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27 सालों से थाने में बंद थी देवी प्रतिमा, मालखाने से बाहर आईं तो लोगों ने माना चमत्कार

कानूनी प्रक्रिया में फंसी मां लोढ़ा की मूर्ति 27 साल बाद ग्रामीणों को मिली वापस, शहडोल के लोग मान रहे हैं चमत्कार

LODHA DEVI RELEASED BEOHARI POLICE
शहडोल में 27 साल बाद पुलिस के मालखाने से बाहर आई मां की प्रतिमा (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Oct 10, 2024, 8:00 AM IST

शहडोल: नवरात्र का समय चल रहा है और माता की महिमा अपरंपार है. ऐसा कहा जाता है कि जब माता चमत्कार करती हैं, तो फिर लोग देखते रह जाते हैं. ऐसा ही चमत्कार शहडोल जिले के ब्यौहारी क्षेत्र में हुआ है. पुलिस थाने के मालखाने में 27 सालों से रखी मां लोढ़ा की मूर्ति बाहर आ गई है. प्रतिमा के बाहर आते ही भक्तों में काफी उत्साह है. वहीं पुजारी की मन्नत भी पूरी हुई और अब वह भी 27 बरस बाद अपने पैरों में चप्पल धारण करेंगे.

27 साल बाद हुआ चमत्कार

जानकारी के मुताबिक, ये घटनाक्रम 27 साल पहले शुरू हुआ था, जब 1997 में ब्यौहारी थाना क्षेत्र के जमुनी गांव में स्थित लोढ़ा माता मंदिर से अचानक माता की प्रतिमा गायब हो गई थी. तब लोगों ने इसकी शिकायत ब्यौहारी थाना में दर्ज कराई थी. पुलिस ने अज्ञात आरोपियों के खिलाफ मामला दर्जकर 2 सप्ताह के अंदर ही चोरों का पता लगा लिया. पुलिस ने चोरों को गिरफ्तार करके उनसे चोरी की गई मूर्ति को भी बरामद कर लिया था.

Shahdol Lodha Mata Statue
लोगों को वापस मिली मां लोढ़ा की मूर्ति (ETV Bharat)

मालगोदाम में कैसे गई मूर्ति

मूर्ति बरामद तो कर ली गई, लेकिन सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए मूर्ति को पुलिस के मालगोदाम में रखवा दिया गया था और पिछले 27 सालों से वहीं पर ये मूर्ति रखी हुई थी. ऐसा नहीं है कि पुजारी और गांव वालों ने मूर्ति को थाने से लाने के प्रयास नहीं किए. कई बार माता लोढ़ा की मूर्ति को मंदिर में स्थापित करवाने के प्रयास किये गए, लेकिन कानूनी प्रक्रिया के चलते न्यायालय से इस संबंध में आदेश नहीं हो सका. फिर 27 साल बाद एक बार फिर से ग्रामीणों और पुजारी ने मूर्ति को वापस लेने का प्रयास शुरू कर दिए. इस बारे में लोगों ने वर्तमान थाना प्रभारी अरुण पांडे से संपर्क किया गया और पूरे मामले से उन्हें अवगत कराया गया.

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27 साल बाद लोगों को वापस मिली मां लोढ़ा की मूर्ति

थाना प्रभारी ने जानकारी लगते ही सबसे पहले माल गोदाम में रखी मूर्ति को खोजने के निर्देश दिए. काफी मशक्कत के बाद लोढ़ा माता की मूर्ति ढूंढ ली गई, जिसे बाहर निकाला गया. इसके बाद थाना प्रभारी ने पुजारी समेत गांव वालों को इस मूर्ति को हासिल करने के लिए न्यायालय से की जाने वाली प्रक्रिया को समझाया, जिसके बाद न्यायालय ने पुलिस को उस मूर्ति को लोगों को देने के आदेश दिए. न्यायालय का आदेश मिलते ही थाना प्रभारी अरुण पांडे ने भक्ति भाव के साथ पुजारी प्यारेलाल को लोढ़ा माता की मूर्ति को सौंप दिया. जो काम 27 साल से नहीं हो पा रहा था, वह माता के आशीर्वाद से इस नवरात्र में हो गया.

27 साल बाद पुजारी करेंगे ये काम

मंदिर के पुजारी प्यारेलाल ने बताया '' लोढ़ा माता की मूर्ति चोरी हो जाने के बाद मैं काफी दुखी था. मैंने निर्णय लिया था कि जब तक माता रानी की मूर्ति मंदिर में फिर से स्थापित नहीं हो जाएगी, तब तक पैरों में चप्पल धारण नहीं करुंगा और 27 सालों से मैं बिना चप्पल के ही चल रहा हूं. अब जब लोढ़ा माता की मूर्ति मिल गई है, उस मूर्ति को फिर से मंदिर में स्थापित कर दिया गया है.''

