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पिछली गलती दोहराना नहीं चाहते पीएम मोदी, सीमांचल और मगध दौरा से आठ लोकसभा सीटों पर साधा निशाना - PM Modi In Bihar

PM Modi In Bihar: लोकसभा चुनाव को लेकर पीएम मोदी ने ताबड़तोड़ चुनाव प्रचार शुरू कर दिया है. मंगलवार को बिहार में एक ही दिन में उन्होंने दो चुनावी सभा की. पहली सभा जहां मगध की धरती पर हुई, तो वहीं दूसरी सीमांचल में. दोनों ही जगह पीएम मोदी ने हुंकार भरते हुए महागठबंधन पर रणनीतिक तौर पर हमला बोला.

PM Modi In Bihar
सीमांचल और मगध दौरा से आठ लोकसभा सीटों पर साधा निशाना
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Apr 16, 2024, 9:11 PM IST

देखें लोकसभा का रण

पटना: लोकसभा चुनाव के दौरान बिहार में पहली बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक दिन में दो चुनावी सभा की. उन्होंने पहली सभा महात्मा बुद्ध की धरती गया लोकसभा क्षेत्र में की. जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जीत राम मांझी और सुशील सिंह के लिए वोट मांगा. इस दौरान उन्होंने लालू यादव पर जमकर हमला बोला. वहीं, पूर्णिया लोकसभा सीट पर पीएम मोदी ने जदयू प्रत्याशी संतोष कुशवाहा को त्रिकोणात्मक लड़ाई से बाहर निकालने की कोशिश की.

राजद को बेनकाब करने की कोशिश: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को एनडीए के आठ लोकसभा क्षेत्र को साधने की कोशिश की. एक दिन में दो चुनावी सभा कर पीएम मोदी ने तेवर दिखलाएं. पीएम मोदी ने परिवारवाद जंगल राज और भ्रष्टाचार के मुद्दे पर राजद को बेनकाब करने की भी कोशिश की. मगध क्षेत्र में जहानाबाद, गया, औरंगाबाद और नवादा लोकसभा क्षेत्र को पीएम मोदी फुल प्रूफ करना चाहते थे. इसके अलावा सीमांचल के चार लोकसभा क्षेत्र पूर्णिया, कटिहार, अररिया, किशनगंज, लोकसभा सीट को भी साधने की कोशिश हुई.

मगध क्षेत्र के चारों लोकसभा सीट पर एनडीए: बता दें कि सीमांचल के चार में से तीन सीट पर जदयू का कब्जा है और एक बीजेपी के खाते में है. मगध क्षेत्र के तीन लोकसभा सीट पर भाजपा का कब्जा है, तो एक लोकसभा सीट पर जदयू का कब्जा है. मगध क्षेत्र के चारों लोकसभा सीट एनडीए के पास हैं.

ईटीवी भारत GFX.
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सीमांचल में दोनों दल के बराबर विधायक: 2020 के विधानसभा चुनाव में महागठबंधन मगध क्षेत्र में मजबूत होकर उभरी थी. 26 में से 20 सीटों पर महागठबंधन ने जीत हासिल की थी, जबकि सीमांचल इलाके में 2020 के विधानसभा चुनाव में महागठबंधन को 17 सीटों पर जीत मिली थी तो एनडीए के खाते में 23 विधानसभा सीट गई थी. सीमांचल में बीजेपी के आठ विधायक हैं तो जदयू के चार विधायक है. कुल मिलाकर 12 विधायक एनडीए के हैं और महागठबंधन के भी 12 विधायक हैं. विधायकों की ताकत के लिहाज से दोनों गठबंधन आमने-सामने हैं.

पासवान वोट पाने की उम्मीद: गया लोकसभा सीट हॉट सीट है और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी हम पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं. जीतन राम मांझी का मुकाबला कृषि मंत्री कुमार सर्वजीत के साथ है. कुमार सर्बजीत पासवान जाति से आते हैं और लालू प्रसाद यादव को इस बात की उम्मीद है कि पासवान जाति का कुछ वोट राष्ट्रीय जनता दल के साथ आ सकता है.

जीतन राम मांझी का पाला भारी: जीतन राम मांझी का दावा इसलिए भी मजबूत है कि वह वहां के स्थानीय कैंडिडेट हैं. इसके अलावा इस बार उन्हें एनडीए का टिकट मिला है. जीतन राम मांझी पूर्व मुख्यमंत्री रह चुके हैं और उनके बेटे संतोष सुमन बिहार सरकार में मंत्री हैं. दोनों नेताओं के प्रभाव का फायदा एनडीए को मिल सकता है.

