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पुलिस की तर्ज पर फॉरेस्ट में भी सेवा पदक सम्मान देने की तैयारी, इन कामों पर भी लगेगी मुहर - SEVA SAMANYA MEDAL

जल्द वन महकमे में भी सेवा पदक सम्मान देने की तैयारी चल रही है. विभागीय मंत्री से इस संबंध में वन अधिकारियों ने बात की.

Uttarakhand Van Bhavan
उत्तराखंड वन भवन (Photo-ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Feb 16, 2025, 12:12 PM IST

देहरादून: पुलिस की तर्ज पर वन विभाग में भी सेवा पदक सम्मान की शुरूवात हो सकती है. भारतीय वन सेवा के अधिकारियों ने विभागीय मंत्री से इस मामले पर बातचीत की है. जिसके बाद वन मंत्री ने जल्द ही सेवा पदक सम्मान की वन विभाग में भी शुरुआत करने की बात कही है. उधर इसके अलावा भी कुछ दूसरे मुद्दों पर IFS अफसरों ने अपनी बात मंत्री के सामने रखी.

गौर हो कि उत्तराखंड वन विभाग में भी सेवा पदक सम्मान की शुरुआत होने जा रही है. भारतीय वन सेवा के अधिकारियों ने विभागीय मंत्री के सामने जब इस बात को रखा तो उन्होंने भी इसे सकारात्मक रूप से लेते हुए जल्द ही इसकी शुरूआत करने का आश्वासन दिया है. दरअसल, राज्य में पुलिस विभाग की तरह ही वन विभाग के अफसरों, कर्मियों को भी राज्यपाल और राष्ट्रपति पदक दिए जाने की पैरवी की जा रही है. वन मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि जिस तरह से पुलिस विभाग और दूसरी फोर्सज को राष्ट्रपति और राज्यपाल पुरस्कार से सम्मानित किया जाता है.

वन विभाग में भी सेवा पदक सम्मान देने की तैयारी (Video-ETV Bharat)

ऐसे ही वन विभाग में भी बेहतर कार्य करने वालों के लिए सेवा पदक सम्मान दिए जाने की जरूरत है. वन मंत्री ने कहा कि जल्द ही इसके लिए सरकार के स्तर पर प्रयास किए जाएंगे ताकि वन कर्मियों को सम्मानित किया जा सके. वन विभाग फॉरेस्ट फायर से लेकर वन्यजीवों के संरक्षण और वनों को बचाने के लिए जंगलों में दिन-रात काम करते हैं. ऐसे में पर्यावरण के इन रक्षकों को भी सम्मानित किया जाना जरूरी है. भारतीय वन सेवा के अधिकारियों द्वारा रखी गई तमाम बातों पर गंभीरता से सरकार विचार करने जा रही है.

पुलिस विभाग में जिस तरह पुलिस लाइन होती है, उसी तर्ज पर फॉरेस्ट लाइन बनने पर भी विचार किया जा रहा है. हालांकि काफी लंबे समय से इस बात को वन विभाग के भीतर रखा जा रहा है. लेकिन अब वन मंत्री ने फॉरेस्ट लाइन के प्रस्ताव पर मुहर लगाते हुए राज्य में इसे बनाए जाने का आश्वासन दिया है. राज्य में गढ़वाल और कुमाऊं मंडल दोनों ही जगह पर फॉरेस्ट लाइन बनाई जाएगी. इसमें फील्ड कर्मचारियों के परिवार जनों के रहने की व्यवस्था हो सकेगी.

