पटना: सिवान के बाहुबली नेता और पूर्व दिवंगत सांसद शहाबुद्दीन की पत्नी हेना शहाब को राष्ट्रीय जनता दल में वापस लाने का कवायद शुरू हो गई है. बुधवार देर शाम आरजेडी अध्यक्ष लालू यादव और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव से उनकी मुलाकात हुई. आरजेडी विधान पार्षद विनोद जायसवाल के आवास पर तीनों नेताओं की मुलाकात हुई. पटना के बोरिंग रोड स्थित उनके आवास पर तीनों नेताओं के बीच करीब डेढ़ घंटे तक बातचीत हुई है.
रिश्ते सुधारने की कवायद तेज: दिवंगत शहाबुद्दीन की पत्नी हेना शहाब और लालू परिवार के बीच पिछले कुछ समय से रिश्ते मधुर नहीं रहे हैं. लोकसभा चुनाव से पहले शहाबुद्दीन की पत्नी का लालू परिवार के साथ दूरी बन गई थी. यही कारण था कि सिवान लोकसभा क्षेत्र से हेना शहाब ने निर्दलीय चुनाव लड़ा. उधर, आरजेडी की तरफ से बिहार विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी सिवान से पार्टी के प्रत्याशी बनाए गए. हालांकि मुख्य मुकाबला जेडीयू कैंडिडेट विजय लक्ष्मी कुशवाहा और निर्दलीय हेना शहाब के बीच में ही हुआ. लोकसभा चुनाव खत्म होने के बाद आरजेडी में हेना शहाब को फिर से शामिल करवाने को लेकर प्रयास शुरू हो गए हैं.
आरजेडी में हेना की वापसी तय: हेना शहाब और लालू प्रसाद यादव के बीच लोकसभा चुनाव के बाद दो बार मुलाकात हो चुकी है. लालू और तेजस्वी चाहते हैं कि शहाबुद्दीन का परिवार एक बार फिर से आरजेडी के साथ जुड़ जाए. यही कारण है कि लालू और हेना शहाब की मुलाकात हुई है. लोकसभा चुनाव से पहले हेना शहाब की आरजेडी से जितनी दूरी बढ़ गई थी, अब वह धीरे-धीरे कम होती दिख रही है. सूत्रों के मुताबिक बहुत जल्द हेना शहाब की आरजेडी में वापसी हो जाएगी.
आरजेडी के विधायक चाहते हैं 'मैडम' की वापसी: आरजेडी एमएलसी विनोद जायसवाल के आवास पर हेना शहाब की लालू और तेजस्वी से मुलाकात हुई है. सूत्रों के मुताबिक हिना साहब और और लालू यादव के बीच में सकारात्मक और सार्थक बातचीत हुई है. अब महज आरजेडी में शामिल होने की घोषणा होना ही बाकी है. सूत्र बताते हैं कि सारण कमिश्नरी के आरजेडी विधायकों का दबाव था कि हेना शाहब को आरजेडी में लिया जाए. इसलिए लालू यादव और तेजस्वी यादव ने हेना शाहब और ओसामा शाहब से मुलाकात की है.
विधानसभा चुनाव में मिलेगा समर्थन: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को देखते हुए आरजेडी सिवान और उसके आसपास के इलाकों में अपना जन आधार फिर से मजबूत करने के लिए हेना शहाब को पार्टी में शामिल करवाएगा. शहाबुद्दीन का सिवान और गोपालगंज के अलावे सीमांचल में भी व्यापक प्रभाव था. यही कारण है कि आगामी विधानसभा चुनाव से पहले अल्पसंख्यक वोटरों में किसी तरीके का बिखराव न हो, इसी को देखते हुए हेना शहाब की राष्ट्रीय जनता दल में घर वापसी होगी.
हेना शहाब को लगातार हार मिली: शहाबुद्दीन के जेल जाने के बाद 2009, 2014 और 2019 में हेना शहाब आरजेडी के सिंबल पर सिवान लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा लेकिन उनको हार का सामना करना पड़ा. वहीं शहाबुद्दीन के निधन के बाद जब उनकी लालू परिवार से दूरी बनी तो उन्होंने 2024 में निर्दलीय चुनाव लड़ने का फैसला किया. हालांकि इस बार भी उनको शिकस्त मिली. ऐसे में उनके पास भी बहुत ज्यादा विकल्प नहीं है. लिहाजा लालू परिवार और शहाबुद्दीन फैमिली के बीच रिश्ते सुधारने की कवायत फिर से तेज हो गई है.
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