वोट बैंक में नहीं होगा बिखराव: पिछले लोकसभा चुनाव में जीतन राम मांझी को 314000 वोट हासिल हुए थे और वह लगभग डेढ़ लाख वोटों से चुनाव हारे थे. पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी जीत को लेकर सकारात्मक है. जीतन राम मांझी को एनडीए की टिकट पर उम्मीद है. मुसहर जाति के वोट बैंक में बिखराव नहीं होगा.

ईटीवी भारत GFX.
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गया में यादव की तादाद अधिक: गया लोकसभा सीट में सबसे ज्यादा यादव मतदाताओं की तादाद है, जो की 15% है. इसके बाद मांझियों का वोट है, जो कि 14.5% है. यहां कुर्मी कुशवाहा, वैश्य, ब्राह्मण, राजपूत, पासवान वोट चुनाव में निर्णायक साबित होते हैं. पिछले चुनाव के आंकड़े के अनुसार यादव वोटों की संख्या ढाई लाख के करीब है. वहीं, वैश्य वोट की संख्या 2 लाख है. महादलित वोटरों की भी संख्या ढाई लाख के आसपास है. मुस्लिम वोट 10% के आसपास हैं. भूमिहार और राजपूत वोटरों को मिलकर भी यह संख्या ढाई लाख के आसपास बताई जाती है.

पूर्णिया सीट पर त्रिकोणात्मक मुकाबला: पूर्णिया लोकसभा सीट भी एनडीए के लिए चुनौती है. पूर्णिया लोकसभा सीट पर त्रिकोणात्मक मुकाबला होता दिख रहा है. जदयू की ओर से संतोष कुशवाहा मैदान में है, तो राष्ट्रीय जनता दल ने गंगौता जाति से आने वाली जदयू की बागी विधायक बीमा भारती को मैदान में उतारा है. यहां भी लालू प्रसाद यादव को गंगौता वोट छिटकने की उम्मीद है. निर्दलीय पप्पू यादव ने मुकाबले को और दिलचस्प बना दिया है.

पूर्णिया का समीकरण: पप्पू यादव पूर्णिया सीट पर तीन बार सांसद रह चुके हैं. पप्पू यादव ने जीत का दावा किया है. पप्पू यादव ने कहा है कि पूर्णिया की जनता का समर्थन हमारे साथ है और लोकसभा चुनाव में हमारी जीत होगी. पूर्णिया लोकसभा सीट मुस्लिम डोमिनेंट माना जाता है. तकरीबन 4 लाख के आसपास मुस्लिम आबादी है. दूसरे स्थान पर दलित और आदिवासी हैं, जिनकी तादाद 5 लाख 50 हज़ार के आसपास है. यादव डेढ़ लाख और अति पिछड़ा डेढ़ लाख के आसपास हैं. तो वहीं, ब्राह्मण और राजपूत 125000 के आसपास हैं.

"पीएम मोदी को लोग सुनना चाहते हैं. प्रधानमंत्री ने गया और पूर्णिया में दो सभा की है. पिछले लोकसभा चुनाव में हम लोग सीमांचल में एक सीट हार गए थे. उसे कमी को पूरा करने के लिए पीएम आए थे. मगध क्षेत्र के सभी सीटों पर हमारा कब्जा था और आगे भी बरकरार रहेगा. भारतीय जनता पार्टी आसानी से 400 के लक्ष्य को हासिल कर लेगी. बिहार में हम सभी 40 सीट जीतने जा रहे हैं." - डॉ राम सागर सिंह, भाजपा प्रवक्ता

"2020 विधानसभा चुनाव के दौरान महागठबंधन ने शानदार प्रदर्शन किया था. हमने सीमांचल और मगध क्षेत्र के ज्यादातर सीटों पर जीत हासिल की थी. लोकसभा चुनाव में भी हम शानदार प्रदर्शन करने जा रहे हैं." - एजाज अहमद, राजद प्रवक्ता