राज्य में फील्ड कर्मचारियों वन विभाग के अंतर्गत वन चौकियों में भी रहते हैं और ऐसे वन कर्मियों को एचआरए यानी हाउस रेंट अलाउंस नहीं दिया जाता. लेकिन अब ऐसे वन कर्मियों को एचआरए देने की भी व्यवस्था होने जा रही है इसके लिए वित्तीय रूप से अनुमति लिए जाने के बाद वन चौकियो में रहने वाले वन कर्मियों को भी एचआरए का लाभ मिल सकेगा.
पढ़ें-कॉर्बेट नेशनल पार्क में 119 बीटों पर है सुरक्षा का जिम्मा, फोरेस्ट गार्ड ऐसे करते हैं निगरानी - कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के निदेशक

देहरादून: पुलिस की तर्ज पर वन विभाग में भी सेवा पदक सम्मान की शुरूवात हो सकती है. भारतीय वन सेवा के अधिकारियों ने विभागीय मंत्री से इस मामले पर बातचीत की है. जिसके बाद वन मंत्री ने जल्द ही सेवा पदक सम्मान की वन विभाग में भी शुरुआत करने की बात कही है. उधर इसके अलावा भी कुछ दूसरे मुद्दों पर IFS अफसरों ने अपनी बात मंत्री के सामने रखी.

गौर हो कि उत्तराखंड वन विभाग में भी सेवा पदक सम्मान की शुरुआत होने जा रही है. भारतीय वन सेवा के अधिकारियों ने विभागीय मंत्री के सामने जब इस बात को रखा तो उन्होंने भी इसे सकारात्मक रूप से लेते हुए जल्द ही इसकी शुरूआत करने का आश्वासन दिया है. दरअसल, राज्य में पुलिस विभाग की तरह ही वन विभाग के अफसरों, कर्मियों को भी राज्यपाल और राष्ट्रपति पदक दिए जाने की पैरवी की जा रही है. वन मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि जिस तरह से पुलिस विभाग और दूसरी फोर्सज को राष्ट्रपति और राज्यपाल पुरस्कार से सम्मानित किया जाता है.

वन विभाग में भी सेवा पदक सम्मान देने की तैयारी (Video-ETV Bharat)

ऐसे ही वन विभाग में भी बेहतर कार्य करने वालों के लिए सेवा पदक सम्मान दिए जाने की जरूरत है. वन मंत्री ने कहा कि जल्द ही इसके लिए सरकार के स्तर पर प्रयास किए जाएंगे ताकि वन कर्मियों को सम्मानित किया जा सके. वन विभाग फॉरेस्ट फायर से लेकर वन्यजीवों के संरक्षण और वनों को बचाने के लिए जंगलों में दिन-रात काम करते हैं. ऐसे में पर्यावरण के इन रक्षकों को भी सम्मानित किया जाना जरूरी है. भारतीय वन सेवा के अधिकारियों द्वारा रखी गई तमाम बातों पर गंभीरता से सरकार विचार करने जा रही है.

पुलिस विभाग में जिस तरह पुलिस लाइन होती है, उसी तर्ज पर फॉरेस्ट लाइन बनने पर भी विचार किया जा रहा है. हालांकि काफी लंबे समय से इस बात को वन विभाग के भीतर रखा जा रहा है. लेकिन अब वन मंत्री ने फॉरेस्ट लाइन के प्रस्ताव पर मुहर लगाते हुए राज्य में इसे बनाए जाने का आश्वासन दिया है. राज्य में गढ़वाल और कुमाऊं मंडल दोनों ही जगह पर फॉरेस्ट लाइन बनाई जाएगी. इसमें फील्ड कर्मचारियों के परिवार जनों के रहने की व्यवस्था हो सकेगी.

राज्य में फील्ड कर्मचारियों वन विभाग के अंतर्गत वन चौकियों में भी रहते हैं और ऐसे वन कर्मियों को एचआरए यानी हाउस रेंट अलाउंस नहीं दिया जाता. लेकिन अब ऐसे वन कर्मियों को एचआरए देने की भी व्यवस्था होने जा रही है इसके लिए वित्तीय रूप से अनुमति लिए जाने के बाद वन चौकियो में रहने वाले वन कर्मियों को भी एचआरए का लाभ मिल सकेगा.
पढ़ें-कॉर्बेट नेशनल पार्क में 119 बीटों पर है सुरक्षा का जिम्मा, फोरेस्ट गार्ड ऐसे करते हैं निगरानी - कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के निदेशक

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