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उत्तराखंड में बारिश के बाद फिर से धधकने लगे जंगल, वनाग्नि के सात नए मामले आए सामने - Uttarakhand forest fire - UTTARAKHAND FOREST FIRE

उत्तराखंड में जंगल की आग शांत होने का नाम नहीं ले रही है. बारिश के बाद फिर से जंगलों की आग भड़क उठी. 16 मई को वनाग्नि के सात नए मामले सामने आए है. राहत की बात ये है कि वनाग्नि का एक भी मामला चारधाम यात्रा मार्ग से सामने नहीं आया है.

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उत्तराखंड में वनाग्नि. (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : May 17, 2024, 3:23 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड में चारधाम यात्रा 2024 के शोरगुल के बीच शायद पहाड़ों में लग रही आग की चर्चा कहीं खो सी गई है. बीते दिनों उत्तराखंड में हुई बारिश के बाद उम्मीद यहीं जताई जा रही थी कि अब पहाड़ों में लग रही आग से उत्तराखंड की वादियों को निजात मिल जाएगी, लेकिन ऐसा हुआ नहीं, क्योंकि चार दिन शांत रहने के बाद जंगल की आग फिर से भड़क गई.

उत्तराखंड में कुमाऊं और गढ़वाल में फिर से वनाग्नि के मामले सामने आने लगे है. वन विभाग से मिले आंकड़ों के मुताबिक प्रदेश में एक नवंबर 2023 से लेकर 16 मई 2024 तक प्रदेश में 1075 घटनाएं रिकॉर्ड हो चुके हैं, जिसमें 14051.348 हेक्टेयर जंगल अब तक प्रभावित हो चुके हैं.

हैरानी की बात यह है कि बारिश के बाद फिर से उत्तराखंड के जंगलों में आग लगने की घटना सामने आने लगी है. 16 मई को उत्तराखंड में वनाग्नि के सात मामले सामने आए है, जिसमें करीब 8.2 हेक्टेयर वन क्षेत्र प्रभावित हुआ है. 16 मई को वनाग्नि के मामले मसूरी और पौड़ी के लैंसडाउन वन प्रभाग के साथ-साथ तराई पूर्वी वन क्षेत्र के है. इन सबके बीच राहत की बात ये है कि चारधाम यात्रा मार्ग पर वनान्गि का कोई भी मामला सामने नहीं आया है. उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी लगातार चारधाम के साथ-साथ वनाग्नि को लेकर भी अधिकारियों निर्देश दे रहे है.

उत्तराखंड में इस साल वनाग्नि के कारण पांच लोगों की मौत हो चुकी है. बीते दिनों उत्तराखंड वनाग्नि के मामले में सुप्रीम कोर्ट में भी सुनवाई हुई थी. सुप्रीम ने इस मामले उत्तराखंड की मुख्य सचिव को व्यक्ति रूप से पेश होकर आग की घटनाओं और उसकी सुनवाई के दौरान पेश होने का आदेश दे चुका है.

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देहरादून: उत्तराखंड में चारधाम यात्रा 2024 के शोरगुल के बीच शायद पहाड़ों में लग रही आग की चर्चा कहीं खो सी गई है. बीते दिनों उत्तराखंड में हुई बारिश के बाद उम्मीद यहीं जताई जा रही थी कि अब पहाड़ों में लग रही आग से उत्तराखंड की वादियों को निजात मिल जाएगी, लेकिन ऐसा हुआ नहीं, क्योंकि चार दिन शांत रहने के बाद जंगल की आग फिर से भड़क गई.

उत्तराखंड में कुमाऊं और गढ़वाल में फिर से वनाग्नि के मामले सामने आने लगे है. वन विभाग से मिले आंकड़ों के मुताबिक प्रदेश में एक नवंबर 2023 से लेकर 16 मई 2024 तक प्रदेश में 1075 घटनाएं रिकॉर्ड हो चुके हैं, जिसमें 14051.348 हेक्टेयर जंगल अब तक प्रभावित हो चुके हैं.

हैरानी की बात यह है कि बारिश के बाद फिर से उत्तराखंड के जंगलों में आग लगने की घटना सामने आने लगी है. 16 मई को उत्तराखंड में वनाग्नि के सात मामले सामने आए है, जिसमें करीब 8.2 हेक्टेयर वन क्षेत्र प्रभावित हुआ है. 16 मई को वनाग्नि के मामले मसूरी और पौड़ी के लैंसडाउन वन प्रभाग के साथ-साथ तराई पूर्वी वन क्षेत्र के है. इन सबके बीच राहत की बात ये है कि चारधाम यात्रा मार्ग पर वनान्गि का कोई भी मामला सामने नहीं आया है. उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी लगातार चारधाम के साथ-साथ वनाग्नि को लेकर भी अधिकारियों निर्देश दे रहे है.

उत्तराखंड में इस साल वनाग्नि के कारण पांच लोगों की मौत हो चुकी है. बीते दिनों उत्तराखंड वनाग्नि के मामले में सुप्रीम कोर्ट में भी सुनवाई हुई थी. सुप्रीम ने इस मामले उत्तराखंड की मुख्य सचिव को व्यक्ति रूप से पेश होकर आग की घटनाओं और उसकी सुनवाई के दौरान पेश होने का आदेश दे चुका है.

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