नई दिल्ली: दिल्ली में वरिष्ठ नागरिकों और दिव्यांगों की पेंशन व्यवस्था पिछले कुछ समय से चर्चा में है. हाल में दिल्ली सरकार ने 60 प्रतिशत या उससे अधिक विकलांगता वाले बुजुर्गों के लिए 5000 रुपये पेंशन देने की योजना की घोषणा की है. हालांकि, इस योजना को लेकर दिल्ली के वरिष्ठ नागरिकों में असंतोष फैल रहा है. उनका आरोप है कि सरकार ने वृद्धावस्था पेंशन के मुद्दे पर गंभीरता नहीं दिखाई है, जिससे वे धरने पर बैठने का निर्णय ले चुके हैं.
गुरुवार को दिल्ली में बुजुर्ग नागरिक राजघाट पर भाजपा विधायकों के साथ धरना देने जा रहे हैं. इसका नेतृत्व भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा और नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता करेंगे. गुप्ता ने दिल्ली सरकार पर आरोप लगाया कि वह वरिष्ठ नागरिकों से भेदभाव कर रही है और पिछले सात वर्षों से 5 लाख पेंडिंग आवेदनों पर विचार नहीं कर रही है. उनका कहना है कि आम आदमी पार्टी (AAP) बुजुर्गों के साथ अन्याय कर रही है और उन्हें उचित पेंशन का हक है.
VIDEO | " the new pension scheme that they are talking, i want to ask cm atishi marlena why they did not start any new pension scheme for the senior citizens who are doing rounds of the offices in last 7 years. the capping of rs 5,30,000 was not increased in last 7 years. there… pic.twitter.com/oUOW8ijYrr
— Press Trust of India (@PTI_News) October 23, 2024
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दिल्ली में पिछले 7 वर्षों में वरिष्ठ नागरिकों के लिए कोई नई पेंशन योजना नहीं शुरू की गई है. मौजूदा व्यवस्था में केवल 5.30 लाख लाभार्थियों को ही पेंशन दी जा रही है, जो अब अपर्याप्त है. राजस्व मंत्रालय द्वारा निर्धारित रिटायरमेंट एंगेल और पेंशन की अधिकतम सीमा को बढ़ाने की आवश्यकता है. गुप्ता ने इस मुद्दे को विधानसभा में भी उठाया था, लेकिन सरकार की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया.
कार्रवाई की मांग: विजेंद्र गुप्ता ने समाज कल्याण मंत्री को एक पत्र लिखकर 80 हजार रिक्तियों के बदले नए पेंशन आवेदनों को स्वीकार करने की मांग की है. उन्होंने कहा कि इन रिक्तियों के माध्यम से बहुत से योग्य बुजुर्गों को पेंशन मिल सकती है, जिससे उनका जीवन स्तर बेहतर हो सकेगा.
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