"सीमांचल पर प्रधानमंत्री की विशेष नजर है. इस बार एनडीए किशनगंज लोकसभा सीट को भी जीतना चाहती है. मगध क्षेत्र में लालू प्रसाद यादव ने जातिगत आधार पर उम्मीदवार उतारे हैं और प्रयोग भी किया है. इसलिए यह सीट काफी महत्वपूर्ण है. प्रधानमंत्री यहां के पिछले नतीजे को दोहराने नहीं चाहते है." - डॉक्टर संजय कुमार, राजनीतिक विश्लेषक

इसे भी पढ़े- पीएम मोदी से लेकर तेजस्वी तक, ये 10 बड़े चेहरे जनता को कितना कर पाएंगे इंप्रेस! - Big Faces Of Lok Sabha Election

देखें लोकसभा का रण

पटना: लोकसभा चुनाव के दौरान बिहार में पहली बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक दिन में दो चुनावी सभा की. उन्होंने पहली सभा महात्मा बुद्ध की धरती गया लोकसभा क्षेत्र में की. जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जीत राम मांझी और सुशील सिंह के लिए वोट मांगा. इस दौरान उन्होंने लालू यादव पर जमकर हमला बोला. वहीं, पूर्णिया लोकसभा सीट पर पीएम मोदी ने जदयू प्रत्याशी संतोष कुशवाहा को त्रिकोणात्मक लड़ाई से बाहर निकालने की कोशिश की.

राजद को बेनकाब करने की कोशिश: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को एनडीए के आठ लोकसभा क्षेत्र को साधने की कोशिश की. एक दिन में दो चुनावी सभा कर पीएम मोदी ने तेवर दिखलाएं. पीएम मोदी ने परिवारवाद जंगल राज और भ्रष्टाचार के मुद्दे पर राजद को बेनकाब करने की भी कोशिश की. मगध क्षेत्र में जहानाबाद, गया, औरंगाबाद और नवादा लोकसभा क्षेत्र को पीएम मोदी फुल प्रूफ करना चाहते थे. इसके अलावा सीमांचल के चार लोकसभा क्षेत्र पूर्णिया, कटिहार, अररिया, किशनगंज, लोकसभा सीट को भी साधने की कोशिश हुई.

मगध क्षेत्र के चारों लोकसभा सीट पर एनडीए: बता दें कि सीमांचल के चार में से तीन सीट पर जदयू का कब्जा है और एक बीजेपी के खाते में है. मगध क्षेत्र के तीन लोकसभा सीट पर भाजपा का कब्जा है, तो एक लोकसभा सीट पर जदयू का कब्जा है. मगध क्षेत्र के चारों लोकसभा सीट एनडीए के पास हैं.

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सीमांचल में दोनों दल के बराबर विधायक: 2020 के विधानसभा चुनाव में महागठबंधन मगध क्षेत्र में मजबूत होकर उभरी थी. 26 में से 20 सीटों पर महागठबंधन ने जीत हासिल की थी, जबकि सीमांचल इलाके में 2020 के विधानसभा चुनाव में महागठबंधन को 17 सीटों पर जीत मिली थी तो एनडीए के खाते में 23 विधानसभा सीट गई थी. सीमांचल में बीजेपी के आठ विधायक हैं तो जदयू के चार विधायक है. कुल मिलाकर 12 विधायक एनडीए के हैं और महागठबंधन के भी 12 विधायक हैं. विधायकों की ताकत के लिहाज से दोनों गठबंधन आमने-सामने हैं.

पासवान वोट पाने की उम्मीद: गया लोकसभा सीट हॉट सीट है और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी हम पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं. जीतन राम मांझी का मुकाबला कृषि मंत्री कुमार सर्वजीत के साथ है. कुमार सर्बजीत पासवान जाति से आते हैं और लालू प्रसाद यादव को इस बात की उम्मीद है कि पासवान जाति का कुछ वोट राष्ट्रीय जनता दल के साथ आ सकता है.

जीतन राम मांझी का पाला भारी: जीतन राम मांझी का दावा इसलिए भी मजबूत है कि वह वहां के स्थानीय कैंडिडेट हैं. इसके अलावा इस बार उन्हें एनडीए का टिकट मिला है. जीतन राम मांझी पूर्व मुख्यमंत्री रह चुके हैं और उनके बेटे संतोष सुमन बिहार सरकार में मंत्री हैं. दोनों नेताओं के प्रभाव का फायदा एनडीए को मिल सकता है.

