बस्तीः जिले के पंचायत अधिकारी के भ्रष्टाचार के दावे की पोल सुभासपा सुप्रीम तक पहुंच गई. गौर विकास खण्ड के कुनगई बुजुर्ग गांव की विधवा महिला ने आरोप लगाया है कि प्रधानमंत्री आवास के लिए आवेदन किया था. लेकिन जांच करने पहुंचे सेकरेट्री देवकी नंदन ने रिश्वत की डिमांड की. जब उसने रिश्वत नहीं दिया तो उसका आवेदन निरस्त कर दिया, जिसकी वजह से उसे घर नहीं मिला. पीड़िता ने बताया कि उसने इसकी शिकायत जिले के जिम्मेदार अधिकारियों से भी की लेकिन सुनवाई नहीं हुई. इसके बाद शिकायत पंचायत राज विभाग के मंत्री ओमप्रकाश राजभर को पत्र लिखकर की की. इसके बाद मंत्री के प्रवक्ता पीयूष मिश्रा ने संज्ञान लेते हुए जिले के अधिकारियों को लेटर लिखकर कार्रवाई की है. पंचायती राज मंत्री ओम प्रकाश राजभर द्वारा लेकर लेटर निर्देशक पंचायती राज को 3 सितंबर को ही इंडोज कर दिया गया.
ग्रामीणों की मानें तो गांव से कुछ ही दूरी पर सेकरेट्री देवकी नंदन का घर भी है. जिसके कारण आस पास के क्षेत्र और राजनीति में अच्छी पकड़ सेकरेट्री रखता है.वहीं, शिकायतकर्ता विधवा महिला ने कहा कि जब इसकी शिकायत की जाती है तो किसी न किसी को प्रधान को भेजकर धमकी सेक्रेटरी द्वारा दी जाती है. देवकी नंदन सरकारी कामो में कम और राजनीतिक कार्यों में ज्यादा रुचि रखता है, जिसके चलते गांव का विकास ठप पड़ गया है.
जिलाधिकारी रवीश कुमार ने बताया कि गौर विकास खण्ड क्षेत्र के कुनगई बुजुर्ग में तैनात ग्राम पंचायत अधिकारी देवकी नंदन के खिलाफ शिकायती पत्र मिला है. जिसकी जांच विकास विभाग भेज दिया गया है. साक्ष्य के आधार पर कार्रवाई की जाएगी.
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