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इस जिले में स्क्रब टायफस का आया पहला मामला, बुखार की शिकायत लेकर शख्स पहुंचा था अस्पताल - SCURB TYPHUS POSITIVE CASE - SCURB TYPHUS POSITIVE CASE

SCURB TYPHUS: हिमाचल में इन दिनों स्क्रब टायफस के मामले लगातार सामने आ रहे हैं. हिमाचल के हमीरपुर जिले में भी इस सीजन का पहला स्क्रब टायफस का मामला सामने आया है. डिटेल में पढ़ें खबर...

scrub typhus
स्क्रब टायफस (कॉन्सेप्ट इमेज)
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Aug 8, 2024, 10:14 PM IST

Updated : Aug 8, 2024, 10:27 PM IST

हमीरपुर: डॉ. राधाकृष्णन मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल हमीरपुर में एक व्यक्ति स्क्रब टायफस पॉजीटिव निकला है. उपचार के लिए पहुंचे व्यक्ति का जब वेइल फेलिक्स टेस्ट किया गया तो वह संक्रमित पाया गया.

इस बरसात के सीजन में जिले में यह पहला मामला आया है. जिला स्वास्थ्य विभाग ने स्क्रब टायफस से निपटने के लिए पुख्ता इंतजाम किए हैं. इसके लिए पीएचसी और सीएचसी स्तर पर व्यवस्था की गई है.

जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. संजय जगोता ने बताया "अस्पताल में स्क्रब टायफस का एक मामला सामने आया है. स्क्रब टायफस से निपटने के लिए अस्पताल में पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. सभी स्वास्थ्य संस्थानों में इसके उपचार की दवाइयां उपलब्ध हैं. सभी अस्पतालों में इसको लेकर दिशा निर्देश जारी किए गए हैं." वहीं, लोगों से अपील की गई है कि अगर किसी को व्यक्ति को हल्का बुखार भी आता है तो वह डॉक्टर की सलाह ले ताकि स्क्रब टायफस से बचा जा सके.

क्या होता है स्क्रब टायफस ?

स्क्रब टायफस एक संक्रमित बीमारी है. यह चिगर नामक कीड़े के काटने से होती है. इस कीड़े को आम बोलचाल की भाषा में पिस्सू भी कहते हैं. पिस्सू के काटने से 5 से 10 दिनों में व्यक्ति में लक्षण प्रतीत होने लगते हैं, यदि स्क्रब टायफस का इलाज समय पर नहीं लिया जाए, तो कोमा में जाने, ऑर्गन फेलियर होने से मौत तक हो सकती है. यह पिस्सू खासकर बरसात के दिनों में खेतों और घासनियों में पाया जाता है.

ये भी पढ़ें: हिमाचल में श्रद्धालुओं से भरी ट्रैक्टर ट्रॉली पलटी, करीब 25 लोग हुए घायल

हमीरपुर: डॉ. राधाकृष्णन मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल हमीरपुर में एक व्यक्ति स्क्रब टायफस पॉजीटिव निकला है. उपचार के लिए पहुंचे व्यक्ति का जब वेइल फेलिक्स टेस्ट किया गया तो वह संक्रमित पाया गया.

इस बरसात के सीजन में जिले में यह पहला मामला आया है. जिला स्वास्थ्य विभाग ने स्क्रब टायफस से निपटने के लिए पुख्ता इंतजाम किए हैं. इसके लिए पीएचसी और सीएचसी स्तर पर व्यवस्था की गई है.

जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. संजय जगोता ने बताया "अस्पताल में स्क्रब टायफस का एक मामला सामने आया है. स्क्रब टायफस से निपटने के लिए अस्पताल में पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. सभी स्वास्थ्य संस्थानों में इसके उपचार की दवाइयां उपलब्ध हैं. सभी अस्पतालों में इसको लेकर दिशा निर्देश जारी किए गए हैं." वहीं, लोगों से अपील की गई है कि अगर किसी को व्यक्ति को हल्का बुखार भी आता है तो वह डॉक्टर की सलाह ले ताकि स्क्रब टायफस से बचा जा सके.

क्या होता है स्क्रब टायफस ?

स्क्रब टायफस एक संक्रमित बीमारी है. यह चिगर नामक कीड़े के काटने से होती है. इस कीड़े को आम बोलचाल की भाषा में पिस्सू भी कहते हैं. पिस्सू के काटने से 5 से 10 दिनों में व्यक्ति में लक्षण प्रतीत होने लगते हैं, यदि स्क्रब टायफस का इलाज समय पर नहीं लिया जाए, तो कोमा में जाने, ऑर्गन फेलियर होने से मौत तक हो सकती है. यह पिस्सू खासकर बरसात के दिनों में खेतों और घासनियों में पाया जाता है.

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Last Updated : Aug 8, 2024, 10:27 PM IST
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