शहडोल: नवरात्र का समय चल रहा है और माता की महिमा अपरंपार है. ऐसा कहा जाता है कि जब माता चमत्कार करती हैं, तो फिर लोग देखते रह जाते हैं. ऐसा ही चमत्कार शहडोल जिले के ब्यौहारी क्षेत्र में हुआ है. पुलिस थाने के मालखाने में 27 सालों से रखी मां लोढ़ा की मूर्ति बाहर आ गई है. प्रतिमा के बाहर आते ही भक्तों में काफी उत्साह है. वहीं पुजारी की मन्नत भी पूरी हुई और अब वह भी 27 बरस बाद अपने पैरों में चप्पल धारण करेंगे.

27 साल बाद हुआ चमत्कार

जानकारी के मुताबिक, ये घटनाक्रम 27 साल पहले शुरू हुआ था, जब 1997 में ब्यौहारी थाना क्षेत्र के जमुनी गांव में स्थित लोढ़ा माता मंदिर से अचानक माता की प्रतिमा गायब हो गई थी. तब लोगों ने इसकी शिकायत ब्यौहारी थाना में दर्ज कराई थी. पुलिस ने अज्ञात आरोपियों के खिलाफ मामला दर्जकर 2 सप्ताह के अंदर ही चोरों का पता लगा लिया. पुलिस ने चोरों को गिरफ्तार करके उनसे चोरी की गई मूर्ति को भी बरामद कर लिया था.

Shahdol Lodha Mata Statue
लोगों को वापस मिली मां लोढ़ा की मूर्ति (ETV Bharat)

मालगोदाम में कैसे गई मूर्ति

मूर्ति बरामद तो कर ली गई, लेकिन सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए मूर्ति को पुलिस के मालगोदाम में रखवा दिया गया था और पिछले 27 सालों से वहीं पर ये मूर्ति रखी हुई थी. ऐसा नहीं है कि पुजारी और गांव वालों ने मूर्ति को थाने से लाने के प्रयास नहीं किए. कई बार माता लोढ़ा की मूर्ति को मंदिर में स्थापित करवाने के प्रयास किये गए, लेकिन कानूनी प्रक्रिया के चलते न्यायालय से इस संबंध में आदेश नहीं हो सका. फिर 27 साल बाद एक बार फिर से ग्रामीणों और पुजारी ने मूर्ति को वापस लेने का प्रयास शुरू कर दिए. इस बारे में लोगों ने वर्तमान थाना प्रभारी अरुण पांडे से संपर्क किया गया और पूरे मामले से उन्हें अवगत कराया गया.

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27 साल बाद लोगों को वापस मिली मां लोढ़ा की मूर्ति

थाना प्रभारी ने जानकारी लगते ही सबसे पहले माल गोदाम में रखी मूर्ति को खोजने के निर्देश दिए. काफी मशक्कत के बाद लोढ़ा माता की मूर्ति ढूंढ ली गई, जिसे बाहर निकाला गया. इसके बाद थाना प्रभारी ने पुजारी समेत गांव वालों को इस मूर्ति को हासिल करने के लिए न्यायालय से की जाने वाली प्रक्रिया को समझाया, जिसके बाद न्यायालय ने पुलिस को उस मूर्ति को लोगों को देने के आदेश दिए. न्यायालय का आदेश मिलते ही थाना प्रभारी अरुण पांडे ने भक्ति भाव के साथ पुजारी प्यारेलाल को लोढ़ा माता की मूर्ति को सौंप दिया. जो काम 27 साल से नहीं हो पा रहा था, वह माता के आशीर्वाद से इस नवरात्र में हो गया.

27 साल बाद पुजारी करेंगे ये काम

मंदिर के पुजारी प्यारेलाल ने बताया '' लोढ़ा माता की मूर्ति चोरी हो जाने के बाद मैं काफी दुखी था. मैंने निर्णय लिया था कि जब तक माता रानी की मूर्ति मंदिर में फिर से स्थापित नहीं हो जाएगी, तब तक पैरों में चप्पल धारण नहीं करुंगा और 27 सालों से मैं बिना चप्पल के ही चल रहा हूं. अब जब लोढ़ा माता की मूर्ति मिल गई है, उस मूर्ति को फिर से मंदिर में स्थापित कर दिया गया है.''

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