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महात्मा गांधी की प्रतिमा पर विवाद का साया, अब बापू से बड़े हो गए नियम और कायदे - mahatma Gandhi statue

controversy over mahatma Gandhi मनेंद्रगढ़ नगर पालिका में गांधीजी की प्रतिमा को लेकर नया विवाद खड़ा हुआ है. प्रतिमा को जिसने लगवाया है वो पूर्व एल्डरमैन हैं.जबकि मौजूदा पार्षद का आरोप है कि प्रतिमा नियम के विरूद्ध गलत जगह लगवाई गई है.mahatma Gandhi statue in manendragarh

controversy over mahatma Gandhi
महात्मा गांधी की प्रतिमा पर विवाद का साया (ETV Bharat Chhattisgarh)
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Jun 29, 2024, 7:12 PM IST

मनेंद्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर : हमारे देश के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी किसी पहचान की मोहताज नहीं है. आजादी दिलाने से लेकर लोगों को अहिंसा का पाठ पढ़ाने तक गांधी जी ने अपना सबकुछ देश के नाम कर दिया. पैरों में चप्पल, पतली धोती और खुले बदन गांधीजी अपने व्यवहार और अनुशासन के लिए सदियों तक याद किए जाएंगे. उनके सम्मान में देश के कई जगहों पर उनकी मूर्तियां स्थापित की गई हैं. संग्रहालय बने हैं और ना जाने राज्य सरकारों ने गांधी जी स्मृतियां सहेजने के लिए क्या कुछ नहीं किया.लेकिन छत्तीसगढ़ में एक जगह ऐसी है जहां गांधी जी को छोटी सी जगह भी नसीब नहीं हो रही है.

क्या है मामला ?: ये पूरा मामला मनेंद्रगढ़ के एक वॉर्ड का है.जहां पर कांग्रेस शासन काल में गांधी जी की प्रतिमा एल्डमैन ने लगवाई थी.इस मामले में एल्डरमैन का कहना है कि शहर की तीन जगहों पर मूर्तियां लगनी थी.जिसमें से एक जगह ये भी है. एल्डरमैन ने ठेकेदार से मूर्ति लगवा दी.जिसका उद्घाटन 15 अगस्त 2023 को तत्कालीन विधानसभा अध्यक्ष चरणदास महंत ने किया. लेकिन जब प्रदेश में सत्ता का परिवर्तन हुआ तो गांधीजी की प्रतिमा को लगाने को लेकर विवाद शुरु हुआ. जिस वार्ड में गांधीजी की प्रतिमा लगी है,उस जगह के पार्षद ने आरटीआई के माध्यम से मूर्ति लगाने की प्रक्रिया की जानकारी मांगी.जिसमें ये बात सामने आई की शहर में कहीं भी प्रतिमा लगाने का कोई टेंडर जारी नहीं हुआ है.लिहाजा अब संबंधित जगह में अतिक्रमण करके स्वेच्छा से मूर्ति लगवाने की बात सामने आ रही है.

controversy over mahatma Gandhi
अब बापू से बड़े हो गए नियम और कायदे (ETV Bharat Chhattisgarh)

क्या है एल्डरमैन का कहना ?: इस पूरे मामले में महात्मा गांधी की प्रतिमा लगवाने वाले एल्डरमैन ने कहा कि नगर पालिका मनेन्द्रगढ़ के सीएमओ के मौखिक आदेश पर संबंधित ठेकेदार ने प्रतिमा लगवाई थी. जिसे अब नियम विरुद्ध बताया जा रहा है.ठेकेदार का भुगतान रुका हुआ है.

अब बापू से बड़े हो गए नियम और कायदे (ETV Bharat Chhattisgarh)

''एक ही शहर में दूसरी मूर्तियों का पैसा निकाला जा रहा है.वहीं तीसरी मूर्ति का पैसा नहीं निकाला गया.मैंने कलेक्टर को ज्ञापन दिया है कि मुझे ये बता दिया जाए कि सीएमओ के आदेश पर लगाई गई मूर्ति नगरपालिका की संपत्ति है या नहीं है.''- रवि जैन, एल्डरमैन

पार्षद ने बताया नियम विरूद्ध : वहीं पार्षद की माने तो चार दिनों के अंदर ही प्रतिमा बिना किसी टेंडर और कागजी कार्रवाई की लगा दी गई.जबकि एक लाख के ऊपर के काम का टेंडर होता है.लेकिन इस मामले में ऐसा कोई टेंडर नहीं निकला.जिस जगह पर प्रतिमा लगी है,वो राजस्व की भूमि है.लिहाजा यदि कोई व्यक्ति अपनी स्वेच्छा से कहीं प्रतिमा लगवा रहा है तो इसमें नगरपालिका द्वारा भुगतान की कोई जवाबदारी नहीं होती.

