरसात हुई है, जब पूरी तरह से चारों ओर पानी ही अपनी नजर आ रहा है.'' किसान संतोष द्विवेदी का मानना है कि, ''इससे किसानों का बहुत नुकसान हुआ है, क्योंकि खेत पानी पूरी तरह से लबालब हो चुके हैं. उनकी फसल बर्बाद हो चुकी है.''
किसान परेशान
इस भीषण बारिश ने किसानों की परेशानी और बढ़ा दी है. किसानों का कहना है कि पहले तो बारिश नहीं हुई, किसी तरह धान की फसल की रोपाई की गई थी. पंप लगाकर पैसे खर्च करके धान की रोपाई की गई और जब बारिश हुई तो आफत लेकर आई. कुछ जगहों पर तो ऐसा मंजर देखने को मिल रहा है, जहांं खेतों से 5 से 7 फीट ऊपर पानी चल रहा है. धान की फसल पूरी तरह से डूब चुकी है.
किसानों का कहना है कि, बारिश से फसल पूरी तरह से बर्बाद हो चुकी है. अब उस फसल का कुछ नहीं हो सकता है. अगर पानी उतर भी जाएगा तो खेतों को पहचानना भी मुश्किल होगा. कुल मिलाकर इस बारिश ने किसानों का बहुत ज्यादा नुकसान कर दिया है. क्योंकि फसल पर जो पूंजी लगाई थी, वह लागत मिलना भी मुश्किल है.