सीहोर। बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने का दावा करने वाले स्वास्थ्य विभाग की पहली बारिश ने पोल खोलकर रख दी है. शुक्रवार को तड़के हुई जोरदार बारिश ने सीहोर जिला अस्पताल ट्रामा सेंटर के घटिया निर्माण कार्य को उजागर कर दिया. मानसून की पहली बारिश में ही आईसीयू की छत जगह-जगह से टपकने लगी, जिससें उपचाररत गंभीर मरीजों के कई घंटे मुसीबतों से भरे गुजरे. छत से टपकते पानी के कारण मरीज और उनका सामान भी भीग गया. निर्माण एजेंसी और अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही का खामियाजा गंभीर मरीजों को उठाना पड़ रहा है, यहां मरीज दिनभर परेशान होते रहे.
सर्जीकल वार्ड में किया शिफ्ट, लेकिन पलंग नहीं मिले
गौरतलब है कि शुक्रवार अल सुबह नगर में तेज बारिश हुई, जिला अस्पताल के आईसीयू वार्ड की छत जगह-जगह से लीकेज होने के कारण टपकती रही. जिसके चलते आईसीयू वार्ड पानी से भरा गया और जहां पर भर्ती गंभीर मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा. लीकेज की समस्या के कारण मरीजों को अन्य वार्डों में शिफ्ट किया गया. शिफ्टिंग के कारण गंभीर मरीज घंटों परेशान नजर रहे. ग्राम बिजलोन के रहने वाले जमनाप्रसाद कुशवाह ने बताया कि वह दमा के मरीज हैं और सांस लेने में काफी समस्या हो रही थी, इसलिए उन्हें आईसीयू में भर्ती कराया गया था. सुबह पांच बजे से छत टपक रही है पूरा वार्ड में पानी भरा गया, पलंग भी भीग गए. स्टाफ लापरवाही बरत रहा है, सर्जीकल वार्ड में शिफ्ट किया है लेकिन वहां पलंग ही नहीं.
समस्या की अनदेखी
गौरतलब है कि जिला अस्पताल में पीआईयू विभाग द्वारा तीन वर्ष पूर्व ही ग्राउण्ड तल पर दस बेड का आईसीयू निर्मित किया गया था, लेकिन घटिया निर्माण के चलते छत से लीकेज की समस्या शुरुआत से ही बनी है. आईसीयू स्टाफ ने बताया कि छत टपकने की समस्या से जिम्मेदारों को अवगत करा चुके थे और कई बार लिख कर प्रबंधन को दे चुके थे. अब सवाल यह है कि जब हर बारिश में यहां लीकेज की समस्या बनी रहती है तो फिर जिला अस्पताल प्रबंधन द्वारा कोई ठोस उपाय क्यो नहीं किए गए.
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सुधार कार्य के दिए निर्देश
जिला अस्पताल के सिविल सर्जन प्रवीण गुप्ता का कहना है कि '' PWD की शाखा पीआईयू ने यह काम किया है, लीकेज की समस्या आ रही है. पहले भी कभी-कभी पानी आता था, शुक्रवार को कुछ ज्यादा आ गया. पीआईयू और एनएचएम के इंजीनियर मिलकर समस्या का निराकरण करेंगे. वार्ड खाली कराया गया है.''