'' जिस वार्ड में काम होता है वहां के पार्षद से अनुमति नियमानुसार जरूरी होती है.10 अगस्त को नगरपालिका परिषद में मूर्ति लगाने का निर्णय होता है.इसके बाद 15 अगस्त को मूर्ति का उद्घाटन भी हो जाता है.यानी चार दिनों में वर्क ऑर्डर समेत सारी प्रक्रिया कैसे पूरी हो गई.बिना किसी आदेश और टेंडर के एल्डरमैन ने अपनी मर्जी से मूर्ति लगवाकर उद्घाटन करवाया गया है.'' श्याम सुंदर पोद्दार, पार्षद


कुल मिलाकर इस मामले में मौजूदा पार्षद ने संबंधित प्रतिमा को स्वेच्छा से लगाया जाना बताया है.वहीं दूसरी ओर एल्डरमैन प्रतिमा के भुगतान को लेकर अड़ा हुआ है. ऐसे में अब देखना ये होगा कि इस समस्या का समाधान प्रशासन किस तरह से निकालता है.

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क्या है मामला ?: ये पूरा मामला मनेंद्रगढ़ के एक वॉर्ड का है.जहां पर कांग्रेस शासन काल में गांधी जी की प्रतिमा एल्डमैन ने लगवाई थी.इस मामले में एल्डरमैन का कहना है कि शहर की तीन जगहों पर मूर्तियां लगनी थी.जिसमें से एक जगह ये भी है. एल्डरमैन ने ठेकेदार से मूर्ति लगवा दी.जिसका उद्घाटन 15 अगस्त 2023 को तत्कालीन विधानसभा अध्यक्ष चरणदास महंत ने किया. लेकिन जब प्रदेश में सत्ता का परिवर्तन हुआ तो गांधीजी की प्रतिमा को लगाने को लेकर विवाद शुरु हुआ. जिस वार्ड में गांधीजी की प्रतिमा लगी है,उस जगह के पार्षद ने आरटीआई के माध्यम से मूर्ति लगाने की प्रक्रिया की जानकारी मांगी.जिसमें ये बात सामने आई की शहर में कहीं भी प्रतिमा लगाने का कोई टेंडर जारी नहीं हुआ है.लिहाजा अब संबंधित जगह में अतिक्रमण करके स्वेच्छा से मूर्ति लगवाने की बात सामने आ रही है.

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क्या है एल्डरमैन का कहना ?: इस पूरे मामले में महात्मा गांधी की प्रतिमा लगवाने वाले एल्डरमैन ने कहा कि नगर पालिका मनेन्द्रगढ़ के सीएमओ के मौखिक आदेश पर संबंधित ठेकेदार ने प्रतिमा लगवाई थी. जिसे अब नियम विरुद्ध बताया जा रहा है.ठेकेदार का भुगतान रुका हुआ है.

अब बापू से बड़े हो गए नियम और कायदे (ETV Bharat Chhattisgarh)

''एक ही शहर में दूसरी मूर्तियों का पैसा निकाला जा रहा है.वहीं तीसरी मूर्ति का पैसा नहीं निकाला गया.मैंने कलेक्टर को ज्ञापन दिया है कि मुझे ये बता दिया जाए कि सीएमओ के आदेश पर लगाई गई मूर्ति नगरपालिका की संपत्ति है या नहीं है.''- रवि जैन, एल्डरमैन

पार्षद ने बताया नियम विरूद्ध : वहीं पार्षद की माने तो चार दिनों के अंदर ही प्रतिमा बिना किसी टेंडर और कागजी कार्रवाई की लगा दी गई.जबकि एक लाख के ऊपर के काम का टेंडर होता है.लेकिन इस मामले में ऐसा कोई टेंडर नहीं निकला.जिस जगह पर प्रतिमा लगी है,वो राजस्व की भूमि है.लिहाजा यदि कोई व्यक्ति अपनी स्वेच्छा से कहीं प्रतिमा लगवा रहा है तो इसमें नगरपालिका द्वारा भुगतान की कोई जवाबदारी नहीं होती.

'' जिस वार्ड में काम होता है वहां के पार्षद से अनुमति नियमानुसार जरूरी होती है.10 अगस्त को नगरपालिका परिषद में मूर्ति लगाने का निर्णय होता है.इसके बाद 15 अगस्त को मूर्ति का उद्घाटन भी हो जाता है.यानी चार दिनों में वर्क ऑर्डर समेत सारी प्रक्रिया कैसे पूरी हो गई.बिना किसी आदेश और टेंडर के एल्डरमैन ने अपनी मर्जी से मूर्ति लगवाकर उद्घाटन करवाया गया है.'' श्याम सुंदर पोद्दार, पार्षद


कुल मिलाकर इस मामले में मौजूदा पार्षद ने संबंधित प्रतिमा को स्वेच्छा से लगाया जाना बताया है.वहीं दूसरी ओर एल्डरमैन प्रतिमा के भुगतान को लेकर अड़ा हुआ है. ऐसे में अब देखना ये होगा कि इस समस्या का समाधान प्रशासन किस तरह से निकालता है.

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