वोट बैंक में नहीं होगा बिखराव: पिछले लोकसभा चुनाव में जीतन राम मांझी को 314000 वोट हासिल हुए थे और वह लगभग डेढ़ लाख वोटों से चुनाव हारे थे. पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी जीत को लेकर सकारात्मक है. जीतन राम मांझी को एनडीए की टिकट पर उम्मीद है. मुसहर जाति के वोट बैंक में बिखराव नहीं होगा.

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गया में यादव की तादाद अधिक: गया लोकसभा सीट में सबसे ज्यादा यादव मतदाताओं की तादाद है, जो की 15% है. इसके बाद मांझियों का वोट है, जो कि 14.5% है. यहां कुर्मी कुशवाहा, वैश्य, ब्राह्मण, राजपूत, पासवान वोट चुनाव में निर्णायक साबित होते हैं. पिछले चुनाव के आंकड़े के अनुसार यादव वोटों की संख्या ढाई लाख के करीब है. वहीं, वैश्य वोट की संख्या 2 लाख है. महादलित वोटरों की भी संख्या ढाई लाख के आसपास है. मुस्लिम वोट 10% के आसपास हैं. भूमिहार और राजपूत वोटरों को मिलकर भी यह संख्या ढाई लाख के आसपास बताई जाती है.

पूर्णिया सीट पर त्रिकोणात्मक मुकाबला: पूर्णिया लोकसभा सीट भी एनडीए के लिए चुनौती है. पूर्णिया लोकसभा सीट पर त्रिकोणात्मक मुकाबला होता दिख रहा है. जदयू की ओर से संतोष कुशवाहा मैदान में है, तो राष्ट्रीय जनता दल ने गंगौता जाति से आने वाली जदयू की बागी विधायक बीमा भारती को मैदान में उतारा है. यहां भी लालू प्रसाद यादव को गंगौता वोट छिटकने की उम्मीद है. निर्दलीय पप्पू यादव ने मुकाबले को और दिलचस्प बना दिया है.

पूर्णिया का समीकरण: पप्पू यादव पूर्णिया सीट पर तीन बार सांसद रह चुके हैं. पप्पू यादव ने जीत का दावा किया है. पप्पू यादव ने कहा है कि पूर्णिया की जनता का समर्थन हमारे साथ है और लोकसभा चुनाव में हमारी जीत होगी. पूर्णिया लोकसभा सीट मुस्लिम डोमिनेंट माना जाता है. तकरीबन 4 लाख के आसपास मुस्लिम आबादी है. दूसरे स्थान पर दलित और आदिवासी हैं, जिनकी तादाद 5 लाख 50 हज़ार के आसपास है. यादव डेढ़ लाख और अति पिछड़ा डेढ़ लाख के आसपास हैं. तो वहीं, ब्राह्मण और राजपूत 125000 के आसपास हैं.

"पीएम मोदी को लोग सुनना चाहते हैं. प्रधानमंत्री ने गया और पूर्णिया में दो सभा की है. पिछले लोकसभा चुनाव में हम लोग सीमांचल में एक सीट हार गए थे. उसे कमी को पूरा करने के लिए पीएम आए थे. मगध क्षेत्र के सभी सीटों पर हमारा कब्जा था और आगे भी बरकरार रहेगा. भारतीय जनता पार्टी आसानी से 400 के लक्ष्य को हासिल कर लेगी. बिहार में हम सभी 40 सीट जीतने जा रहे हैं." - डॉ राम सागर सिंह, भाजपा प्रवक्ता

"2020 विधानसभा चुनाव के दौरान महागठबंधन ने शानदार प्रदर्शन किया था. हमने सीमांचल और मगध क्षेत्र के ज्यादातर सीटों पर जीत हासिल की थी. लोकसभा चुनाव में भी हम शानदार प्रदर्शन करने जा रहे हैं." - एजाज अहमद, राजद प्रवक्ता

"सीमांचल पर प्रधानमंत्री की विशेष नजर है. इस बार एनडीए किशनगंज लोकसभा सीट को भी जीतना चाहती है. मगध क्षेत्र में लालू प्रसाद यादव ने जातिगत आधार पर उम्मीदवार उतारे हैं और प्रयोग भी किया है. इसलिए यह सीट काफी महत्वपूर्ण है. प्रधानमंत्री यहां के पिछले नतीजे को दोहराने नहीं चाहते है." - डॉक्टर संजय कुमार, राजनीतिक विश्लेषक

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