रामपुर: समेज त्रासदी को 20 दिन बीत चुके हैं. प्रशासन ने 1 अगस्त से लापता लोगों को ढूंढने के लिए सर्च ऑपरेशन चलाया था. अभी तक केवल 14 लोगों के शव ही बरामद हुए हैं. अभी भी 22 लोगों का कोई सुराग नहीं चल पाया है.
ग्राम पंचायत प्रधान मोहन लाल कपाटीया ने बताया इन 14 शवों में से 10 लोगों की पहचान डीएनए टेस्ट से हुई है और 4 लोगों की पहचान शारीरिक तौर पर की गई है. सरकार ने प्रभावितों की सहमति के बाद सर्च ऑपरेशन को बंद कर दिया है. हालांकि सतलुज नदी के किनारे अभी भी सर्च ऑपरेशन जारी है.
बता दें कि 31 जुलाई की रात को समेज में भारी बाढ़ आने के कारण जान-माल का भारी नुकसान हुआ था. एक गांव के 36 लोग इस घटना में लापता हो गए थे. यह बाढ़ बादल फटने के कारण आई थी. आधी रात में आई इस बाढ़ का घर में सोए हुए लोगों को पता नहीं चल सका जिस कारण यह हादसा हुआ.
अब तक सभी शव सुन्नी डैम व सतलुज नदी के आसपास ही बरामद हुए हैं. समेज गांव में एक भी शव बरामद नहीं हुआ है. ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि पानी का बहाव कितना तेज होगा.
बता दें कि हिमाचल प्रदेश में इस साल कुल्लू, मंडी, शिमला, किन्नौर और लाहौल-स्पीति में बादल फटने की घटनाएं सामने आई हैं. इसमें करोड़ों रुपये की सरकारी और निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचा है. वहीं, कई लोगों ने अपनी जान भी गंवाई है.
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